हरीश बेकरी के अकाउंटेंट से 50 लाख की रंगदारी मांगने वाले अशोक राठी गिरोह के तीन गिरफ्तार

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जेल से ही अपने गुर्गों के सहारे दे रहे थे वारदात को अंजाम  : सुमित कुमार 

ह्त्या , ह्त्या की कोशिश, फिरौती मांगने सहित कई मामले का खुलासा करने का दावा 

गुरुग्राम, 4 दिसंबर  : 50 लाख की रंगदारी माँगने को लेकर हरीश बेकरी में गोली चलाने वाले 3 आरोपियों को अपराध शाखा-9 सैक्टर-39, (Anti Vehicle Theft Staff) गुरुग्राम की पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया । तीनों बदमाशों की गिरफ्तारी से पुलिस ने हत्या, हत्या करने की कोशिश, रंगदारी व मारपीट की कई वारदातों को सुलझाने का दावा किया.  गुरुग्राम अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त सुमित कुमार के अनुसार पकडे गए सभी आरोपी कुख्यात अपराधी अशोक राठी गैंग के शॉर्प शूटर हैं और उनके इशारे पर ही उन्होंने हरीश बेकरी के कैशियर  से फिरौती वसूलने की कोशिश की थी । इस वारदात के तार भी जेल से जुड़े हैं. 

डीसीपी, क्राइम, सुमित कुमार ने आज आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि आरोपियों के कब्जे से 2 पिस्टल, 1 देशी कट्टा व 6 जिन्दा कारतूस भी बरामद किये गए हैं । उनके अनुसार इन बदमाशों ने 13 दिसंबर 2017 को थाना न्यू कालोनी, गुरुग्राम के एरिया में स्थित हरीश बेकरी के कैशियर पर 50 लाख रु. की रंगदारी माँगने को लेकर जान से मारने की नीयत से गोली चलाई थी । उक्त वारदात के सम्बन्ध में  थाना न्यू कॉलोनी, गुरुग्राम में ऍफ़ आई आर दर्ज कर जांच शुरू की गयी थी । इस मामले की जाँच अपराध शाखा-9 सैक्टर-39, (Anti Vehicle Theft Staff) गुरुग्राम की पुलिस टीम को सौंपी गई थी ।

पुलिस का कहना है कि जांच व पूछताछ से पता चला है कि उक्त तीनों आरोपी पहले भी कई बार रंगदारी, हत्या के प्रयास, मारपीट व लूटपाट के मामलों में जेल जा चुके है. उन्होंने दावा किया कि ये सभी अशोक राठी गैंग के शॉर्प शूटर है. 

आरोपीयों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया जाएगा.  पुलिस का मानना है कि आरोपियों से पूछताछ से और भी वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है । 

एक सवाल के जवाब में डीसीपी क्राइम सुमित कुमार का कहना था कि ये गैंग पिछले 2007-08 से ही अपराध की दुनिया में ऑपरेटिव रहा हैं. अशोक राठी गैंग को 2007-08 के दौरान भी कई मामलों न गिरफ्तार किया गया था और उनसे भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद किए गए थे. उनके गिरोह के लोग भी गिरफ्तार किये गए थे जो अब भी जेल में है. उस समय भी दो तीन ह्त्या के मामले में वांटेड था. अशोक राठी ने अपनी पत्नी सुषमा की भी ह्त्या करवाई थी. उससे पहले इन्हों लोगों ने अखबार बेचने का व्यवसाय करने वाले एक व्यक्ति पर भी गोली मार कर रंगदारी वसूलने की योजना बनायीं थी लेकिन उससे पहले ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इनकी कोशिश थी कि इससे अखबार के व्यवासय में इनका दबदबा हो जाए. उक्त अखबार विक्रेता भी गुडगाँव का है है जो ख़ास पॉश इलाके में अखबार बेचता है. 

