कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के धब्बे लगे हैं : सलमान खुर्शीद

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अलीगढ यूनिवर्सिटी के छात्र के सवाल पर दिया था जवाब 

अपने बयान से पलटे कांग्रेस नेता

कहा, मैंने अपने हाथ पर खून लगे होने की बात कही थी

अलीगढ़ :  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सलमान खुर्शीद अपने एक विवादित बयान से बुरे फंस गए हैं. उनका यह कदम उनकी पार्टी के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है.  खबर है कि अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी के सालाना जलसे में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने यूनिवर्सिटी के एक छात्र के सवाल के जवाब में कह दिया कि कांग्रेस पार्टी के दामन पर मुसलमानों के खून के धब्बे लगे हैं। यह बयान कांग्रेस नहीं वहाँ मौजूद सभी को हतप्रभ कर दिया. इसको लेकर उन्हें अब सफाई देनी पड़ रही है.

 

सलमान खुर्शीद के इस बयान पर पार्टी की फजीहत हो रही है. इस पर देश में वाद विवाद होने लगा है. मीडिया ने भी इस बयां को हाथों हाथ लिया है. इस माले में जब मिडिया ने उनसे बात की तो सलमान ने अपनी सफाई में कहा कि यह कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि मेरी निजी राय थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सदस्य के रूप में मैने अपनी पोजीशन का बचाव किया। उन्होंने उस बयां से लगभग पल्ल झाड़ते हुए कहा कि मैंने खून के दाग पार्टी के हाथ पर नहीं बल्कि मैंने अपने हाथ पर लगे होने की बात कही थी।

 

उल्लेखनीय है कि अलीगढ यूनिवर्सिटी के एक छात्र आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से दंगों और बाबरी मसजिद पर सवाल किय. आयोजकों ने उक्त छात्र को सवाल पूछने से रोकने की कोशिश की। इस पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि हालांकि ये राजनीतिक प्रश्न है लेकिन इन्हें सवाल करने दीजिए। इसके बाद छात्र ने सवाल किया कि 1948 में एएमयू एक्ट में पहला संशोधन हुआ। उसके बाद 1950 में प्रेसिडेंशल ऑर्डर जिसमें मुस्लिम दलितों से एसटी/एससी आरक्षण का हक छीना गया। इसके बाद हाशिमपुरा, मलियाना, मुजफ्फरनगर के दंगे में मुसलमानों का बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ।

 

उसने कहा कि इसके अलावा बाबरी मस्जिद के दरवाजे खुलवाना, बाबरी मस्जिद में मूर्तियों का रखवाना और फिर बाबरी मस्जिद को गिराना , ये सभी घटनाएं कांग्रेस की सरकार के जामने में हुआ। इन सारी घटनाओं का जिक्र करते ही आमिर ने खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन शब्दों से धोएंगे ?

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