हरियाणा के कृषि मंत्री धनखड़ ने किया इजरायल की तीन डेयरियों का दौरा

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प्रतिनिधिमंडल ने गाय पालने की व्यवस्था का बारीकी से किया अध्ययन 

हमें भी डेयरी को एक उद्योग के रूप में विकसित करना होगा : ओम प्रकाश धनखड़

हरियाणा के कृषि मंत्री धनखड़ ने किया इजरायल की तीन डेयरियों का दौरा 2चण्डीगढ़, 26 सितम्बर :  हरियाणा से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में इजरायल के दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल ने आज वहां पशुधन के लिए आधुनिक किस्म की डेयरियां विकसित कर उद्योग के रूप में स्थापित तीन डेयरियों का दौरा किया और इन डेयरियों में गायों के रहन-सहन, उनके चारे, उनके लिए की गई व्यवस्थाओं से लेकर उनके दूध देने की हर गतिविधि का इस दल ने बारीकी से अध्ययन किया। 

कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में विधायक श्याम सिंह राणा,  नरेश कोशिक, पशुधन बोर्ड के चेयरमैन  ऋषि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. महापात्रा, पशु पालन विभाग के महानिदेशक गजेंद्र जाखड़, लाजपत राय विश्वविद्यालय के कुलपति  गुरदयाल सिंह,  सुनील सारन, श्रीकृष्ण भगोरिया व अभिनव बाल्याण शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल  ने हाफ हैसोरान, गिवात हेम युचाद और केफार विटकिन में डेयरी उद्योग को देखा और जानकारी प्राप्त की। हाफ हैसोरान, गिवात हेम युचाद डेयरी किब्यूत यानि गांव द्वारा संचालित है जबकि केफार किसान परिवार द्वारा संचालित है ।  

तत्पश्चात, कृषि मंत्री  ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हरियाणा, इजरायली डेयरी उद्योगों के अनुभव का लाभ लेगा। इससे हरियाणा के पशुपालकों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा मेंं ज्यादातर पशु घरों में पाले जाते हैं और डेयरी उद्योग भी आधुनिकता से अभी दूर है। समय की मांग के अनुसार हमें भी डेयरी को एक उद्योग के रूप में विकसित करना होगा। इससे दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा और पशुपालकों की आय भी। 

कैसे संचालित है डेयरी उद्योग 

कृषि मंत्री श्री ओ.पी. धनखड़ ने बताया कि इजरायल में डेयरी उद्योग को पूरी तरह से आधुनिकता के साथ विकसित किया गया है। यहां अनाज मंडी से बड़े शेड लगाए गए हैं। हैलीकॉप्टर जैसे बड़े पंखे  लगाये गए हैं । खोर/खुरली के पास छोटे पंखे फव्वारे के साथ लगाए गए हैं, जिनका उपयोग पशुओं के दोहन से पूर्व और दूध दुहने के बाद किया जाता है। अध्ययन में यह बात सामने आई कि यहां फव्वारों को लगाने का मकसद गायों के लिए एक निश्चित तापमान बनाए रखना भी है। 

 हर गाय को लगाया जाते हैं तीन तरह के टैग

इजरायल में हर गाय को तीन तरह से टैग किया जाता है। बाकायदा हर गाय के शरीर पर नम्बर अंकित किया जाता है। कान पर डीएनए टैगिंग की जाती है। इनसे गाय की पूरे जीवन की पहचान की जाती है। साथ ही सभी गायों को एक इलैक्ट्रोनिक डिवाइस द्वारा मॉनिटर किया जाता है जो गले अथवा पैर पर बांधी जाती है जो गाय की सेहत और दिन भर की गतिविधियों व दूध की मात्रा रिकार्ड कर कम्प्यूटर पर भेजती है। यह डिवाइस गाय के जुगाली करने, चलने-फि रने, उठने-बैठने सहित सभी लोकेशन की जानकारी वाई फ ाई से देता रहता है। यह डिवाइस दूध की स्वचालित मशीन में गाय की पहचान कराती है ।

चारा भिगोने का काम भी होता है मशीनों से 

इजरायल में पशुओं के चारे में अनेकतत्व मिलकर उसे पोषक बनाया जाता है । इसके लिए सायलेज तकनीकी का उपयोग किया जाता है। पशुओं को दिए जाने वाले चारे ‘सानी’ को भिगोने की ट्रक जितनी बड़ी मशीनें डेयरी में लगी हैं जो सानी भिगोकर गायों के सामने डाल आती हैं।

तीन बार निकालते हैं दूध

इन गायों का दिन में तीन बार दूध का दोहन किया जाता है। आधुनिक स्वचालित मशीनों से दूध  निकालते हैं। गाय दिन भर में औसतन 39 लीटर तक दूध दे देती है । इनका राष्ट्रीय औसत 32 लीटर है। पीढ़ी दर पीढ़ी दूध का उत्पादन बना रहे इसलिए इजरायल में सबसे अधिक दूध वाली गाय के सेहतमंद बछड़ो को सांड बनाया जाता है । उनके सीमन से गर्भाधान शत प्रतिशत ए आई तरीके से होता है। 
श्री धनखड़ ने कहा कि जिस तरह से यहां डेयरी को उद्योग के तौर पर विकसित किया गया है इस तकनीकी व अनुभव दोनों हमारे लिए लाभकारी होंगे ।

झज्जर की छोरी है डिप्टी राजदूत 

इजरायल गए प्रतिनिधिमंडल को उस समय बहुत प्रसन्नता हुई जब झज्जर के गांव छारा की एक बेटी के यहां डिप्टी राजदूत होने की जानकारी मिली। डॉ अंजू रोहिला, जिनका परिवार अब रोहतक में रहता है, ने प्रतिनिधिमंडल को रात्रि भोज दिया। कृषि मंत्री श्री ओ.पी. धनखड़ ने प्रतिनिधिमंडल की ओर से उन्हें बधाई दी । साथ ही उनके पति जो इजरायल में एंबेसी में ही अधिकारी हैं दामाद के नाते उनका ‘मान’ भी किया। धनखड़ ने कहा कि विदेश में जब कोई अपना मिलता है तो उसकी खुशी अलग होती है। डॉ अंजू तो हमारी बेटी है और उनके वहां बड़े ओहदे पर होने की प्रसन्नता है। 

पंजाब को पछाडऩा है पहला टारगेट 

दूध उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहे हरियाणा को अब पहले पंजाब को इस क्षेत्र में पछाडऩा है। तीन साल में श्वेत क्रांति में निरंतर आगे बढ़ रहे हरियाणा में दो करोड़ 46 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है जबकि पंजाब करीब ढाई करोड़ लीटर रोजाना दूध उत्पादित करता है। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा को दूध उत्पादन में पंजाब से आगे लाना प्राथमिकता है। इसके बाद गुजरात से आगे जाने का प्रयास करेंगे। 

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