जब उनसे यह पूछा गया कि अक्सर इस तरह के मामले के तार जेल से जुड़े होते हैं , क्या जेल से हो रही इस प्रकार की गतिविधियों पर काबू  पाना पुलिस के लिए चुनौती है ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि जेल प्रशासन से अपराधियों पर काबू पाने में उन्हें पूरी मदद मिलती है. पुलिस और जेल प्रशासन के बीच अच्छा सामंजस्य है.  लेकिन उन्होंने माना कि कई बार कुछ अपराधी जेल में मोबाइल ले जाने में सफल हो जाते रहे हैं. जेल विभाग ने कई बार सख्ती कर पुलिस के साथ जेल में छापा मारा और सौ से अधिक मोबाइल बरामद किये हैं. यह एक निरंतर लड़ी जाने वाली लड़ाई है जो जारी है. जब उनसे उः पूछा गया कि अब इस गिरोह से पूछताछ क्या ऐसे संकेत मिले है कि अशोक राठी के पास अब भी मोबाइल मौजूद है, तो उनका कहना था कि इस सम्बन्ध में पूछताछ के लिए अदालत से उसे प्रोडक्शन वारंट पर लिया जाएगा. 

डीसीपी के अनुसार इन अपराधियों को काबू करने में क्राइम इंस्पेक्टर राजकुमार एवं उनके साथी पुलिस कर्मियों ने मेहनत की और इन अपराधियों की कमर तोड़ने में सफलता पाई है. 

एक पत्रकार ने जब उनसे पूछा कि जिस दिन यह घटना हुई उस दिन सीएम शहर में थे. तब शहर में पुलिस की नाके बंदी होती है फिर ये लोग वारदात को अंजाम देकर भाग कैसे गए ? इस पर सुमित कुमार ने कहा कि शहर की सड़कों पर ट्रेफिक व भीड़ बहुत जयादा होती है जिसका इन्होने फायदा उठाया. अभी गुरुग्राम में दिन में पूरी तरह नाकाबंदी करना संभव नहीं है. केवल रात में ही नाकाबंदी संभव है. 

उन्होंने बताया कि मामला शहर के एक प्रमुख व्यापारिक संस्थान से जुडा था इसलिए इसकी संगीनता को देखते हुए अपराध शाखा-9 सैक्टर-39, (Anti Vehicle Theft Staff) गुरुग्राम की ग्यारह सदस्यीय टीम का गठन किया गया . मौका ए वारदात और अन्य सूत्रों से मिली जानकारी और तथ्यों के आधार पर पुलिस टीम ने सूत्रों के आधार पर वारदात को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों को 3 जनवरी को शहर के राजीव चौक के नजदीक से गिरफ्तार करने में साफलता हासिल की. इस गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में सुरेन्द्र उर्फ सुंदर पुत्र हरिओम निवासी इस्लामपुर, जिला गुरुग्राम का रहने वाला है जबकि नीरज उर्फ बाबा पुत्र अजीत सिंह ,  मुंडिया खेड़ा, जिला रेवाड़ी का निवासी है. तीसरा गिरफ्तार आरोपी धर्मेंद्र उर्फ धीरज पुत्र दयानंद भी इस्लामपुर, जिला गुरुग्राम का रहने वाला है. 

 डीसीपी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उक्त तीनों आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि न्यू कॉलोनी एरिया में अशोक राठी गैंगस्टर, अनिल कुकडौला, धीरज नखड़ौला के कहने पर हरीश बेकरी के कैशियर को एक चिट दी जिसमें 50 लाख रु. की रंगदारी की माँग की गयी. उक्त स्थान पर लोगों में दहशत पैदा करने व हरीश बेकरी के कैशियर की हत्या करने की नियत से उन्होंने गोली चलाई . आरोपियों ने उस पर गोली चलाने की बात स्वीकार की है ।

सुमित कुमार ने बाताया कि उक्त तीनों आरोपियो ने एक अन्य वारदात को भी अंजाम देने का खुलासा किया. आरोपियों ने बताया कि वे अनिल ककडोला के कहने पर 10 लाख रु. की रंगदारी की माँग के लिए गोली चलाने धौलपुर राजस्थान जा रहे थे लेकिन आगरा हाइवे पर उसकी मोटरसाइकिल खराब हो गयी. उन्होंने दो मोटरसाइकिल सवार युवकों से मोटरसाइकिल छीनने की कोशिश की . जब मोटरसाइकिल सवार युवकों ने विरोध किया तो आरोपियों ने उन पर गोलियां चला दी.  उसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गयी व एक युवक घायल हो गया था। इस सम्बन्ध में थाना मालपुरा, जिला आगरा, यू.पी. में मामला दर्ज है ।

 

 

 

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