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सभी घायलों को पांच अस्पतालों में भर्ती करवाया गया
मॉक एक्सरसाइज की ओवर आल मोनिटरिंग उपायुक्त विनय प्रताप स्वयं कर रहे थे
लघु सचिवालय के सभागार में इमरजैंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित किया गया
सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक
गुरुग्राम, 21 दिसंबर। भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित गुरुग्राम में मेगा मॉक एक्सरसाईज खट्टे मीठे अनुभवों के साथ संपन्न हो गया. इसमें 7 विभिन्न स्थानों पर आपदा जैसी परिस्थिति बनाकर पीडि़तो को राहत व बचाव मुहैया कराने का सांकेतिक अभ्यास किया गया। यह मॉक एक्सरसाइज करीब ढाई से तीन घंटे तक चली जिसमें 7 इंसीडेंट लोकेशन्स से कुल 113 सांकेतिक घायल लोगों की रिपोर्ट दर्ज की गई जिसमें से 25 रैड कोडिड यानि गंभीर रूप से घायल, 19 येलो यानि घायल, 65 ग्रीन कोडिड यानि छुटपुट रूप से घायल तथा 4 ब्लैक यानि मृतक घोषित किये गए . सभी घायलों को इंसीडेट लोकेशन के पास स्थित पांच अस्पतालों में भर्ती करवाया गया.
आज प्रात: ठीक 10 बजे सांकेतिक भूकंप का सायरन बजाया गया। तत्काल उपायुक्त विनय प्रताप सिंह एवं रिस्पांस ऑफिसर ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को लघु सचिवालय के सभागार में बुलाया, जहां पर इमरजैंसी ऑपरेशन सेंटर बनाया गया था। यहां पर अतिरिक्त उपायुक्त एवं मेगा मॉक एक्सरसाइज के इंसीडेंट कमांडर प्रदीप दहिया ने सांकेतिक भूकंप से हुए नुकसान की जानकारी ली और भारी मशीनरी जैसे फायर ब्रिगेड, एंबुलैंस, ट्रक, क्रेन आदि को स्टेजिंग एरिया में बुलवाया गया। ये 4 स्टेजिंग एरिया ताऊदेवी लाल स्टेडियम, लेज़रवैली ग्राऊंड, उद्योग विहार तथा मानेसर में एचएसआईआईडीसी का प्लॉट में बनाए गए थे जहां इन्हें पहुंचने के निर्देश दिए गए।
प्रारंभिक स्थिति में आपदा के लिए चिन्हित कई स्थानों से अव्यवस्था की खबरे भी आई. कई मिडिया कर्मियों ने हुडा सिटी सेंटर में 40 मिनट तक किसी भी प्रकार के रिस्पोंस के नहीं पहुँचने की शिकायत की तो कुछ ने सिविल अस्पताल के कर्मियों के वाकी टाकि खाराब होने की जानकारी भी दी. इसके अलावा एम् जी ऍफ़ माल पर भी लगभग पौने घंटे के बाद रिस्पांस टीम पहुंची. एक बारगी तो लोगों को लगा कि यह केवल खानापूर्ति है लेकिन लगभग एक घंटे के बाद जब रिस्पांस टीम ने अलग अलग जगहों पर तत्परता दिखाई तो स्थिति में सुधार दिखाई दिया.
हालाँकि इस पूरे घटनाक्रम को जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह स्वयं मोनिटर कर रहे थे लेकिन आरम्भ में रिस्पांस टीम और रेस्क्यू टीम के बीच तालमेल का अभाव दिखा जबकि आपदा वाले इलाके में सड़क यातायात की व्यवस्था भी चरमराई हुई नजर आई.
इस मेगा ड्रिल में अधिकतर अधिकारी व कर्मी ऐसे थे जो पहली बार इस प्रकार की आकस्मिक परिस्थिति को झेल रहे थे. कुछ तो अनमने ढंग से तो कुछ में स्थिति से निपटने के तौर तरीके सीखने का कौतुहल भी दिखा. सामान्य प्रशासन के अधिकारी यह मानते रहे कि यह पुलिस का काम है जबकि पुलिस के अधिकारियों को यह शिकायत रही कि इस पूरे एक्सरसाइज की कमान पुलिस अधिकारी के पास नहीं बल्कि जिला प्रशासन के अधिकारी के पास है.
