सीएम के आदेश पर हुआ मुकदमा दर्ज
मर्डर केस के आरोपी को छुड़ाने के लिए सात लाख लेने का आरोप
चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
गुरुग्राम : नगर निगम चुनाव का परिणाम आये एक माह भी नहीं हुए हैं, निर्वाचित पार्षदों के रिश्तेदार सत्ता की हनक दिखा कर पैसे ऐंठने की जुगत में लग गए. गुरुग्राम पुलिस ने नगर निगम की नव निर्वाचित महिला पार्षद के पति पर भ्रष्ट्राचार का मामला दर्ज कर शहर में सनसनी फैला दी है. उन पर डीएलएफ फेस 3 के चौकी इंचार्ज के साथ मिलकर मर्डर केस के एक आरोपी को बचाने का ठेका लेने का आरोप लगाया गया है। यह मामला नाथूपुर निवासी सुखबीर पुत्र मंगल सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है.
पुलिस थाना डी एल ऍफ़ फेज दो में दर्ज ऍफ़ आई आर न. 0640 के अनुसार शिकायत कर्ता सुखबीर ने जबीर पुत्र रणबीर निवासी नाथूपुर और वार्ड नम्बर 35 से निर्दलीय चुनाव जीत कर बीजेपी में शामिल हुई महिला पार्षद के पति लीलू सरपंच जो नाथूपुर का रहने वाला है के खिलाफ उसके साथ धोखाधड़ी करने व रिश्वत लेने की शिकायत की है। भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8 और भारतीय दंड संघिता की धरा 120 बी के तहत दर्ज मुकदमा में कहा गया है कि शिकायत कर्ता ने जगबीर के कहने पर लीलू सरपंच को सात लाख रूपये दिए और उन्होंने उसके भाई जो हत्या का आरोपी है को छुडाने का आश्वासन दिया था.
उल्लेखनीय है कि गत छह जुलाई 2017 को किराए पर रहने वाले एक युवक की ह्त्या हो गयी थी. उसी मामले में शिकायत कर्ता सुखबीर का भाई सतबीर आरोपी है जिसे बचाने के लिए यह रकम चौकी इंचार्ज को देने के बहाने झटक लिया. बताया जाता है कि आरोपी पार्षद पति प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री का करीबी है ।
सूत्रों का कहना है कि पार्षद पति समेत दो के खिलाफ भ्रष्टाचार का यह मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश पर दर्ज किया गया है। खबर है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया है ।