गुरुग्राम शहरी क्षेत्र को 15 अगस्त तक ओडीएफ करने का लक्ष्य

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जिला उपायुक्त ने दी जानकारी 

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डाक्टर राकेश गुप्ता ने की जिले के अधिकारियों से चर्चा 

 
गुरुग्राम, 19 मई। जिला के ग्रामीण क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त अर्थात् ओडीएफ घोषित करने के बाद अब शहरी क्षेत्र को ओडीएफ करने की बारी है। जिला प्रशासन व नगर निगम गुरुग्राम ने शहरी क्षेत्र को 15 अगस्त तक ओडीएफ करने का लक्ष्य रखा है। 
 
इस बारे में जानकारी आज मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डाक्टर राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित वीडियों कांफ्रेंसिंग मेें  उपायुक्त हरदीप सिंह तथा नगर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त अमित खत्री द्वारा दी गई। इस वीडियों कांफें्रसिंग में जिला गुरुग्राम में पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन, एसडीएम व आरटीए सचिव कार्यालय में एसओपी लागू करने, अटल सेवा केंद्रो के संचालन, आवारा पशुओं के प्रबंधन, ग्रामीण व शहरी क्षेत्र को ओडीएफ बनाने आदि विषयों पर चर्चा की गई।
 
शहरी क्षेत्र को ओडीएफ करने के बारे में डा. राकेश गुप्ता को जानकारी देते हुए गुरुग्राम के उपायुक्त हरदीप सिंह ने बताया कि पटौदी और सोहना कस्बों में खुले में शौच जाने वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है और उन क्षेत्रों के लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें शौचालय प्रयोग के फायदे बताए जा रहे हैं और जहां पर शौचालय नही है वहां पर शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र के बारे में अतिरिक्त निगमायुक्त अमित खत्री ने बताया कि निगम क्षेत्र में ओडीएफ वाले स्थानों को चिन्ह्ति किया गया है और वहां पर सामुदायिक शौचालय तथा सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से अब उन क्षेत्रों के लोगों को शौचालयों का प्रयोग करने के लिए समझाया जा रहा है और उनमें व्यावहारिक बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डा. राकेश गुप्ता ने जिला को ओडीएफ बनाने के कार्यों की प्रगति पर संतोष जताते हुए स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी काम जारी रखने के निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए  स्वच्छ मैप एैप का भरपूर सदुपयोग किया जा सकता है। इस एैप  को मुख्यमंत्री द्वारा रोहतक से लांॅच किया गया था। 
जिला की सडक़ों को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने के कार्य की समीक्षा के दौरान उपायुक्त हरदीप सिंह ने अतिरिक्त प्रधान सचिव को बताया कि पिछले दिनों 1670 पशुओं को पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आवारा पशुओं के बाड़े बनाने के लिए दमदमा और भांगरौला दो नए स्थानों की पहचान की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि शहरी क्षेत्र में हाल ही में 570 गायों को एक गऊशाला से दूसरी गऊशाला में स्थानांतरित किया गया और जितने भी आवारा पशु पकड़े गए हैं उनके शत-प्रतिशत के टैग लगा दिए गए हैं व उनके स्वास्थ्य की जांच आदि की गई है। उपायुक्त ने अतिरिक्त प्रधान सचिव को भरोसा दिलाया कि जिला की सडक़ों को 31 जुलाई तक आवारा पशुओं से मुक्त कर दिया जाएगा। निगम क्षेत्र के लिए श्री खत्री ने बताया कि निगम की गांव काटरपूरी में एक गऊशाला व एक नंदीशाला है, जिनमें आवारा पकड़ी जाने वाली गायों व नंदियों को रखा जाता है। उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र में और गऊशाला बनाने के लिए जगह उपलब्ध नही है परंतु आवारा पशुओं को पकडऩे और उनके स्थानांतरण में निगम आर्थिक सहयोग दे सकता है। अतिरिक्त प्रधान सचिव  ने कहा कि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक व पशु चिकित्सक इस कार्य में रूचि लें और ध्यान रखें कि आंकड़े बढाकर ना प्रस्तुत किए जाएं। 
अटल सेवा केंद्रों पर दी जा रही नागरिक सेवाओं की समीक्षा करते हुए डा. राकेश गुप्ता ने कहा कि लोगों को ये सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए  सभी  उपायुक्त प्रो-एक्टिव होकर काम करें तभी भ्रष्टाचार कम होगा और कार्यों में पारदर्शिता आएगी। 
पीसी पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की हिदायत देते हुए अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि गुरुग्राम सहित प्रदेश के पांच जिलों – रोहतक, जींद, महेंद्रगढ़ तथा रेवाड़ी में इस वर्ष का बच्चों के जन्म पर लिया गया लिंगानुपात 900 से कम है, इसलिए इन जिलों के अधिकारियों को ज्यादा मुसतैदी से कार्य करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत केस तो दर्ज हुए हैं लेकिन एक भी दोषी को सजा नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि पुलिस के अधिकारियों को चाहिए कि वे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ तालमेल के साथ काम करें ताकि दोषियों का दोष न्यायालयों में साबित हो और उन्हें दण्डित किया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों से कहा कि लिंगानुपात के आंकड़ों में किसी प्रकार की हेरफेर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंकड़ों में हेराफेरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही की जाएगी। डा. गुप्ता ने बताया कि पिछले दिनों 10 जिलों में लिंगानुपात का सर्वेक्षण स्वतंत्र ऐजेंसी से करवाया गया था जिसमें जन्म पर अनुपात लगभग सही पाया गया था। 
वाहनों के पंजीकरण तथा ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने के लिए एसडीएम कार्यालय में लागू किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) की समीक्षा करते हुए डा. गुप्ता ने गुरुग्राम जिला की सराहना की और कहा कि तीनों जगह-गुरुग्राम, सोहना व पटौदी में इस दिशा में अच्छा काम हो रहा है। 
इस अवसर पर उपायुक्त हरदीप सिंह के साथ  पुलिस उपायुक्त मुख्यालय सिमरदीप सिंह, अतिरिक्त नगर निगमायुक्त अमित खत्री, सोहना के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम रविंद्र यादव, मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी सुरेखा यादव, सिविल सर्जन डा. कांता गोयल, उप सिविल सर्जन डा. सरयू शर्मा, उप जिला न्यायवादी देवेंद्र कुण्डु, सहायक पुलिस आयुक्त धारणा यादव, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी दीपक  यादव,  महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता शर्मा,  जिला ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चौहान, पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनिता, एनआईसी की जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अंजली धींगड़ा भी उपस्थित थे। 

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