आई टी प्लाट का सीएलयू कमर्शियल करने से सख्त नाराज हैं कैप्टन अभिमन्यू

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हरियाणा के वित्त मंत्री ने कहा ,यह निर्धारित मानदंडों के खिलाफ 

इसके कारण राज्य सरकार के खजाने को नुकसान हुआ

राजस्व वसूली के मामले में बजट का अनुमान हुआ फेल 

खजाने में कुल राजस्व अनुमान का 56 प्रतिशत व जीएसटी, अनुमान का केवल 66 प्रतिशत आया 

पैसे जुटाने के लिए वित्त मंत्री ने एक मुश्त वसूली योजना की संभावना टटोलने को कहा 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

 
चंडीगढ़, 10 जनवरी : हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) में आईटी भूमि को मानदंडों के खिलाफ वाणिज्यिक उपयोग में बदलने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। प्रदेश के बड़े अधिकारियों की बैठक में उन्होंने खुलेआम कहा सरकार के इस निर्णय के फलस्वरूप ही राज्य में भारी राजस्व हानि हुई है । इस कदम से राज्य में आईटी उद्योग भी अव्यवहार्य बना दिया गया है। उन्होंने इस मामले में राजस्व विभाग को शीघ्र आवश्यक कदम उठाने को कहा। समझा जाता है कि वित्त मंत्री इस बात से परेशान हैं कि उनके द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए प्रस्तुत हरियाणा के बजट का अनुमान राजस्व वसूली के मामले में फेल हो रहा है। नवंबर 2017 तक सरकारी खजाने में आई राशि ने वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की चिंता बढा दी है।

इस बात के संकेत आज अधिकारियों की हुई बैठक से मिले । वित्त मंत्री जो आज यहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, ने राजस्व विभाग को प्राथमिकता के आधार पर परिसम्पत्ति प्रबंधन प्रकोष्ठ (एसेट मैनेजमेंट सेल) को पूरी तरह से कार्यान्वित करने के लिए कहा ताकि राज्य के भीतर और बाहर राज्य की सभी परिसंपत्तियों के मानचित्रण का कार्य पूरा किया जा सके । उन्होंने अधिकारियों से इसे शीघ्र पूरा करने को कहा जिससे चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 मार्च, 2018 तक परिसंपत्ति रजिस्टर  तैयार किया जा सके।
हालांकि बैठक में प्रस्तुत आंकड़े पिछले लगभग तीन तिमाही (नवंबर ) तक के हैं जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा अधिक वसूली हुई है लेकिन अब केवल एक चार माह बचे हैं जिसमें राजस्व वसूली के लकक्षय को प्राप्त करना आसान नहीं लगता है। इसलिए वित्त मंत्री के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। 
बैठक में उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 30 नवंबर, 2017 तक कुल राजस्व प्राप्ति 38474 करोड़ रुपये है जो कि 2017-18 में 68812 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का 56 प्रतिशत है जबकि वर्ष 2016-17 की इसी अवधि के दौरान यह 31929 करोड़ रुपये (51 प्रतिशत) थी। 

30 नवंबर, 2017 तक आबकारी शुल्क के तहत 3578 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई जो कि 6100 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का 58 प्रतिशत है और बिक्री कर (जीएसटी) के तहत 20148 करोड़ रुपये प्राप्त् हुए जोकि 30500 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का 66 प्रतिशत है। वित्त मंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग को आबकारी शुल्क के तहत 6100 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का आंकड़ा प्राप्त करने के प्रयास करने को कहा।

उन्होंने  जीएसटी व्यवस्था जिसके तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सभी लेनदेन की बिलिंग आवश्यक है, को मद्देनजर रखते हुए ‘अपना बिल अपना विकास’ योजना पर पुन: कार्य करने का सुझाव दिया।
30 नवंबर, 2017 तक मोटर वाहन पर कर के तहत प्राप्ति 1723 करोड़ रुपये है, जो बजट अनुमान 2400 करोड़ रुपये का केवल 72 प्रतिशत है और सडक़ परिवहन के तहत 856 करोड़ रुपये है जो कि बजट अनुमान 1970 करोड़ रुपये का मात्र 43 प्रतिशत है। इन दोनों मदों में भी वसूली कम हुई है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन ने बताया कि मार्गों को तर्कसंगत बनाया जा रहा है। ई-टिक्टिंग मशीन प्रणाली के कार्यान्वयन का कार्य प्रगति पर है और इसे जून 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सडक़ें) के सहयोग से वाहनों पर चिपकने वाला रिफलेक्टर टेप लगाने और प्रवेश बिंदुओं पर एकीकृत चेक पोस्ट की स्थापना / आठ प्रवेश बिंदुओं पर कम्प्यूटरीकृत इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों की स्थापना करने बारे विचार किया जा रहा है। किलोमीटर स्कीम के प्रस्ताव को सरकार को अनुमोदन के लिए फाइल पर प्रस्तुत किया गया है।

वित्त मंत्री ने नगर एंव ग्राम आयोजन विभाग को निर्देश दिए कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा पहले ही चुकाई गई आयकर की वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए क्योंकि प्राधिकरण द्वारा नए लेखा कोड को पहले ही अपनाया जा चुका है।
इसी प्रकार वित्त मंत्री ने  पालिकाओं के 336.14 करोड़ रुपये (256.65 करोड़ रुपये का मूल जमा 79.49 करोड़ रुपये का अधिभार) के बकाया बिजली बिलों को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि डिस्कॉम्स के साथ परामर्श के आधार पर इस मामले को प्राथमिकता से सुलझाया जाए। इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को जल्द ही मंत्रिपरिषद के विचारार्थ आबयाने की दर को संशोधित करने का प्रस्ताव भेजने का परामर्श दिया। 

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि चालू वर्ष के दौरान खनन के तहत भी प्राप्तियां कम रहीं। निदेशक, खनन ने तर्क दिया कि ई-रवाना योजना को मार्च 2018 तक चालू कर दिया जाएगा। ‘हरियाणा जिला खनिज फाउंडेशन नियम 2016’ के मसौदे को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है और उसे एलआर द्वारा जांच के बाद अधिसूचित किया जाएगा।

वित्त मंत्री अभिमन्यु की चिंता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब इस स्थिति से निकलने के लिए उन्होंने सभी विभागों को पिछली बकाया राशि की वसूली के लिए ‘एक मुुश्त निपटान योजना’ को लागू करने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया है। 

 

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