हरियाणा ने की यमुना का पानी बचाओ अभियान शुरू करने की मांग

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दिल्ली एवं केंद्र सरकार के समक्ष गंगा बचाओ की तर्ज पर प्रोजेक्ट लांच करने का प्रताव

चंडीगढ़, 5 जून । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गंगा बचाओ अभियान की तरह ही यमुना के पानी को बचाने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए केंद्र और दिल्ली सरकार से आग्रह किया गया है।
मुख्मयंत्री ने यह जानकारी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली का प्रदूषित पानी जो किसी भी रास्ते से यमुना में आता है, उसके लिए हमने केंद्र और दिल्ली सरकार को आग्रह किया है कि इसके लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि वृंदावन के लोगों की भी साफ पानी की मांग आई है कि वहां साफ सुथरा पानी पहुंचे इसलिए जिस तरह गंगा बचाओं अभियान चल रहा है वैसे ही यमुना के पानी को बचाने के लिए अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जून को दुनियाभर में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और इस बार भारत देश यूएनओ में होस्ट देश है। इस पर्यावरण दिवस का थीम बीट द प्लास्टिक पॉल्यूशन है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 5 सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया है। जिसके अंतर्गत सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थी अपने-अपने घर, बाहर या आस-पास के स्थान पर एक-एक पेड़ अपने हाथों से लगाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पानी खूले में बहता हैए उसे रोकने के लिए प्रदेश में पर्याप्त नल उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिक रण विभाग और शहरी स्थानीय निकाय विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीट द प्लास्टिक पॉल्यूशन थीम की ओर कदम बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में एकल उपयोग वाली पानी की बोतलों पर प्रतिबन्ध लगाया है। अब केवल बहुउपयोग में आने वाली पानी की बोतलों का ही उपयोग किया जाएगा। ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि पानी के पुनर्भरण पर बल देते हुए तीन महीनों के भीतर 10 नगरनिगमों की प्रत्येक सरकारी इमारतों में वर्षा के पानी का संग्रहण करने और पानी के पुनर्भरण के लिए 1000 गड्डे खोदने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेलोजेन और सोडियम बल्बों व टयूबलाइट्स को ऊर्जा दक्ष एलईडी बल्बस और टयूबलाइट्स से बदला जाएगा। प्रारम्भ में 15 अगस्त तक सरकारी भवनों में इन्हें बदलने का निर्णय लिया गया है। गुरुग्राम और फरीदाबाद में प्रदूषण के संबंध में सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वातावरण को प्रदूषित करने वाले बहुत से कारण हैं, जिनमें यातायात, खेतों में पराली जलानाए इंडस्ट्री पॉल्यूशन, निर्माण कार्य इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केजीपी के उदघाटन के बाद 40 हजार वाहन उस मार्ग पर चलने लगे है जिसकी वजह से इन क्षेत्रों में वाहनों की आवजाही कम हुई है, जिससे अब यहां प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी।

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