फोटोग्राफी के भी शौकीन जय राज दहिया का नाम लिम्का बुक में दर्ज

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कालका के गवर्नमेंट कॉलेज में बीए द्वितीय का छात्र है जयराज दहिया

हर्षित सैनी

रोहतक। जय राज दहिया पुत्र राज सिंह दहिया का नाम लिम्का बुक में दर्ज हुआ। जय राज दहिया सरकारी गवर्नमेंट कॉलेज कालका में बीए द्वितीय के छात्र हैं। स्थाई तौर पर जयराज आजाद नगर रोहतक के निवासी हैं। इनके पिता राज सिंह दहिया रेलवे में गार्ड मेल एक्सप्रैस के पद पर कालका में कार्यरत्त हैं, जो अम्बाला डिविजन में है। उनका भी नाम लगातार तीन बार निम्का बुक में दर्ज हुआ है।

कहां से हुई शुरुआत ? 

जयराज दहिया पिता की नौकरी के चलते पहले बठिण्डा में रहते थे। वहां पर उन्होंने माचिस की अलग-अलग तरह की डिब्बी इकट्ठी करके अपने शौक की शुरूआत की। सन् 2012 में अपने डी.ए.वी. स्कूल की प्रदर्शनी में अपने माचिस संग्रह का प्रदर्शन किया, जहां उसको बहुत प्रोत्साहन मिला। अब उनके पास लगभग 400 से ज्यादा अलग-अलग माचिसों का संग्रह है।

अपने संग्रह को दिया नया मोड़ 

पिता का नाम लिम्का बुक में दर्ज होने के बाद जयराज ने भी लिम्का बुक में नाम दर्ज कराने की ठानी और अपने संग्रह को नया मोड़ दिया क्योंकि जयराज दहिया फोटोग्राफी के भी शौकीन हैं। इसलिए उन्होंने एक चुनौती भरे फोटो संग्रह को चुना। जयराज ने 50 से ज्यादा अलग-अलग व्यवसाय के लोगों के (बस चालक, बस परिचालक, गार्ड, टी.टी.ई., डाक्टर, कैमिस्ट व दुकानदार इत्यादि) एक हजार से ज्यादा फोटो एकत्रित किए और लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवाया। परिवार के सभी सदस्य अपना-अपना संग्रह कर रहे हैं। सभी का प्रयास है कि उनका नाम भी लिम्का बुक में दर्ज हो।

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