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हर साल 10 लाख लोगों की तंबाखू खाने से मौत हो जाती है: सीजीएम
इसलाम धर्म में तंबाखू आदि का नशा हराम हैं
नशामुक्ति के लिये उलेमा चलाऐगें अभियान
यूनुस अलवी
मेवात:पुन्हाना उपमंडल के गांव शिकरावा में जिला विधिक सेवाऐं प्राधिकरण और मेवात स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला स्तरीय विश्व तम्बाकू निषेद दिवस मनाया गया। जिसका आयोजन ग्राम पंचायत शिकरावा ने किया। इस मौके पर मेवात के सीजीएम एंव विधिक सेवाऐं प्राधिकरण के सचिव नरेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जबकी मेवात सिविल सर्जन एसआर सिवाच ने समारोह की अध्यक्षा की। इस मौके पर इलाके के प्रमुख लोगों के अलावा सामाजिक, धार्मिक उलमा और पंच-सरपंच मौजूद थे.
इस मौके पर समारोह को सम्बोधित करते हुऐ सीजीएम एंव विधिक सेवाऐं प्राधिकरण के सचिव नरेंद्र सिंह ने कहा कि मेवात की आबादी के बराबर यानि करीब दस लाख लोगों कि देश में तम्बाकू के खाने की वजह से मौत हो जाती है। यह केवल दस लाख की मौत नहीं होती बल्कि दस लाख परिवारों की मौत होती है। कई हजार करोड रूपये इलाज में खर्च हो जाते हैं। नशे की लत की वजह से पंजाब की तरह मेवात बरबादी के कगार पर खडा है। अगर जल्द ही मेवात के लोग नशाबंदी के खिलाफ खडे नहीं हुऐ तो इसके परिणाम गलत होगें। उन्होने कहा कि भले ही इन बुराईयों पर रोक लगाने के लिये प्रशासन और लोगों को पहल करनी चाहिये थी लेकिन न्यायपालिका सब कुछ बेठकर भी नहीं देख सकती है। समाज के दबे कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिये ही विधिक सेवाऐं प्राधिकरण का कठन किया गया है। सीजीएम ने रमजान का वास्ता देकर लोगों से आहवान किया कि वे पवित्र महिना रमजान में नशा छोडने का अहद लें और दूसरों को भी इससे रोके। उन्होने कहा भले ही कोरक्स दवाई लोगों को बिमारी से बचाव के लिये बनाई गई हो लेकिन लोग खासतौर से युवा इसक गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
मेवात सिविल सर्जन एसआर सिवाच ने अपने सम्बोधन में कहा कि तम्बाकू सेवन करने वाला आदमी धुआं में करीब 4 हजार रसायन छोडता है। जिससे फैंफडों का, मूंह, गले, गर्दन, पेट, गुर्दा, मुत्राशय और अग्नश्याशय का कैंसर होता है। उनका कहना है कि भारत दुनिया का तीसरा देश है जहां तंबाकू से लोग प्रभावित होते हैं। उन्होने कहा कि 20 फीसदी लोग सिग्र्रेट और 40 फीसदी लोग बीडी के जरिये तम्बाकू का इंस्तेमाल करते हैं। उन्होने कहा जो बच्चे 12 साल से पहले तम्बाकू का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं उनकी करीब 45 साल में मौत हो जाती है। उन्होने कहा कि लोगों को इसके प्रति जागरूक होना पडेगा। वहीं उनहोने कहा कि नशे कि लत एक दूसरे के सम्पर्क में आने से बढती है। नशा करने वाले को समाज मे बदनुमा दाग की हेसियत से देखा जाता है।
मोलाना शमशुदीन गुलालता ने कहा कि इसलाम धर्म में नशा करना हराम है। लोगों को नशामुक्ति के लिये जागरूक करने के लिये उलेमाओं की ओर से गांव-गांव में अभियान चलाया जाऐगा। उन्होने कहा कि नशा के खिलाफ सामाजिक, धार्मिक और राजनेताओं को साथ मिलकर काम करना होगा।
इस मौके पर डिप्टी सिविल सर्जन आशिश सिंगला, एसएमओ, डाक्टर अतुल कुमार, जिला ड्रग इंस्पेंक्टर रजनीश धारीवाल, जिला पार्षद जैकम खान, ऐडवोकेट ताहिर हुसैन, ऐडवेकेट गुलाम अली, ऐडवोकेट जफरूदीन मोलाना शमशुदीन सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद थे।