सोनिया के भोज में विपक्षी नेताओं ने दिखाई एकजूटता

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कहा राष्ट्रपति उम्मीदवार पर राजग सरकार आम सहमति की पहल करे 

नई दिल्ली:  राष्ट्रपति चुनाव से पहले कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से फैसला किया कि अगर राजग सरकार आम-सहमति वाला उम्मीदवार नहीं उतारती तो विपक्ष अपना उम्मीदवार उतारेगा. यह निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से आयोजित बैठक में किया गया. इसमें 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया.

गौरतलब है कि शुक्रवार को यह बैठक तब हुई जब मोदी सरकार अपने तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही है. संयुक्त विपक्ष की बैठक में जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. दूसरी तरफ़ा नीतीश कुमार शनिवार को ही मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के स्वागत में यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये जा रहे दोपहर भोज में शामिल हुए.  

उल्लेखनीय है कि इस बैठक में सपा एवं बसपा जैसे कुछ पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी दल भी शामिल हुए. सभी नेताओं ने राजग सरकार की नीतियों की आलोचना साथ ही कश्मीर एवं सहारनपुर की स्थिति को लेकर सरकार पर हमला किया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि दलितों, महिलाओं, गरीबों एवं शोषित वर्गों सहित समाज के विभिन्न वर्ग इस सरकार में सुरक्षित नहीं हैं.

संसद भवन के पुस्तकालय में आयोजित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दोपहर भोज में ममता, मायावती, लालू प्रसाद के साथ साथ वाम नेता सीताराम येचुरी, सुधाकर रेड्डी एवं डी राजा, जदयू नेता शरद यादव एवं केसी त्यागी पहुंचे. बैठक में बसपा की मायावती एवं सतीश चंद्र मिश्र, सपा के अखिलेश यादव एवं नरेश अग्रवाल, राकांपा के शरद पवार तथा द्रमुक की कनिमोई भी शामिल हुए.
मीडिया की खबर में कहा गया है कि बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, झामुमो के हेमंत सोरेन एवं संजीव कुमार, आईयूएमएल के पी कुन्हालीकुट्टी, जेडीएस के सी एस पुत्ताराजू, एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल एवं आरएसपी के एन के प्रेमचंदन भी मौजूद थे.

कांग्रेस की ओर से सोनिया गाँधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकाजरुन खड़गे मौजूद थे.

काफी दिनों बाद हुई विपक्ष की इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद आजाद एवं शरद यादव ने एक संयुक्त बयान जरी किया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ दल इस महत्वपूर्ण पद के लिए आम-सहमति तैयार करने की पहल करता है लेकिन अभी तक अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि आम-सहमति वाला उम्मीदवार उभर कर नहीं आता है तो विपक्षी दल ऐसे व्यक्ति को उतारेगा जो संवैधानिक मूल्यों की मजबूती से रक्षा करेगा. यादव ने कहा कि विपक्ष भाजपा से अपील करता है कि वह आगे आये तथा राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिए परंपरा के अनुसार आम सहमति वाले उम्मीदवार का नाम तय करे.

टीएमसी नेता व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अलग से कहा कि सहमति वाले उम्मीदवार का नाम नहीं आता तो राष्ट्रपति पद के उपयुक्त प्रत्याशी की खोज के लिए विपक्ष की एक समिति बनाई जाएगी. राजद नेता लालू ने कहा कि राजग सभी मोर्चों पर विफल रहा है.

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