कचरा निस्तारण के लिए गुरूग्राम व फरीदाबाद ने हाथ मिलाया

Font Size

दोनों नगर निगमों ने किया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

दोनों शहरों से निकलते हैं रोजाना 1250 टन कचरे

कोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड को मिली जिम्मेदारी 

कचरे से प्रतिदिन 10 मेगावाट  बिजली बनेगी

कचरा निस्तारण के लिए गुरूग्राम व फरीदाबाद ने हाथ मिलाया 2चंडीगढ/गुरुग्राम , 30 जून :  हरियाणा के गुरूग्राम-फरीदाबाद एकीकृत वेस्ट प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत दोनों शहरों की सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट के सञ्चालन हेतु हरियाणा सरकार द्वारा इकोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड को कार्य आंबटित किया गया है। हरियाणा के गुरूग्राम और फरीदाबाद के नगर निगमों ने देश के अपनी तरह के पहले एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। गुरूग्राम और फरीदाबाद दोनों शहरों से रोजाना निकलने वाले 1250 टन कचरे को एकत्रित, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान करने की क्षमता होगी। इसके लिए  330 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का निवेश होगा तथा आरडीएफ से प्रतिदिन 10 मेगावाट ऊर्जा (बिजली) बनेगी व यह प्लांट निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) पर आधारित होगा।
 
यह जानकारी आज गुरुग्राम में गुरूग्राम एवं फरीदाबाद नगर निगमों के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान दी गई।
इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण ने बताया कि एकीकृत कचरा प्रबंधन गतिविधियों के साथ देश में अपनी तरह की यह सबसे बड़ी परियोजना है, जिसमें कचरे का उठान, ट्रांसपोर्टेशन, प्रसंस्करण और कचरे के निपटान के साथ-साथ कचरे से बिजली बनाने का संयंत्र स्थापित करना भी शामिल है। इस परियोजना एवं संयंत्र को राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट नियमों के अंतर्गत सभी मानदंडों, नियमों और निर्देशों के अनुसार विकसित किया जाएगा। यह परियोजना शहरी स्थानीय निकायों के लिए स्थाई शहरी बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण करने में मदद करेगी।
 
    उन्होंने बताया कि यह परियोजना गुरूग्राम और फरीदाबाद शहरों की नगर निगम सीमा के भीतर सभी आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों, व्यक्तियों या समूहों सहित विभिन्न कचरा पैदा करने वालों से ठोस कचरा एकत्रित करके उसका परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान करने में मदद करेगी। परियोजना के तहत कार्य करने वाली इकोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड ठोस कचरे से रिफ्यूज ड्राईव्ड फ्यूल (आरडीएफ) और कंपोस्ट को अलग करेगी और आरडीएफ को बिजली उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जाएगा। इस दैनिक कचरे के प्रसंस्करण के अलावा, बंधवाड़ी लैंडफिल साईट के मौजूदा कचरे की प्रक्रिया भी की जाएगी।
 

निजी-सार्वजनिक भागीदारी 

 
श्री शरण ने बताया कि निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) आधार पर तैयार होने वाली इस परियोजना की क्षमता गुरूग्राम और फरीदाबाद दोनों शहरों से रोजाना निकलने वाले 1200 टन कचरे को एकत्रित, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान करने की होगी। इस पर 330 करोड़ रूपए से अधिक की राशि निवेश की जाएगी तथा यहां पर आरडीएफ से प्रतिदिन 10 मेगावाट ऊर्जा (बिजली) बनेगी।
 

जमीन उपलब्ध करवाने के लिए सहमत

 
     इस मौके पर गुरूग्राम के नगर निगम आयुक्त वी. उमाशंकर ने बताया कि गुरूग्राम और फरीदाबाद, दोनों नगर निगम इस परियोजना के विकास के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध करवाने के लिए सहमत हैं, जिसमें कचरा संग्रहण, ट्रांसफर स्टेशन, प्रोसैसिंग यूनिट और सैनिटरी लैंडफिल स्थापित करना शामिल है। एमओयू के एक हिस्से के रूप में नगर निगम फरीदाबाद ने ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना के कार्यान्वयन से संबंधित सभी मामलों मे प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयुक्त और कानूनी तौर पर गठित प्रतिनिधि के रूप में गुरूग्राम नगर निगम को नामित और प्राधिकृत किया है। 
 
     उन्होंने बताया कि दोनों नगर निगमों ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए एक रोड़मैप तैयार किया है, जिसमें आईईसी अभियान को अपने संबंधित क्षेत्रों में चलाने, कचरे का संग्रह और परिवहन, कॉल सैंटर स्थापना, म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट प्रसंस्करण और बिजली संयंत्र की स्थापना करना शामिल है।
 

मिनी टिपर्स और ई-रिक्शा का प्रयोग

 
परियोजना की मुख्य विशेषताएं  के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कुशल डोर-टू-डोर कलैक्शन, पारम्परिक वाहनों के मुकाबले मिनी टिपर्स और ई-रिक्शा का प्रयोग,    जीपीएस/आरएफआईडी लगे सभी वाहनों की प्रभावी निगरानी, कम्प्यूटरीकृत मार्ग मैपिंग के जरिए समय-समय पर कुशल अपशिष्ट संग्रह, प्रिंटर सहित डिवाइस के माध्यम से कुशल उपयोगकर्ता जार्ज संग्रह, मिनी टिपर्स और ई-रिक्शा से प्राप्त कचरे को सीधे कॉम्पैक्ट और परिवहन के लिए रणनीतिक स्थानों पर छोटे ट्रांसफर स्टेशनों की स्थापना, डस्टबिन से कॉम्पैक्टर्स द्वारा द्वितीयक परिवहन,    वास्तविक निगरानी,  कचरा संग्रहण की ऑनलाईन निगरानी, उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह की ऑनलाईन निगरानी, ऑनलाईन शिकायत निवारण प्रणाली, विभिन्न स्थानों पर ऑनलाईन निगरानी प्रणाली का विवरण होगा। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page