न्याय मांगा, नहीं मिला, इच्छा मृत्यु मांगी, नहीं मिली !

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पुलिस ही आरोपियों को बचाने में जुटी

धर्मेन्द्र यादव

फरीदाबाद:  न्याय मांगा, नहीं मिला, इच्छा मृत्यु मांगी, नहीं मिली अब कोई तीसरा रास्ता बता दे सरकार, क्योंकि मेरे जीने की इच्छा मर चुकी है,, कुछ ऐसे ही आंखों से आंसू बहाते हुए फरीदाबाद की रहने वाली एक गैंगरेप पीडिता ने सरकार से मांग की है कि पिछले दिनों मीडिया द्वारा प्राथमिकता से दिखाई जाने वाली  गैंगरेप पीडिता की खबर के असर के बाद उसे न्याय दिलाने के नाम पर पुलिस प्रशासन ही अब आरोपियों को बचाने में जुट गया है क्योंकि आरोपी बेटी बचाओ अभियाान से जुडे हुए हैं। दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बचे तीन आरोपी पीडिता को रोजाना मामला वापस लेने की धमकी दे रहे हैं और पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
 
 गैंगरेप पीडिता की आंखों से झलकते आंसू इस बात को बयां करते हैं कि उसे गहरा दर्द मिला है जिसे वो सहन नहीं कर पा रही है.  वो दर्द किसी और ने नहीं सेवा के लिये तत्पर रहने वाले पुलिस प्रशासन ने ही उसे दिया है. मामला फरीदाबाद का है जहां एक गैंगरेप पीडिता विगत 10 महीनों से न्याय पाने के लिए कानूनी व्यवस्था की हर चौखट पर गुहार लगा कर थक चुकी है। बकौल पीडिता उसने जब ईच्छा मृत्यु के लिए राष्ट्रपति, मुख्यन्यायधीश, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा तो फरीदाबाद पुलिस ने आनन फानन में दो ओरापियों को गिरफ्तार किया, लेकिन उनके सहयोगी तीन अन्य आरोपियों को बचाने में अब पुलिस ही जुटी हुई है। उसका कहना है कि  पुलिस की गिरफ्त से बचे तीनो आरोपी पीडिता को आए दिन धमकी दे रहे हैं। इस अधूरे न्याय से दुखी गैंगरेप पीडिता अब जीने की इच्छा त्याग चुकी है और मौत की मांग कर रही है।
 
हरियाणा के इस प्रमुख औद्योगिक शहर फरीदाबाद में गैंगरेप पीडिता द्वारा पहले न्याय की मांग करना उसके बाद उसी न्याय को पाने के लिये पुलिस कमीश्नर कार्यालय पर धरना देना, वहां से भी पुलिस कर्मियों द्वारा भगा देने पर प्रैसवार्ता कर सरकार से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगने की घटना शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. विचारनीय तथ्य है कि  इतना सब करने के  बाद भी पुलिस आरोपियो को बचाने में जुटी है इसलिसे पीडिता ने सरकार से सवाल  किया है कि न तो न्याय मिला और न ही इच्छा मृत्यु अब कोई तीसरा रास्ता हो तो वो ही बता दो।
पीडिता की माने तो लंबे सघर्ष के बाद मीडिया के सहयोग से पुलिस ने दो आरोपियों को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था उसके बाद तीन आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है जो कि आयेदिन उसे धमकी दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस के आला अधिकारी बाकी के 3 आरोपियों को बचाने में जुटे हुए हैं। क्योंकि आरोपी बेटी बचाओं अभियान के साथ जुडे हैं। पीडिता ने रोते हुए  कहा है कि अब वो जीने की इच्छा त्याग चुकी है मरने के सिवा उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा है।
 
उल्लेखनीय है कि उकता पीडिता जो कि फरीदाबाद की रहने वाली है के  साथ मथुरा-वृंदावन में 31 अक्टूबर, 2015 को सामूहिक बलात्कार किया गया. इसमें कुल 5 लोग शामिल थे। इस शर्मनाक हादसे की आरोपियों ने एमएमएस बनाकर पीडिता और उसकी नाबालिक बेटियों को दिखाना शुरू कर दिया और धमकी देने लगे कि अगर उसने मामला वापस नहीं लिया तो जो उसके साथ किया है वो ही उसकी नाबालिक बेटियों के साथ करेंगे। 

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