सीएम मनोहर लाल ने नौकरशाहों को सत्ता की कुंजी बताया !

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चिंतन शिविर में वर्ष 2030 विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा का आह्वान 

हरियाणा के मंत्री व नौकरशाह पहुंचे हिमाचल प्रदेश 

चंडीगढ़, 15 दिसम्बर :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उनकी सरकार का ध्येय केवल मात्र विकास एवं जन सेवा का है, इसलिए चिंतन शिविर के दौरान मंत्रिगण एवं प्रशासनिक अधिकारी वर्ष 2030 मेें हरियाणा के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को आष्वत किया कि उनके जनहित में लिए गये हर फैसले के पीछे उनकी सरकार पूरी ताकत के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। 

 मुख्यमंत्री आज टिम्बर टेऊल, परवाणु, हिमाचल प्रदेश में हरियाणा प्रशासनिक सुधार विभाग के तत्वावधान में हरियाणा कैबिनेट के सदस्यों, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा तथा विभागाध्यक्षों के लिए आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर का उदघाटन करने के उपरांत बोल रहे थे। 

 मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों का आहवान किया कि वे चिंतन शिविर के दौरान दूरदर्शी सोच दर्शाएं। अधिकारियों को पांच सी अर्थात सीबीआई, कोर्ट, केन्द्रीय बिजिलेंस आयोग, कैग और केन्द्रीय सूचना आयोग से डरने की जरूरत नहीं है, जो प्राय: कहीं न कहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के भय का कारण बने रहते हैं। 

 मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को धरती की शान तू भारत की संतान, मनुष्य तू बड़ा महान है, नयनों से ज्वाल तेरी गति से भूचाल शिविर गीत के साथ काम करने की प्रेरणा लेने का आहवान भी किया।  उन्होंने कहा कि जब राजनेता व नौकरशाह मिलकर एक टीम के रूप में जनहित में एक सेवक के रूप में कार्य करें तो हम अपने वाली पीढिय़ों के लिए एक नये राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। यही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का आहवान किया कि वे क्षेत्रीय या जातिगत सोच से उपर उठकर नीति निर्धारण करने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि एक राजनेता तो केवल अगले पांच वर्ष के लिए कार्य करने की सोचता है और एक प्रशासनिक अधिकारी आज उसकी मेज पर क्या कार्य है, वही करने की सोचता है, परन्तु आज के इस चिंतन से हमें एक स्टेटसमैन की तरह कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। एक स्टेटसमैन पांच पीढिय़ों के लिए कार्य करने की सोच रखता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2030 का विजन डॉकुमैंट तैयार किया है और प्रशासनिक सचिव उसी पर कार्य करें। हरियाणा कैसा बने, इसके अनुरूप नीति निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी को जन हित में अपनी ताकत पहचाननी चाहिए। मुख्यमंत्री ने उदाहरण दिया कि जब हनुमान को लंका जाने के लिए समुद्र पार करने के लिए जामल ने उनको उनकी ताकत का अहसास करवाया था, जिसके कारण वे समुद्र पार करने में सफल रहे। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी आज के चिंतन शिविर को प्रशिक्षण का हिस्सा न समझें, बल्कि इसे नीति निर्धारण के लिए ब्रेनस्टोर्म समझें। उन्होंने आईएएस अधिकारियों के बारे सरदार वल्लबभाई पटेल द्वारा कहा गया वो वाक्य भी याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय प्रशासनिक अधिकारी राष्ट्र की स्टील फ्रेम होते हैं। उन्होंने सरकार का स्पष्ट विजन अधिकारियों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि समाज का एक वर्ग धन, बल के प्रभाव से कार्य करवा लेता है। मध्यम वर्ग चाहता है कि कानून एवं व्यवस्था ठीक हो और उसकी जिंदगी ठीक से चले। निम्न वर्ग को समान अवसर, त्वरित सेवाएं, कल्याणकारी योजनाओं की आवश्कता है, इसके लिए हमें एक टीमवर्क में कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने नौकरशाहों को सत्ता की कुंजी बताते हुए कहा कि इन्हें जनहित में एक सेवक के रूप में सेवा करने के लिए अपनी कुंजी का इस्तेमाल करना चाहिए। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की थी तो उस समय हरियाणा सरकार के लिए यह एक चुनौति थी, परंतु सरकारी प्रयासों व लोगों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाया गया और उन्हें खुशी है कि हरियाणा ने देश को लिंगानुपात सुधार में एक दिशा दी है। पीएनडीटी एक्ट को शक्ति से लागू किया है और पड़ोसी राज्यों में भी चेतना जागृृत हुई है। उन्होंने कहा कि आज के हरियाणा में लिंगानुपात सुधार के परिणाम 15-20 वर्ष बाद देखने को मिलेंगे। 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पिछले तीन वर्षों के कार्यकाल में अपने चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप राजनैतिक वातावरण बदलकर भेदभाव व पूरे हरियाणा को एक इकाई मानकर विकास कार्य करवाए हैं और वे स्वयं 90 की 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर विकास कार्यों की घोषणाएं की हैं, भले ही विधायक सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का हो। कहीं तो विपक्षी विधायकों के हल्कों में सत्ता पक्ष के विधायकों से ज्यादा विकास कार्य करवाएं हैं। उन्होंने कहा कि पहले के मुख्यमंत्री कोई हिसार, कोई भिवानी, कोई सिरसा तो कोई रोहतक तक के लिए ही विकास कार्यों की सोचते रहे, परंतु उन्होंने करनाल के लोगों को स्पष्ट कर दिया था कि जितने काम अन्य विधानसभा क्षेत्रों में होंगे, उतने ही करनाल में होंगे और वे किसी से भेदभाव नहीं करेंगे।

