नरेला से सोनीपत के कुण्डली तक होगा मैट्रो रेल का विस्तार

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चंडीगढ़, 1 जून  मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमण्डल की बैठक में दिल्ली के नरेला से जिला सोनीपत के कुण्डली तक मैट्रो रेल के विस्तार को स्वीकृति प्रदान की गई।
    इस परियोजना का वित्त पोषण 80:20 के अनुपात में राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के अनुदान से किया जाएगा और इसे गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा बहादुरगढ़ दिल्ली मैट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) मैट्रो एक्सटेंशन के मामले में अपनाई गई वित्त पोषण पद्धति पर क्रियान्वित किया जाएगा।
    राज्य सरकार इस परियोजना में अपने हिस्से के तौर पर 968.20 करोड़ रुपये का योगदान करेगी। इस विस्तार की लम्बाई 4.86 किलोमीटर होगी और इसमें तीन स्टेशन नामत: नरेला सैक्टर 5, कुण्डली और नाथूपुर होंगे। सभी तीनों स्टेशन एलीवेटिड होंगे। नरेला से कुण्डली तक मैट्रो का विस्तार अप्रैल 2018 से मार्च 2022 तक किया जाना प्रस्तावित है।
मंत्रिमण्डल ने राज्य में मैट्रो परियोजनाओं की संशोधित वित्त पोषण पद्धति को भी स्वीकृति प्रदान की। 
    संशोधित वित्त पोषण पद्धति के अनुसार हरियाणा में दिल्ली मैट्रो रेल निगम द्वारा निष्पादित की जा रही मैट्रो परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसके तहत हरियाणा आधारभूत संरचना विकास बोर्ड द्वारा 50 प्रतिशत, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा 20 प्रतिशत, राज्य सरकार द्वारा 18 प्रतिशत और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा 12 प्रतिशत के अनुपात में भुगतान किया जाएगा। 
    राज्य सरकार ने संशोधित टीओडी नीति अधिसूचित की है, जो मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजनाओं के साथ कोरिडोर के घनत्व के साधन और इन मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए राजस्व उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में टीओडी के सृजन के लिए मानदंड निर्धारित करती है। इस नीति के तहत संग्रहित फीस या शुल्कों को अवसंरचना विकास कोष में एक पृथक हैड के तहत रखा जाएगा और इसका उपयोग केवल मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया जाएगा।
    बैठक में इस प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई कि 15 रुपये से अधिक का बस किराया पांच रुपये के गुणज में और 15 रुपये से कम के मामले में, पांच रुपये, सात रुपये और 12 रुपये, जैसा भी मामला हो, वसूल किए जाएंगे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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