खान माफिया को संरक्षण देने वाली कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है सुप्रीम कोर्ट का निर्णय : राजीव जैन

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भाजपा नेता ने कहा : कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल बदल रहे हैं गिरगिट की तरह रंग

पहले खान शुरू कराने के लिए दबाव बनाने वाले दलाल आज अदालत के निर्णय का स्वागत

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चंडीगढ़, 17 अगस्त :  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख राजीव जैन ने कहा कि डाडम खान के विषय में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय खान माफिया को संरक्षण देने वाली कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है। उन्होंने कहा कि कल तक प्रधानमंत्री को चि_ियां लिखकर खान शुरू कराने की बात करने वाले कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल आज गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। 

डाडम खान के मसले पर कांग्रेसी विधायक करण सिंह दलाल की प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख राजीव जैन ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान इस खान का ठेका अलाट किया गया था। उस समय इससे प्रतिवर्ष 40 करोड़ रुपए का राजस्व मिल रहा था, जबकि आज भाजपा की सरकार में वर्ष 2017 में 450 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व प्राप्त हो रहा है। ऐसे में प्रतिवर्ष राजस्व की हानि दर्शाती है कि कांग्रेस शासन में खान माफिया को संरक्षण का बाजार कितना फलफूल रहा था। उन्होंने कहा कि दलाल अपनी सरकार के समय को याद करके पछता रहे हैं कि कैसे खान माफिया सत्ता में बैठे लोगों के निजी हितों की पूर्ति कर रहे थे।

 

 उन्होंने कहा कि हरियाणा में खनन के मामले पर लगातार झूठ बोलकर राजनीति कर रहे दलाल के लिए माननीय न्यायालय का आदेश एक सबक है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट का यह फैसला जहां सरकार की जीत है वहीं करण दलाल की नैतिक हार है।इसलिए भाजपा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करती है। भाजपा नेता राजीव जैन ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान वर्ष 2013 में खान का ठेका दिया गया था। भाजपा सरकार बनने के बाद से ही दलाल इस खान को शुरू कराने के लिए चि_ी लिखना शुरू हुए। कांग्रेसी विधायक करण दलाल ने बीते वर्ष 7 सितम्बर को एक पत्र लिखा था, जिसके 3 नम्बर पेज पर पैरा नम्बर 11 में वे आरोप लगाते हैं कि सही तरीके से संचालित डाडम माईन को हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री बंद करवाना चाहते हैं, जिससे हरियाणा को करोड़ों का घाटा होने की संभावना है।

 

इसी पत्र के अगले पैरा में वे कहते हैं कि खान के चलने में देरी हो रही है, जिससे हरियाणा सरकार को एक हज़ार करोड़ का घाटा हुआ है और भविष्य में अगर डाडम माईन को रद्द कर दिया गया तो यह घाटा और ज्यादा बढ़ जाएगा। वे कहते हैं कि डाडम माईन में ना तो कम्पनी पैसे देने के मामले में डिफाल्टर है और ना ही तकनीकी तौर पर खान को चलाने में असमर्थ है।

 उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में आवंटन रद्द कर दिया है। ऐसी स्तिथि में कांग्रेसी विधायक दलाल बताएं कि क्यों वह इसे चलवाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर क्यू दबाव बना रहे थे?आखिर क्या वजह थी कि वे हर पत्र में डाडम माईन को पूरी तरह सही साबित करने के लिए हरियाणा सरकार पर सवाल उठा रहे थे। उनकी मंशा से तो लगता है की वे खुद उन ‘बड़े लोगों’ में शामिल हैं,जो फायदे के लिए कानून को ताक पर भी रखते हैं और उसे तोड़-मरोड़ भी देते हैं। 

उन्होंने ने कहा कि आखिर क्या वजह है कि करण दलाल डाडम माईन के मामले पर ना केवल मीडिया बल्कि आम लोगों की आँखों में भी धूल झोंक रहे थे और बिना तथ्यों के झूठ बोले और लिखे जा रहे थे? उनका इस सबके पीछे क्या उद्देश्य था? उन्हें डाडम माईन को गैर क़ानूनी तौर पर चलवाने में इतनी दिलचस्पी क्यूं थी? और अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने डाडम माईन को रद्द कर दिया है तो वे इसे अपनी जीत बता रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फैसला तो उनके मुंह पर तमाचा है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबक लेना चाहिए।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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