 उन्होंने कहा कि एक राजनेता हर कार्य के लिए हां कर देता है, भले ही वह सम्भव हो या न, परंतु एक नौकरशाह पहले हर कार्य के लिए न ही करता है। जब राजनेता गलत मांग को न कहना और नौकरषाह ठीक मांग के लिए हां कहना शुरू करेंगे तो हर कार्य सिरे चढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इच्छा शक्ति व राष्ट्र भाव से कार्य करना चाहिए। अधिकारियों को अन्तर विभागीय मामले फाइलों में अटकाने व घुमाने की बजाए रास्ता निकालने की सोच रखनी चाहिए और जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार से पूर्व भी 48 वर्षों के दौरान हरियाणा में कार्य हुए हैं, परंतु उन्होंने एक अलग विजन से पिछले तीन वर्षों में कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि कुण्डली मानेसर पलवल एक्सप्रैस वे 2010 से लम्बित था, सर्वोच्च न्यायालय में भी हमारी सरकार ने ही रास्ता निकाला और आज केएमपी हरियाणा के विकास गाथा में एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिसकी योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसी प्रकार गन्नौर मण्डी, हिसार एयरपोर्ट के भी लम्बित मामले थे। हिसार का एयरपोर्ट भी हरियाणा को केन्द्र से स्वीकृत हुआ है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक भावना से उपर उठकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भू रिकार्ड व रजिस्ट्रियों के ऐसे मामले हैं, जिनमें बहुत गडबडिय़ां है, जिन्हे ठीक करने की पहल की है और रजिस्ट्रियां ऑन लाइन की हैं। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी राजनैतिक लाभ से भी उपर उठकर निर्णय लेने होते हैं। उन्होंने कहा कि बाढडा रैली में उन्होंने बिजली के बिल भरने की लोगों से मांग की थी और आज परिणाम यह है कि म्हारा गांव जगमग गांव योजना के बाद हरियाणा के एक चौथाई अर्थात चार जिलों के 1350 गांवों में 24 घण्टे बिजली आपूर्ति की जा रही है और लाइन लोसिस 34 प्रतिशत से घटकर 20 हो गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हरियाणा के म्हारा गांव जगमग गांव योजना का अनुसरण करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, ऑनलाइन अध्यापक स्थानान्तरण नीति लागू की है, जिसका अन्य राज्य अनुसरण कर रहे हैं, जबकि यह एक राजनीतिक नुकसान का विषय था, परंतु अध्यापक व आम जनता इस नीति से खुश है। उन्होंने कहा कि वे जन हित में कठोर निर्णय लेते हैं, परंतु पहले के मुख्यमंत्रियों के राजनैतिक एजेंडे होते थे। उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा विकास एवं जन सेवा का है, भले ही हमें दोबारा सत्ता न मिले।  
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों से आहवान किया कि पानी व बिजली लोगों के मौलिक अधिकार हैं, उन्हें उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है। जल प्रबन्धन, रोजगारपरक शिक्षा, हरियाणा की दिल्ली से निकटता के अनुरूप कृृषि एवं सम्बद्ध उद्योग के विपणन की नई योजनाएं हमें बनानी चाहिए। 

 इससे पूर्व मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी ने भी चिंतन शिविर की रूप रेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। चिंतन शिविर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 22 जनवरी, 2014 को पानीपत रैली, 21 अप्रैल 2015 को नई दिल्ली, 6 सितम्बर, 2015 को फरीदाबाद, 5 नवम्बर, 2016 को सोनीपत, 1 नवम्बर 2016 को हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष की गुरूग्राम रैली तथा 21 अप्रैल, 2017 को सिविल सर्विसिज दिवस के सम्बोधन का एक वृत चित्र भी दिखाया गया, जिसकी उपस्थित अधिकारियों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।

 इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री कंवरपाल, उपाध्यक्ष श्रीमती संतोष यादव, मिजोरम के पूर्व राज्यपाल श्री ए आर कोहली, हरियाणा सरकार के सभी मंत्री, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर के अलावा बड़ी संख्या में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, विभागाध्यक्ष भी उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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