शीतला माता का प्रसाद अब पॉलीथिन नहीं जूट के बैग में मिलेगा : पं. अमरचंद

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पॉलीथिन प्रयोग हुआ तो रद्द होगा तहबाजारी का ठेका

दुकानों पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पुलिस वैरिफिकेशन भी होगा 

सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन की तरफ से आई कार्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा

गुरुग्राम, 25 फरवरी: श्री माता शीतला मंदिर प्रशासन की रविवार को हुई बैठक में तहबाजारी का नया टैंडर जारी किया गया। इसके अलावा मंदिर प्रबंधन व प्रसाद बिक्री आदि प्रावधानों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। उक्त जानकारी देते हुए श्रीमाता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य व आचार्य पुरोहित संघ के अध्यक्ष पं. अमरचंद भारद्वाज ने बताया कि तहबाजारी की टैंडर की शर्तों के तहत जिन दुकानों पर माता का प्रसाद बिक्री किया जाता है उन दुकानों पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पुलिस वैरिफिकेशन कराने के साथ उन्हें मंदिर प्रशासन की तरफ से आई कार्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उनकी पहचान हो सके और यदि श्रद्धालुओं के साथ कोई गलत व्यवहार करता है तो उसकी पहचान हो सके।

इसके अलावा ठेकेदार को मंदिर प्रशासन द्वारा टैंडर की शर्तों का पूरी तरह से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया। इसमें विशेष यह है कि अब शीतला माता का प्रसाद कोई भी दुकानदार पॉलीथिन में नहीं बेचेगा बल्कि जूट के बैग में प्रसाद बिक्री सुनिश्चित होगी। अगर इस शर्त की उल्लंघन पाया गया तो ठेकेदार का टैंडर भी रद्द किया जा सकता है। पं. अमरचंद ने कहा कि यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए लिया गया है। जिला परिषद की सीईओ चिनार चहल ने जिला उपायुक्त के प्रतिनिधि के रुप में बैठक में उपस्थित होकर टैंडर की प्रक्रिया पूरी कराई। इस दौरान मंदिर के सीईओ वत्सल वशिष्ठ भी मौजूद रहे।

चिनार चहल ने बताया कि इस बार शीतला माता मंदिर परिसर में प्रसाद बिक्री के लिए 5 करोड़ 22 लाख में टेंडर जारी किया गया है जबकि तहबाजारी का यही टैंडर 3 करोड़ 25 लाख का था। वहीं मुंडन हॉल का ठेका 2 करोड़ 13 लाख में दिया गया जबकि यही ठेका पिछले साल 1 करोड़ 27 लाख का था। उन्होंंने यह भी कहा कि अगर मुंडन के लिए निर्धारित राशि 51 रुपए से अधिक लिया गया तो उक्त ठेकेदार के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ठेका रद्द भी किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुंडन हॉल की तरफ कोई नुकसानदायक जीव, सर्प, बिच्छू आदि रखा गया तो इसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि टैंडर की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ पूरी की गई है।

पं भारद्वाज ने कहा कि इस बार बड़ पीपल का ठेका नहीं किया जा सका क्योंकि अगले दो माह के अंदर मंदिर के चेयरमैन एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया जाएगा। इसके बाद मंदिर का भव्य निर्माण कराया जाएगा। बैठक के दौरान बोर्ड मेंबर ब्रह्मप्रकाश कौशिक, मंदिर के अधीक्षक सतबीर, अकाउंटेंट सुरन्द्र सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर पंकज शैकीन, अरविंद, सुरक्षा अधिकारी सुरेन्द्र शर्मा, मंदिर के चौकी इंचार्ज राजेन्द्र सिंह के अलावा राज कुमार कटारिया ठेकेदार, नवीन हरजीत सिंह, प्रमोद कटारिया, प्रदीप बाल्मीकि, अजीत कटारिया, जसवंत सिंह, कर्ण कटारिया व जॉनी आदि काफी लोग मौजूद रहे।

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