17 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करो वरना कारवाई होगी
नई दिल्ली : संसदीय सचिव बनाए जाने के मामले में बुरे फंसे आम आदमी पार्टी के उन 21 विधायकों को चुनाव आयोग ने अपने जवाब दाखिल करने के लिए अब आखिरी मौका देते हुए अल्टीमेटम दे दिया है जिन पर ऑफिस ऑफ प्रोफिट का आरोप है. इन विधायकों ने इसके लिए चुनाव आयोग से 8 सप्ताह का समय मांगा था लेकिन आयोग ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है।
जाहिर है आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सभी विधायकों को 17 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं किए जाने पर आयोग बिना विचार किए कारवाई करने को स्वतंत्र होगा। आयोग यह भी मान लेगा कि विधायकों के पास जवाब देने के लिए कोई तथ्य नहीं है . मान जा रहा है कि अब इन 21 विधायकों की सदस्यता पर खतरे में है.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चुनाव आयोग में अब तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। आयोग कि ओर से इसके लिए सात अक्टूबर तारीख निर्धारित थी। अब चुनाव आयोग ने इस मामले में 17 अक्टूबर अंतिम तारीख निर्धारित कर दी है।
गौरतलब है कि इस संदर्भ में एक याचिका दायर करते हुए कहा गया है कि संसदीय सचिव का पद लाभ का पद है. ऐसे में इन विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। इस पर सज्ञान लेते हुये निर्वाचन आयोग ने सभी विधायकों से अपना जवाब 17 अक्टूबर तक फाइल करने को कहा है . याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट से भी 14 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया था। उन्हें अब 21 अक्टूबर तक की छूट दी गई है।
सभी विधायकों ने आयोग से शिकायत के साथ भेजे गए 2500 पेजों की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी मुहैया कराने की मांग की। आयोग ने कहा है कि इसकी कॉपी दिल्ली सरकार को भेज दी गई है।
इधर दिल्ली सरकार का मानना है कि अब जब संसदीय सचिव ही नहीं हैं तो चुनाव आयोग किस बात पर निर्णय देगा। केजरीवाल सरकार यह मान बैठी है कि हाई कोर्ट के आदेश का उन्हें चुनाव आयोग में पूरा लाभ मिलने की उम्मीद है।