इनेलो के एम् एल ए 29 अगस्त को राज्यपाल से मिल कर ज्ञापन सौंपेंगे
इनेलो नेता ने कहा , पंचकुला की घटना के लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेवार है
भाजपा सरकार ने जानबूझ कर वोट बैंक की चिंता में प्रदेश के हालात को बिगड़ने दिया
कोर्ट ने सीएम के बारे में जो टिपण्णी की है उससे उन्हें स्वयं ही इस्तीफा देना चाहिए
सुभाष चौधरी /प्रधान सम्पादक
गुरुग्राम : हरियाणा की वर्तमान भाजपा सरकार ने पिछले चुनाव में राम रहीम से मिले समर्थन का कर्ज उतारने के लिए जानबूझ कर स्थिति को बिगड़ने दिया और प्रशासन को बल का प्रयोग नहीं करने दिया. इससे शुक्रवार को स्थिति अनियंत्रित हुयी और 31 लोगों की जाने गयीं तथा सरकारी व निजी संपत्तियों का बड़ा नुक्सान हुआ. इस सरकार ने प्रदेश को गर्त में पहुंचा दिया है. इसका नेतृत्व अनुभवहीन है. इसलिए इसे अब सरकार में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इन स्थितियों को देखते हुए इनेलो आगामी 29 अगस्त को हरियाणा के राज्यपाल से मिल कर मनोहर लाल सरकार को बर्खास्त करने व राज्य में राज्यपाल शासन लगाने की मांग करेगा.
यह विचार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता व इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने व्यक्त किया. श्री चौटाला शनिवार को हरियाणा विधान सभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत के कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की अनुभवहीनता का खामियाजा इस प्रदेश ने पहले भी भुगता है. लागतार चार ऐसी वारदातें हुईं जिसमें प्रदेश झुलस गया. जब रामपाल के अनुयायियों ने प्रशासन को चुनौती दी थी, देश और दुनिया के लोगों ने टीवी व मिडिया के माध्यम से देखा कि किस प्रकार सरकार की विफलता उसमें साबित हुयी और बड़े लोग उसमें शामिल थे जिनके खिलाफ कारवाई होनी चाहिए थी लेकिन नहीं हुई.
इनेलो नेता ने आरोप लगाया कि दूसरी बार जाट आन्दोलन के दौरान 31 निर्दोष बच्चों को मार दिया और हजारों करोड़ की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया. जो लोग वास्तव में इसके दोषी थे वे आज खुले में घूम रहे हैं और जो निर्दोष थे उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया. बारी बारी से उस आन्दोलन को दुबारा उकसाया जाए इसके लिए सीएम ने स्वयं कई बैठकों में अलग अलग भड़काऊ बयान दिए. कभी कहा हम अकड़ निकाल देंगे कभी कहा कि हम सख्त कार्रवाई करेंगे जबकि कभी कहा किसी को नहीं बक्शेंगे. जिनसे जो वायदे किये उनको पूरा करने के बजाय उनको उकसाते रहे.
उन्होंने कहा कि अब जो तीसरा प्रकरण सुभाष बराला वाला हुआ उसमें प्रदेश की जनता ने देखा कि किस तरह से पूरी सरकार उसमें कार्रवाई करने की बजाय उसे बचाने में जुट गयी. श्री चौटाला ने कहा कि हम मिडिया के आभारी है कि उन्होंने सारी सच्चाई दिखाई तो ये उन आई ए एस पर दबाव नहीं बना सके. जब सच सामने आने लगा तो फिर उन्होंने पुलिस से कहा कि आरोपी के खिलाफ कारवाई करो.
शुक्रवार को जो हुआ उसके लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेवार है. जब उन्हें जानकारी थी कि कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और निर्णय की तारीख तय कर दी थी तब इस संवेदनशील मामले को ठीक से नहीं डील किया गया. धारा 144 पर ठीक से अमल नहीं किया गया. इस पर हर व्यक्ति की नजर थी, हर सामाजिक संस्था की नजर थी और प्रत्येक राजनीतिक दल की भी नजर थी ,लोग भयभीत थे की 25 अगस्त को क्या होगा ? उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि अगर किसी प्रकार की हिंसा या अप्रिय घटना हुयी तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. कोर्ट ने सरकार से पंचकूला खाली कराने को भी कहा था. सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और सरकार के वरिष्ठ मंत्री रामविलास शर्मा ने बैठक से बाहर आकर जो बात कही उससे साफ़ हो गया था कि सरकार माहौल खराब करना चाहती थी. उन्होंने कहा था कि डेरा प्रेमी उनके अतिथि हैं. वे उनके ठहरने व खाने का भी प्रबंध करेंगे. यहाँ तक कि धारा 144 भी लगाईं गई लेकिन कहा गया कि ये डेरा प्रेमियों के लिए नहीं है.
जब उनसे घटना से पूर्व विपक्ष के निष्क्रिय होने का सवाल पूछा गया तो अभय चौटाला ने कहा कि इस घटना से पूर्व भी उन्होंने कहा था कि कोर्ट का जो भी निर्णय आये और उसके बाद जो हालात बनेंगे उसको संभालने के लिए सरकार जिम्मेवार है.
उन्होंने कहा कि अब अगर इनेलो या कांग्रेस इनसे इस्तीफे की मांग करे तो कहा जाएगा कि राजनीति करते हैं लेकिन आज जिस तरह कोर्ट ने सीएम का नाम लेकर कहा कि सीएम को प्रदेश की चिंता नहीं थी बल्कि वे वोट बैंक की चिंता कर रहे थे. ऐसे में उनमें तनिक भी नैतिकता बची है तो उन्हें स्वयं ही इस्तीफा देकर हट जाना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए.
उन्होंने कहा हमें उम्मीद थी सरकार ने पीछली घटनाओं से सबक ली होगी लेकिन डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के मामले में मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल इनका कर्ज उतरने में जुटा रह गया और प्रदेश की जनता को जलने के लिए छोड़ दिया.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पाकिस्तान में अपनी सारी संपत्ति बेच कर पंचकुला में अपनी मेहनत के बल पर अपना घर बसाया था आज तीन वर्ष में इस सरकार ने ऐसी हालत पैदा कर दी है कि वे सभी अपना घर बेच कर यहाँ से पलायन कर रहे हैं.
हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा पंचकूला व सिरसा सहित अन्य शहरों में सरकारी व निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने व पुलिस से हुई झड़प में मारे गए 30 लोगों के जिम्मेदार स्वयं सरकार है. इसलिए इनेलो ने 28 अगस्त को अपनी पार्टी की पीएसी की बैठक बुलाई है . उसके बाद 29 को पार्टी के सभी एम् एल ए राज्यपाल से मिल कर इस सरकार को बर्खास्त करने व यहाँ राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करेंगे.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस सरकार को आज कोर्ट ने कटघरे में यह कह कर खडा कर दिया है की शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जो पैसे डेरा सच्चा सौदा के नाम भेट करने का ऐलान किया है उस पर तत्काल रोक लगे और पूर्व में भी अगर सरकार की ओर से जो भी पैसे डेरा को दिए गए हैं उसकी भी रिकवरी हो. इससे इस सरकार की नियत पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. इस सराकर को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए.
इस अवसर पर उनके साथ इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत, रमेश दहिया, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता दलबीर धनखड़ व नरेश सहरावत सहित इनेलो के दर्जनों नेता मौजूद थे.