लखनऊ में राम मनोहर लोहिया अस्पताल का आयुर्विज्ञान संस्थान में विलय करने का विरोध

Font Size

बार एसोसिएशन एवम सामाजिक संगठनों ने दिया धरना

केवल एक रु के पर्चे पर होने वाले इलाज को 250 रु करने की जुगत में है सरकार

लखनऊ। समाज के अंतिम आदमी को मुफ्त ईलाज के मकसद से चल रहे डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल को डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में विलय करनें के सरकार के फैसले के खिलाफ तमाम बार एसोसिएशन और संगठनों नें आज हजरतगंज स्थित गाँधी प्रतिमा पर धरना दिया |

मात्र 1 रूपए के पर्चे पर होने वाला निःशुल्क इलाज, डा. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में विलय होनें से पीजीआई की तरह न सिर्फ 250 रूपए का परचा हो जायेगा बल्कि अंतिम-आदमीं को मिलनें वाली तमाम निशुल्क सुविधाएं भी ख़त्म हो जाएँगी | विरोध इस बात का है कि आटोनामस, अर्धसरकारी अस्पताल संस्थान खुलें परन्तु गरीबों को मात्र 1 रूपए के पर्चे पर मिलनें वाले ईलाज पर नहीं |

अस्पताल बचाओ आन्दोलन को समर्थन देनें आये एएफटी बार एसोसिएशन श्री डी.एस. तिवारी नें कहा कि अंतिम आदमीं को चिकित्सा मुहैया कराना सरकार का काम है उसे करनें के बजाये जो अस्पताल गरीबों का इलाज लगभग मुफ्त में कर रहे हैं उसका भी विलय करना अत्यंत निंदनीय है वही लीगल सेल चेयरमैन श्री गंगाराम नें बताया कि मुलभुत सुविधाओं से वंचित करनें का प्रयास बेहद शर्मनाक है |

एडवोकेट विजय कुमार पाण्डेय नें कहा कि यदि सरकार का रवैया अंतिम आदमी के लिए सकारात्मक होकर विलय का फैसला न वापिस हुआ तो अंतिम आदमी को इंसाफ दिलानें के लिए अदालत से गुहार लगाई जाएगी |

युवा चर्चित वकील अमित सचान नें बताया कि ईलाज पाना नागरिक की मूलभूत अधिकार है जिसे सर्कार को सुनिश्चित करना होगा अन्यथा बजरिये अदालत सुनिश्चित कराया जायेगा |

सामाजिक चिन्तक प्रताप चन्द्रा नें कहा कि डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल का विलय करोणों रुपये के घोटाले की तैयारी है और इसमें राजनितिक साजिश की बू आती है क्यूंकि सपा सरकार द्वारा तैयार कराये गए अस्पताल को अपने खाते में गिनाने के लिए विलय की योजना तैयार की गई है, सरकारें महापुरुषों के नाम पर राजनीती करती हैं किसी और पार्टी के आदर्श महापुरुष को बर्दाश्त करना नहीं चाहती जैसे पिछली सपा सरकार नें भी कालोनी का नाम कांशीराम होनें की वजह से कालोनीवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रक्खा अब यही काम वर्तमान सरकार कर रही है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है |सामाजिक चिन्तक प्रताप चन्द्रा नें कहा कि डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल का विलय करोणों रुपये के घोटाले की तैयारी है और इसमें राजनितिक साजिश की बू आती है क्यूंकि सपा सरकार द्वारा तैयार कराये गए अस्पताल को अपने खाते में गिनाने के लिए विलय की योजना तैयार की गई है, सरकारें महापुरुषों के नाम पर राजनीती करती हैं किसी और पार्टी के आदर्श महापुरुष को बर्दाश्त करना नहीं चाहती जैसे पिछली सपा सरकार नें भी कालोनी का नाम कांशीराम होनें की वजह से कालोनीवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रक्खा अब यही काम वर्तमान सरकार कर रही है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है |

धरने में मुख्य रूप से समाजसेवी श्री एम्. एल. गुप्ता, टीडी गर्ल्स इंटर कालेज के चेयरमैन श्री एम्.पी. यादव, महिला ब्रिगेड अध्यक्ष श्रीमती कान्ति पाण्डेय, नर्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष श्री अशोक कुमार सहित तमाम नागरिक शामिल हुए |

You cannot copy content of this page