प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल मुंबई में जेएनपीटी के चौथे कंटेनर टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे

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पहला चरण 4,719 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ

यह देश में कंटेनर व्यापार एवं लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के चौथे कंटेनर टर्मिनल (एफसीटी) का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही, जेएनपीटी अपनी कंटेनर संचालन क्षमता को दोगुनी कर लेगा। नया एफसीटी पहले चरण के दौरान प्रति वर्ष 24 लाख कंटेनरों की क्षमता जोड़ेगा और 2022 में दूसरे चरण के पूरे हो जाने के बाद जेएनपीटी की क्षमता प्रति वर्ष 100 लाख कंटेनरों की हो जाएगी।

चौथे कंटेनर टर्मिनल का विकास 7915 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 30 वर्षों की रियायत अवधि के लिए डिजाइन, बिल्ट, फंड, ऑपरेट एवं ट्रांसफर (डीबीएफओटी) आधार पर किया गया है। इस परियोजना का कार्यान्वयन दो चरणों-प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण में किया जा रहा है। परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्तूबर, 2015 में किया था एवं पहला चरण 4,719 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड समय में पूरा हो गया है।

इस टर्मिनल को समर्पित रेल माल गलियारे से जोड़ा जाएगा और यह लगभग 350 कंटेनर प्रति रेक प्राप्त करने में समर्थ होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने एवं ‘मेक इन इंडिया‘ कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए इस विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में रहा है। इस मामले में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट भविष्य के लिए तैयारी करने एवं सागरमाला कार्यक्रम के तहत बंदरगाह आधारित विकास के भारत सरकार के विजन में योगदान देने की दिशा में हरसंभव कदम उठा रहा है।

केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जल संसाधन मंत्री श्री नितिन गडकरी कहते हैं कि ‘ जैसीकि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिबद्धता की गई है, टर्मिनल का पहला चरण रिकॉर्ड समय में तैयार हो गया है। लॉजिस्टिक्स की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और सरकार विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक्स एवं अवसंरचना सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे कि व्यापार और अधिक फले फूले।‘

सागरमाला कार्यक्रम के तहत, 2.5 लाख करोड़ रुपये की 101 परियोजनाओं की महाराष्ट्र में योजना बनाई गई है। इनमें से 5 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और 58 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में प्रगति पर हैं।

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