किसानों के संघर्ष में अंतिम सांस तक रहूंगा साथ : हुड्डा

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ,किसान-मजदूर-व्यापारी की एकजुटता से सरकार होगी घुटने टेकने पर मजबूर 

 भारी बारिश के बीच किसान- मजदूर पंचायत में उमड़ा जन सैलाब

 पंचायत हुई महापंचायत में तब्दील

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग 

यूनुस अलवी

किसानों के संघर्ष में अंतिम सांस तक रहूंगा साथ : हुड्डा 2मेवात : 22 जुलाई : कुरुक्षेत्र की पावन धरती से शुरू किसान पचांयत रेवाड़ी, सिरसा, सोनीपत, जीन्द व यमुनानगर मे सफलता के झण्डे गाड़ने के बाद आज हरियाणा के दूसरे छोर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात के नूहं में पूर्व मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिहं हुड्डा ने पूर्व मंत्री आफताब अहमद के संयोजन में जमी किसान मजदूर पंचायत में सिहं गर्जना करते हुए कहा कि मेवातियों का इतिहास अन्याय के खिलाफ लड़ने वाला रहा है। आज इस मैदान से उन्होंने देश के किसानों की उसी जज्बे के साथ लड़ाई लड़ने का जो फैसला लिया है वो उनके साथ हैं और वो तब तक चैन से नहीं बैठेगें जब तक भाजपा सरकार किसानों से किये वायदे पूरा नहीं करती | देश के किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा सुझाये ‘ किसान को उसकी फ़सल पर लागत मुल्य के ऊपर पचास प्रतिशत लाभ दिया जाये ‘ से कम कुछ भी मजूंर नहीं है | किसान पचांयतों में मिले अपार जनसमर्थन का हवाला देते हुए हुड्डा ने हुंकार भरी कि वे किसानों के इस न्यायोचित सघंर्ष मे आखिरी सांस तक डटे रहेगें।

  पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने किसानों को भाजपा की धर्म व जातपात की विघटनकारी राजनीति से सचेत रहने को कहा  व बताया कि किसान अपनी लड़ाई में अब अकेले नहीं हैं। प्रदेश के व्यापारियों व दलित समाज ने भी आगे बढ़कर किसानों के संघर्ष में साथ निभाने का संकल्प लिया है। किसान एक है सबका कर्म किसानी है इसलिए 36 बिरादरी एक होकर इस लड़ाई में आगे आएं हैं। लिहाजा सरकार पर दबाव भी दिख रहा है तभी तो आज ही खबर छपी है कि वो सब्जियों को भी एमएसपी के दायरे में लाने की योजना बना रही है। आप एकजुट रहें, सरकार घुटने टेकने पर मजबूर होते दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि हमने अपने शासनकाल में मेवात में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल रोजगार व पर्याप्त बिजली की व्यवस्था कर विकास को गति दी पर भाजपा ने सत्ता में आकर विकास के पहियों पर ब्रेक लगा दिये। आज यह किसान  मजदूर पचांयत नहीं होती तो मेवात विकास बोर्ड को 35 करोड़ का अनुदान देने की घोषणा शायद ही होती।

  उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सरकार अपने हित के लिए चुनती है पर भाजपा सरकार मुनाफाखोरों के साथ जमाखोरों और बड़े उद्योगपतियों की बनकर रह गयी है। इसका लोगों के कल्याण से कोई वास्ता नहीं रह गया है। पिछले तीन साल में इसने लोगों को अनगिनत जख्म दिए हैं। इस सरकार ने किसान पर सीधा वार तो किया ही है जीएसटी के वर्तमान रूप ने छोटे दुकानदारों की कमर तोड़ कर रख दी है।

 हुड्डा ने कहा कि आज किसान को उसकी किसी फसल के पूरे भाव नहीं मिल रहे है। उसका आलू ,टमाटर, प्याज, कपास, सरसों समेत सब पिटे पर उससे बनने वाली चीजें सस्ती नहीं हुई। उन्होंने कहा कि किसान  की फसल की लागत तो बढ़ गयी पर भाव उस हिसाब से नहीं बढ़े इसलिए खेती घाटे का सौदा बनकर रह गयी है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए हाय तौबा मचाने वाले भाजपा नेता सत्ता के नशे में कुम्भकर्णी नींद सो गए हैं उनको जगाना जरुरी है इसलिए एक साल इंतजार करने के बाद  मैंने आपके साथ मिलकर मोर्चा संभाला है। कुछ लोग किसान  किसान आंदोलन को छोटा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी पद को लेकर नहीं है बल्कि किसान, मजदूर और दुकानदारों का वाजिब हक दिलाने की लड़ाई है। 

