चित्रकला दिवस के उपलक्ष्य में रॉकफोर्ड कान्वेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल में चित्रकला प्रतियोगिता
चित्रकला के सहारे बेजुबान भी अपने भाव बखूबी व्यक्त कर सकता है : मुकेश डागर
बच्चों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से कागज पर उतार कर किया चकित
जूनियर ग्रुप में प्रथम देव , द्वितीय अंशु तथा तृतीय निकुंज शर्मा रहे
सीनियर ग्रुप में दृष्टि प्रथम, गरिमा द्वितीय जबकि कुमार अंकित ने तृतीय स्थान हासिल किया
गुरुग्राम : “चित्रकला वह कला है जिसके सहारे बेजुबान भी अपने भाव को बखूबी व्यक्त कर सकता है. जब एक चित्रकार रंगों के माध्यम से अपने भाव को सज़ाता है तो वह दुनिया की अनमोल कृति बन जाती है. इसमें प्रकृति और संसार दोनों समा सकते हैं. यह कलाकार के लिए प्रकृति की ऐसी देंन है जिसका कोई दूसरा उदाहरण संसार में नहीं मिलता है.
यह विचार रॉकफोर्ड कान्वेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल के संचालक मुकेश डागर ने व्यक्त किया. श्री डागर बुधवार 16 मई को चित्रकला दिवस के उपलक्ष्य में रॉकफोर्ड कान्वेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों और कलाकार शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे. इस ख़ास प्रतियोगिता का आयोजन बच्चों में चित्रकला की प्रतिभा को उभारने के लिए किया गया. इसमें कक्षा प्रथम से दसंवी तक के सभी विद्यार्थियों को अपने भावों को चित्रित करना का मौका मिला |
इस अवसर पर कला अध्यापकों ने चित्रकला के महत्त्व को विस्तार से समझाया तथा बच्चों को अपने अंतर ह्रदय के भावों एवं मन के विचारों को चित्र के रूप में उकेरने को प्रोत्साहित किया| चित्रकला शिक्षकों ने कहा कि एक कलाकार अपने वक़्त से आगे सोचता है. उसकी परिकल्पना हमेशा अतीत को वर्त्तमान से जोडती है जबकि भविष्य के तानेबाने बुनती है. यह बात सिद्ध भी हुई है क्योंकि यदि हम अपना इतिहास खगालें तो पाते हैं कि हमारे देश में कितने ही ऐसे महान कलाकार हुए जिन्होंने आधुनिक भारत को हजारों वर्षों पूर्व ही चित्रित कर दिया था|
चित्रकला प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थिओं के कई ऐसे भाव कागज पर देखने को मिले जो सामान्यतया कल्पना से परे थे | कुछ विद्यार्थिओं ने चित्रकारी के साथ -साथ कागज़ पर अपने मन के भावों को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया जो बेहद अर्थपूर्ण थे |
प्रतिभागी बच्चों को संबोधित करते हुए स्कूल की प्रबंधक नीता डागर ने बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि “कलाकार और डाक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है क्योंकि डाक्टर जिंदगी बचाता है और कलाकार जिंदगी संवारता हैं चाहे वह परदे पर हो या कागज़ पर| ”
आज आयोजित प्रतियोगिता में जूनियर ग्रुप में प्रथम देव , द्वितीय अंशु तथा तृतीय निकुंज शर्मा रहे जबकि सीनियर ग्रुप में दृष्टि प्रथम, गरिमा द्वितीय तथा कुमार अंकित तृतीय स्थान पर रहे. स्पेशल ग्रुप में आर्यन सैनी व शुभांकर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया . स्कूल की प्रधानाचार्या रेनू चौहान ने बच्चों का उत्साह वर्धन किया तथा अपनी कला को ऐसे ही तरासते रहने को सीख दी |