अदालत ने कहा इस प्रकार की याचिका राजनीतिक कारणों से डाली गई
याचिका कर्ता के वकीलों से कहा , ऐसे पी आई एल केवल बीजनेस व राजीनीतिक लाभ लेने के लिए लाये गए
याचिका आधारहीन और झूठ पर आधारित
याचिका डालने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाया जाना चाहिए
नई दिल्ली । देश के सर्वोच्च अदालत ने आज जज लोया कांड की दोबारा जांच करने वाली पीआई एल याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि इस प्रकार के पी आई एल केवल राजनीतिक और बीज इस स्कोर सेट करने के लिए डाले जा रहे है। इससे अदालत की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही। अदालत ने यह भी कहा कि जज लोय कांड की जांच सही तरीके सी की गई है और इसमें प्रस्तुत साक्ष्य व प्रमाण किसी भी प्रकार से अविश्वसनीय नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और इस और इस पर फैसला सुनाया। खंडपीठ में शामिल जज चंदचूड़ ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि जज लोय कांड की दोबारा जांच की मांग करने वाली याचिका पूरी तरह आधारहीन और फर्जी किस्म की है। यह याचिका केवल राजनीतिक कारणों से लगयी गयी लगती है। इसका कोई आधार नहीं है।
अदालत ने कहा कि इस प्रकार की याचिका जानबूझ कर अदालत की छवि खराब करने के लिए डाली जा रही है। इससे अदालत का वक्त बर्बाद होता है और दूसरे महत्व पूर्ण व जरूरी मामले सुनने में देरी होती है।
अदालत ने कहा कि इस प्रकार की याचिका डॉनर वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। जज चंद्रचूड़ नर कहा कि जज लोय कांड की जांच के दौरान जिन साथी जजों के बयान लिए गए है उस पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं दिखता।