 उन्होंने कहा कि फसल बीमा की आड़ में सरकार किसानों के खाते से जबरदस्ती पैसे काटकर पहले भी लूट चुकी है और प्राइवेट बीमा कंपनियों के वारे न्यारे कर चुकी है। अब ये बर्दाश्त से बाहर है सरकार इससे बाज आये। 
 हुड्डा ने भाजपा सरकार के 1000 दिन पूरे होने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता के ये दिन व्यर्थ गये क्योंकि इस दौरान किसी वर्ग की भलाई का कोई काम नहीं हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ बदला और बदली की सरकार है उसने कोई नई योजना लागू नहीं की अपितु कांग्रेस के 10 साल के शासन में आरम्भ की गयी कई योजनाओं का नाम बदला है। कांग्रेस सरकार में कई लाख गरीब परिवारों को सौ सौ गज के मुफ्त प्लाट दिए गए उस योजना पर ताला लगा दिया है। उन्होंने उमड़ी भीड़ से सीधा सवाल किया कि किसी गरीब को इस सरकार ने प्लाट दिया तो लोगों ने नहीं नहीं बोलते हुए हवा में हाथ लहराए।सरकार द्वारा हाल ही में बढ़ाई गई बिजली दरों पर सवाल उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि जनता पहले ही बढ़ती महंगाई से दुखी है इससे आम आदमी पर और आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज बिजली बड़ा मुद्दा बन गया है जबकि उनके कार्यकाल में प्रदेश बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन गया था। उन्होंने कहा कि लोग बिजली को तरस रहे हैं लेकिन सरकार सभी प्लांटों से पूरा उत्पादन नहीं ले पा रही है साथ में झाड़ली प्लांट की बिजली सरप्लस बता सरेंडर कर रही है।

  उन्होंने एसवाईएल को लेकर भाजपा और इनेलो दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें इस पर राजनीति से बाज आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हरियाणा के हक में आने के बाद सबको मिलकर केंद्र सरकार पर इसके निर्माण के लिए दवाब बनाना चाहिए।

 रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने किसानों के कर्ज माफी के साथ युवाओं के रोजगार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आज किसान संकट में है अगर भाजपा सरकार ने किसानों के कर्जे माफ नहीं किये तो हमारी सरकार बनने पर किसान कर्ज मुक्त होगा। उन्होंने युवाओं से सवाल किया कि क्या भाजपा सरकार में किसी को नौ हजार बेरोजगारी भत्ता मिला है तो नहीं नहीं की आवाज भीड़ से सुनाई दी। उन्होंने कहा कि जो बेरीजगारी भत्ते का जो वायदा भाजपा ने चुनावों में किया था उसे हम सरकार बनने पर पूरा करेंगे। उन्होंने जीएसटी की नई परिभाषा देते हुए कहा कि इसका मतलब है गई सरकार तुम्हारी।

पंचायत के संयोजक पूर्व मंत्री आफताब अहमद ने 15 सूत्री किसान अधिकार मांग पत्र पढ़कर सुनाया जिसका उमड़ी भीड़ ने हाथ उठाकर अनुमोदन किया। आफताब अहमद ने कहा कि भारी बारिश और उमस भरी गर्मी के बावजूद जिस तरह से किसान और मजदूरों ने इस पंचायत में शिरकत की है वो इस बात का संकेत है कि आज भाजपा सरकार का दंश झेल रहे देश का किसान अकेला नहीं है और मेवाती भी उनके संघर्ष में उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाए खड़ा है।  

 पंचायत की अध्यक्षता पूर्व मंत्री जलेब खान ने की। इस मौके पर विधायक कुलदीप शर्मा, उदयभान, ललित नागर, जयवीर बाल्मीकि, जगबीर मलिक, शकुन्तला खटक, श्रीकृष्ण हुड्डा, पूर्व मंत्री राव धर्मपाल,  चक्रवर्ती शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता रणसिंह मान, जसवंत बावल, सुखबीर कटारिया, शारदा राठौर, बी.बी बत्रा, अनीता यादव, शिव चरण शर्मा, आजाद मोहम्मद, पहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, राव दान सिंह, रामनिवास घोड़ेला, इजाज खान, संजय राव, सचिन कुंडू, शहीदा खान, राहुल राव, अब्दुल गफ्फार कुरैशी, महताब अहमद, चांदवीर हुड्डा, सुनीता सहरावत, खजान सिंह एड्वोकेट, सुभान खान, आजाद खान, वसीम अकरम समेत अनेक नेता और वरिष्ठ कार्यकर्त्ता मौजूद थे।

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