मेगा मॉक एक्सरसाइज के लिए निर्धारित सात स्थानों- एमजीएफ मॉल, सुभाष चौंक स्थित रेल विहार, एमडीआई इंस्टीटयूट, विप्रो कॉल सैंटर, उद्योग विहार फेज-3, हुडा सिटी सैंटर, मानेसर स्थित होंडा स्कूटर एंड मोटरसाईकिल लिमिटेड तथा लघु सचिवालय में राहत व बचाव कार्य संपन्न करवाए गए। लघु सचिवालय के लिए जिला परिषद् की सीईओ चिनार चहल, एमजीएफ मॉल के लिए गुरुग्राम उत्तरी के एसडीएम भारत भूषण गोगिया, रेल विहार के लिए एसडीएम पटौदी, एमडीआई इंस्टीटयूट के लिए हुडा के संपदा अधिकारी-1 संजीव सिंगला, उद्योग विहार स्थित विप्रो संस्थान के लिए अतिरिक्त श्रम आयुक्त नरेश नरवाल, हुडा सिटी सैंटर के लिए सोहना के एसडीएम सतीश कुमार यादव, होंडा स्कूटर एंड मोटरसाईकिल मानेसर के लिए एचएसएएमबी के जेडए को टास्क फोर्स कमांडर नियुक्त किया गया था। भूकंप आने का संकेत सायरन से मिलते ही लघु सचिवालय में कार्यरत सभी कर्मचारी अपनी-अपनी मेजों के नीचे छुप गए और उसके बाद धीरे-धीरे सीढिय़ों का प्रयोग करते हुए सचिवालय से बाहर आ गए। पुलिस कर्मियों ने भी सचिवालय में लोगों को घुसने से रोका और पूरे क्षेत्र को कॉर्डन ऑफ कर दिया था।
यह मॉक एक्सरसाइज करीब ढाई से तीन घंटे तक चली जिसमें 7 इंसीडेंट लोकेशन्स से कुल 113 सांकेतिक घायल लोगों की रिपोर्ट दर्ज की गई जिसमें से 25 रैड कोडिड यानि गंभीर रूप से घायल, 19 येलो यानि घायल, 65 ग्रीन कोडिड यानि छुटपुट रूप से घायल तथा 4 ब्लैक यानि मृतक थे। इन घायलों को इंसीडेट लोकेशन के पास स्थित पांच अस्पतालों में भर्ती करवाया गया था जिसमें से एक सरकारी व 4 प्राइवेट अस्पताल शामिल थे। आज आयोजित मेगा मॉक एक्सरसाइज में लगभग 730 पुलिसकर्मियों व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने ड्रिल में भाग लिया। इस मॉक एक्सरसाइज में वे अपने पद के हिसाब से नही बल्कि डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान में निर्धारित पदों के मुताबिक काम किया। ईओसी सैंटर को पूरी तरह से सुनियोजित तैयार किया गया था जिसमें प्लानिंग सैक्शन, लोजिस्टिक, मैनेजमेंट आदि सैक्शन बनाए गए थे।
इस पूरी मॉक एक्सरसाइज के ओवरआल इंचार्ज उपायुक्त एंव रिस्पांस ऑफिसर उपायुक्त विनय प्रताप सिंह स्वयं थे, जो इमरजैंसी ऑपरेशन सेंटर में मौजूद रहकर भूकंप से विभिन्न क्षेत्रों में हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ-साथ राहत व बचाव कार्यों पर भी नजर रखे हुए थे।
मॉक एक्सरसाइज में घायलों को उनकी चोट की गंभीरता के हिसाब से कलर कोड के बैंड बांधे गए थे। अस्पतालों मे मॉक एक्सरसाइज के दौरान घायल हुए सांकेतिक मरीजों को कलर कोडिड बैंड बांधे गए थे और उनके लिए अलग से ट्राइएज एरिया बनाया गया था। काले रंग का बैंड मृत व्यक्ति, रेड कलर का बैंड गंभीर रूप से घायल व्यक्ति, येलो कलर का बैंड ऐसे घायल व्यक्ति के लिए जिसे फस्र्ट एड की जरूरत हो तथा ग्रीन कलर का बैंड ऐसे घायल व्यक्ति के लिए जो फस्र्ट एड के बाद स्वयं चलकर जा सकता हो, को बांधे गए थे।