अब सैटेलाइट व ड्रोन से अवैध निर्माण पर नजर रखेगी हरियाणा सरकार

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पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में करनाल, गुडगांव और फरीदाबाद में निगरानी शुरू होगी

चण्डीगढ़ :  हरियाणा के शहरी क्षेत्र एवं इसकी परिधि में होने वाले अवैध निर्माण कार्यों की निगरानी अब सैटेलाइट और ड्रोन के माध्यम से होगी। इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में करनाल, गुडगांव और फरीदाबाद में निगरानी शुरू होगी, जिसके परिणामों के आधार पर इसे पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्र में अनिवार्य किया जाएगा। इससे शहरों की बसावट में अनाधिकृत कोशिशों पर न केवल शिकंजा कसेगा बल्कि प्रभावी तरीके से निगरानी भी सुनिश्चित होगी।

आज यहां जानकारी देते हुए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सैटेलाइट एवं ड्रोन आधारित भूगौलिक मानचित्र तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस प्रस्ताव के बाद शहरी क्षेत्रों में जगह जगह हो रहे अवैध निमार्णों पर न केवल रोक लगाई जाएगी, अपितु कारवाई करके उन्हें हटाया भी जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस विषय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, मुख्य सचिव हरियाणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग, प्रधान सचिव शहरी स्थानीय निकाय विभाग, सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग सह प्रबंध निदेशक हारट्रोन, निदेशक शहरी अभियोजना विभाग सह विज्ञान एवं तकनीकी विभाग, निदेशक शहरी स्थानीय निकाय विभाग, मुख्य वैज्ञानिक हरसैक एवं एनआईसी के प्रतिनिधि मौजूद थे।

श्रीमती जैन ने कहा कि इस कार्य के लिए हरसैक को नोडल एजेंसी प्राधिकृत किया गया है। जो सभी निगरानी सर्वे करते हुए आंकड़ा एकत्रित कर रिपोर्ट तैयार करेंगे तथा रिपोर्ट संबंधित विभागों को मुहैया कराएगा, ताकि आगामी कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर करनाल में ड्रोन कैमरों से तथा गुडगांव और फरीदाबाद में सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी करवाई जाएगी। गुरूग्राम में हरसैक द्वारा स्थापित जीआईएस लैब के माध्यम से अवैध निर्माण का आंकड़ा जुटाया जाएगा।

गुरुग्राम और फरीदाबाद में अवैध निर्माण पर सारी प्रक्रिया विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा तथा करनाल में अवैध निर्माण पर सारी प्रक्रिया शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा पूरी की जाएगी। उन्होने बताया कि मुख्य सचिव हरियाणा की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति का भी गठन किया गया है, जो प्रत्येक 15 दिन में विभिन्न विभागों के साथ समन्वय और पूरी निगरानी पर बैठक करेगी। अवैध निर्माण की गतिविधि की रिपोर्ट मिलते ही आधा दर्जन विभागों की समन्वय समिति इस पर कडी कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण नष्ट कराना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। इसमें होने वाली किसी भी लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों से न केवल जवाब तलब होगा, अपितु अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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