यासीन मेव डिग्री कालेज में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन हरियाणा कला परिषद के सौजन्य से हुआ

Font Size

 यासीन मेव डिग्री कालेज में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन हरियाणा कला परिषद के सौजन्य से हुआ 2नूंह, 25 सिंतबर : हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान नूंह के यासीन मेव डिग्री कालेज में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन हरियाणा कला परिषद के सौजन्य से हुआ, जिसमें शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने मुख्यतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक नाजीन भसीन, एसडीएम नूंह डा. मनोज कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश शास्त्री के अलावा भाजपा नेता कुंवर संजय सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र आर्य, जाहिद चेयरमैन, नरेन्द्र पटेल, डॉ. सुरेश बघेल व अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरूआत में शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया और मंत्री शर्मा ने इस मौके पर वाईएमडी कालेज को पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। 

शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने शमॉ रोशन करके मुशायरे का शुभारम्भ किया और शायराना अंदाज में अपने विचार रखे, जिससे सभी शायर यासीन मेव डिग्री कालेज में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन हरियाणा कला परिषद के सौजन्य से हुआ 3 और श्रौता प्रभावित नजर आए। उन्होंने कहा कि हरियाणा कला परिषद ने शहीदों की याद में यह मुशायरा कराया और हरियाणा सरकार का शहीदों के सम्मान में यह सराहनीय काम है। उन्होंने कहा कि शहीदों की बदौलत ही आज हम खुली हवा में सांस ले रहें है। उन्होंने राव तुलाराम की शहादत पर बोलते हुए कहा कि आज़ादी में उनके अहम योगदान रहा। उन्होंने मेवात के लोगों की शहादत को नमन भी किया। 
श्री शर्मा ने कहा कि मेवात के विकास के लिए प्रदेश सरकार काफी गंभीर है। इस क्षेत्र में तीन जेबीटी कालेज हैं, जिनमें से नगीना को केवल अब लड़कियों के लिए आरक्षित किया जाएगा। ताकि इस क्षेत्र की बेटियां को आगे बढऩे में मदद मिले। उन्होंने कहा कि पंडित दादा लखमीचंद के नाम से प्रदेश में विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। शिक्षा मंत्री ने युवा वर्ग को आजादी के बारे में बताया कि हमारे देश को आजादी दिलाने में मुस्लिम भाईयों का अहम योगदान रहा है। 

 यासीन मेव डिग्री कालेज में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन हरियाणा कला परिषद के सौजन्य से हुआ 4उन्होंने कहा कि अब्दुल हमीद ने 1971 की लड़ाई में युद्ध के दौरान अपने शरीर से बम बांधकर टैंकों को उड़ाने सहित अनेक उदाहरण हैं, जिनसे यह साबित होता है कि इस देश की आजादी दिलाने में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शिक्षा मंत्री ने सभी शायरों और उर्दू साहित्यकारों की प्रशंसा की तथा देश के विभिन्न प्रांतों से आए मेहमानों के नूंह पहुंचने पर बधाई दी। 
बाद में पत्रकारों के सवालों के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र में शिक्षकों की कमी जल्द दूर की जाएगी। इस कार्यक्रम में पांच उर्दू साहित्य प्रेमियों को सम्मानित किया गया। मुशायरे में कशिश वारसी ने जो हंस रहा है, वो लम्हा रोने वाला है, ये फैसला भी जल्द होने वाला है, आदि शेरों से से श्रोताओं का दिला जीता। सिकन्दर हयात ने भी अपनी शायरी में नेताओं और पुलिस पर तंज कसकर खूब वाह-वाही बटोरी, तथा  गंगा के जरिए, गजल से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया। 

डा. नसीम बेचैन, डा.कमर सुरुर, सलाम खोखर व डॉ नफ़स अम्बालवी ने भी अपनी शायरी और गज़़लों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। राजस्थान से आए हुए डॉ जया टोंकी तुझपे सबकुछ लुटाने को तैयार हैं,दुश्मनों के लिये हम नंगीं तलवार है। हम वफादार हैं, आदि देशभगति गज़़लों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया,तथा दिल का झगड़ा था, बात कुछ भी न थी, से दर्शकों को खूब गुदगुदाया। मोहतरमा ईशा नाज़, हलचल हरियाणवी, शमश तबरेजी, ने भी सरकारी व्यवस्था पर शायरी के माध्यम से तंज कस कर माहौल को खुशनुमा कर दिया।

 
कार्यक्रम के अंत में मोहतरमा नुसरत ने कौन कर रहा है नुमाइंदगी मेरी, ये तो मेरे कबीले का सरदार भी नहीं, शायरी से महिला सशक्तिकरण की और प्रकाश डालना चाहा तथा आप शायद भूल बैठें हैं,यहां मै भी तो हूं, नामक गज़़ल से श्रोताओं को आत्मचिंतन करने पर मजबूर कर यह दर्शाया की किस प्रकार एक औरत आदमी का साथ किन किन रूपों में देती है। डॉ अंजुम ने भी अपनी शायरी से व्यंग्यात्मक शैली से समाज में फैली कुरीतियों पर कटाक्ष किया।सभी शायरों ने यही सन्देश देना चाहा कि हमारे बुजुर्गों ने जो कुर्बानिया दी हैं वो किसी धर्म विशेष के लिए नहीं दी बल्कि अपने देश के लिए दी हैं ,और हम सबको आपस में मिलजुलकर रहना चाहिए। 

You cannot copy content of this page