नई दिल्ली, 21 दिसंबर। भारी हंगामे और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन रमेश तेंडुलकर को राज्यसभा में बोलने न देने के कारण सभापति वैंकेया नायडू ने सदन को आज अचानक स्थगित कर दिया। बोलने के लिए खड़े हुए सचिन की ओर इशारा कर सभापति ने विपक्ष से कहा कि लीजेंडरी क्रिकेट खिलाड़ी और भारतरत्न सचिन को कृपया सदन में बोलने में दें, यह उनकी पहली (मेडन) स्पीच है। लेकिन विपक्ष का हंगामा नहीं रुका अंतत: उन्होंने सदन को स्थगित कर दिया।
विपक्ष इस मांग पर अड़ा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में माफी मांगें। सभापित ने कहा कि इस बारे में विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के नेता आपस में बैठकर मुद्दे पर बातचीत कर चुके हैं। यह ठीक है कि इसका कोई नतीजा नहीं निकला था लेकिन अब सदन में खिलाड़ी को तो बोलने दीजिए, वह खेल पर बात करेंगे। लेकिन विपक्ष अपनी सीटों पर खेड़ होकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे। नायडू ने कहा कि आप लोगों में खेल की भावना ही नहीं है। मैं इस हंगामे को रिकार्ड में नहीं जाने दूंगा। उन्होंने कहा कुछ तो शर्म कीजिए। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा टीवी से कहा कि इस हंगामे की लाइव कवरेज बंद कर दें। क्योंकि जनता में यह हंगामा दिखाना उचित नहीं होगा। मगर इसके बाद भी हंगामा चलता रहा, सचिन अपनी जगह पर चुपचाप 10 मिनट तक खड़े रहे। सभापति ने सचिन से कहा, आप बोलिए, उन्होंने होंठ खोलने ही चाहे थे कि हंगामा और बढ़ गया। इस पर सभापति ने कार्यवाही अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह कांग्रेस नेताओं के नारेबाजी के कारण सदन को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया था।