‘सात्विकवीणा’ के रचयिता पंडित सलिल भट्ट की प्रस्तुति दर्शकों के लिए यादगार रही

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‘सात्विकवीणा’ के रचयिता पंडित सलिल भट्ट की प्रस्तुति दर्शकों के लिए यादगार रही 2

जय मां विंध्यवासिनी ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा

आयोजित अमृत रसवादन

गुरुग्राम : कला भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य विरासत है। इस विरासत ने भारत की कला और कलाकारों को अतंराष्ट्रीय पटल पर एक खास पहचान दिलाई है। कला की विधा चाहे कोई भी हो, यहां की मिट्टी ने एक से एक उम्दा कलाकार पैदा किये हैं। लेकिन एक बहुत ही बड़ा प्रश्न चिन्ह हम सबके सामने खड़ा हो जाता है जब हम नई पीढ़ी को पाश्चात्य संगीत से प्रेरणा लेते देखते हैं। क्या भारतीय होने के नाते यहां की कला को सहेजने और सवांरने की ज़िम्मेदारी हमारी नहीं ? ‘जय मां विंध्यवासिनी ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड’ (JMV Global Pvt Ltd) द्वारा आयोजित आज की शाम भारतीय विरासत में जान फूंकने की एक कोशिश है।

अमृत रसवादन नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एम एस बिट्टा मौजूद रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर कत्थक के कोहीनूर माने जाने वाले पंडित दीपक महाराज एवं भारत के पियानो किंग डॉ अमन बथला ने कला और संस्कृति को संजोने की इस मुहिम के लिए अपनी मौजूदगी से शुभकामनाएं दीं। पंडित दीपक महाराज की रंगों में खून के साथ कत्थक की खूबियॉं भी बहती हैं। पंडित बिरजू महाराज के पुत्र, पंडित दीपक महाराज ने देश – विदेश में अपनी कला के माध्यम से खूब वाहवाही बटोरी है।

हरियाणा रत्न अवार्ड से सम्मानित डॉ अमन बथला ने भी दो विश्व रिकॉर्ड बनाये हैं। ‘फास्टेस्ट पियानो प्लेयर ऑफ द वर्लड’ के नाम से मशहूर डॉ बथला ने एक सेकेंड में 33 नोट्स और एक मिनट में 1208 नोट्स बजाकर दो बार वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है। 

कार्यक्रम की शुरुआत नन्हें उस्ताद रूद्रांश सिंह के अनूठे ड्रम वादन से हुआ। रॉकस्कूल से ग्रेड 2 की परीक्षा पास कर चुके रूद्रांश महज आठ साल के हैं। गुड़गांव के लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा चौथी में पढने वाले रूद्रांश इससे पूर्व पटना में भी अपनी कला से दर्शकों का मन मोह चुके हैं।

इस कार्यक्रम में मशहूर मोहन विणा वादक एवं ग्रैमी अवार्ड विजेता पंडित विश्व मोहन भट्ट के पुत्र तंत्री सम्राट पंडित सलिल भट्ट ने एक अलग ही समां बांधा। ‘सात्विकवीणा’ के रचयिता एवं कनाडा के जूनो अवार्ड के नामांकित पंडित सलिल भट्ट ने राजस्थान के फेमस फॉक परफॉर्मर्स मांगनियार्स के साथ मिल कर ‘डिजर्ट स्टार्म’ पेश कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।. साथ ही तबला सम्राट पंडित चतुर लाल के पौत्र प्रांशू चतुर लाल के तबले की ता-धा से एक अलग ही समां बंधा।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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