चंडीगढ़, 23 जून : करनाल शहर स्मार्ट सिटी की सूची में शमिल हो गया है। स्मार्ट सिटी के लिए आज घोषित की गई 30 शहरों वाली सूची में करनाल 12वें स्थान पर आया है। इसकी विधिवत घोषणा आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अर्बन ट्रांसर्फोमेशन पर आयोजित नैशनल कॉन्फ्रेंस में की गई। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू, शहरी विकास राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव राजीव गोबा तथा सी.ई.ओ. अमिताभ कांत भी उपस्थित थे।
हरियाणा के शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी शहर को स्मार्ट बनाने के लिए धनराशि की विशेष आवश्यकता होती है। करनाल को स्मार्ट बनाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के अनुदानों के अलावा अन्य संसाधनों से भी वित्तीय सहायता मिलेगी और इस प्रकार करनाल के विकास में करीब 1295.81 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस राशि से करनाल में विकास के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं और संसाधन आसानी से उपलब्ध होंगे और अगले 2 वर्षों में सिटी की स्मार्टनेस दिखने लगेगी तथा यहां की सूरत बदलेगी।
श्री शरण ने बताया कि स्मार्ट सिटी की घोषणा होने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार की ओर से करनाल को 200 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी कर दी जाएगी। इसके लिए करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड इकाई के नाम से एस.पी.वी. (स्पैशल पर्पस व्हीकल) का गठन किया जाएगा, जिसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सरकार के अधिकारी भी रहेंगे। इसके अतिरिक्त नगर निगम की मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर भी एडवाइजऱी काउंसिल का हिस्सा होंगे।
उन्होंने बताया कि तीसरे दौर के लिए नगर निगम करनाल ने जनवरी 2017 से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसके लिए सरकार द्वारा देश की चुनिंदा एजेंसियों में से एक ‘‘क्रिसिल’’ (क्रेडिट रेटिंग इन्र्फोमेशन सर्विसिस ऑफ इण्डिया लिमिटेड) को नियुक्त किया गया। इस एजेंसी ने करनाल में करीब 3 महीने तक कार्य करने के बाद 1295.81 करोड़ रुपये के कुल खर्चे वाला एक स्मार्ट सिटी प्रपोजल (एस.सी.पी.) तैयार किया। प्रपोजल के लिए शहर के मुगल कैनाल फेज़-2-3, पुरानी सब्जी मंडी व घण्टाघर चौक जैसे भिन्न-भिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया गया। इसके लिए सडक़ोंं, फुटपाथ, पार्क, युवाओं के लिए खोले गए जॉब ऑरिएंटिड व कैरियर एन्हासमेंट केन्द्रों का दौरा भी किया गया। ऐसे स्थानों का भी निरीक्षण किया गया, जहां पुलिस और नगर निगम द्वारा ट्रैफिक कंट्रोल के लिए व्यवस्था करवाई जा रही हैं। पिछली प्रस्तावित योजना की खामियों को भी देखा गया और सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद शहर के पार्षदों और आम नागरिकों की राय भी ली गई। इसके पश्चात 720 एकड़ का क्षेत्र चिन्हित करके एक व्यापक प्रपोजल तैयार किया गया करके उसे राज्य स्तर पर हाई पावर कमेटी से अनुमोदित करवाकर गत 31 मार्च 2017 को केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजा गया।
प्रधान सचिव ने बताया कि स्मार्ट सिटी का मतलब ऐसे शहरों से है, जहां पानी और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था हो। साथ ही साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन, परिवहन के बेहतरीन साधन, बेहतर कनेक्टिविटी, ई-गवर्नेंस, नागरिकों की सुरक्षा तथा सुशासन में नागरिकों की भागीदारी जैसी कई सुविधाएं मौजूद हों। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी से करनाल शहर के विकास में तेजी आएगी। लोगों के लिए बिजली, पानी, ट्रैफिक सुरक्षा और अन्य ढांचागत व आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि करनाल में स्मार्ट मोबिलिटी की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें पैदल यात्री पथ, स्मार्ट रोड़, विवेकपूर्ण यातायात प्रबंधन प्रणाली, ट्रैफिक सिग्लन, पार्किंग, स्मार्ट साइनेज़, सिटी गाइड मैप तथा पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम शामिल हैं। इसी प्रकार शहरी बुनियादी ढांचे में स्टार्म वाटर की उचित निकासी, बेहतर सीवरेज व्यवस्था और ट्रीटमेंट प्लांट से अशुद्ध पानी की रि-साइकलिंग, स्मार्ट शौचालय, सोलिड वेस्ट मेनेजमैंट प्लांट से कूड़े-कचरे का उचित प्रबंधन, पार्कों में ओपन एयर जिम व फ्री वाई-फाई, सडक़ों व गलियों में एल.ई.डी. लाइट तथा मलिन बस्तियों में व्यापक स्तर पर मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। स्मार्ट सिटी प्रपोजल में इन सभी सुविधाओं को बढ़ाने का प्रावधान किया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के खर्च में एरिया बेस्ड अर्थात क्षेत्र आधारित विकास के लिए 1061.05 करोड़ रूपये तथा पैन सिटी सोल्यूशन के लिए 149.99 करोड़ रुपये शामिल किए गए हैं। करनाल शहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी चण्डीगढ़ के मध्य में राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर-1 पर स्थित है, जहां बेहतर रेल कनेक्टिविटी है। हवाई यात्रा के लिहाज से भी सरकार द्वारा यहां की हवाई पट्टी पर घरेलू सेवाएं प्रदान करने की योजना विचाराधीन है। रोजगार और आर्थिक दृष्टि से यहां शॉपिंग मॉल, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किए जाने वाले कृषि यंत्र व लैदर उद्योग स्थापित हैं, जिनसे आने वाले समय में यहां के आर्थिक विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
प्रधान सचिव ने बताया कि करनाल में सडक़ यातायात का बुनियादी ढांचा भी सुदृढ़ है। यहां सडक़ों को पर्यावरण अनुकूल व स्मार्ट बनाया गया है। बेहतर कनैक्टिविटी के लिए नगर निगम और लोक निर्माण विभाग द्वारा सडक़ों का विस्तार और मरम्मत का काम किया गया है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करनाल में मैडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया व प्रदेश सरकार के प्रयासों से राजकीय कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज स्थापित किया गया है।