नई दिल्ली, 15 मई : मिडिया की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस बात पर गौर करेगा कि व्हाट्सएप की 2016 की निजता नीति से नागरिकों के अधिकार तो प्रभावित नहीं हो रहे. शीर्ष अदालत ने केन्द्र से पूछा कि नियम बनने तक वह उपयोगकर्ताओं के ‘संरक्षण’ के लिए क्या कदम उठा सकता है.
खबर में यह भी कहा गया है कि व्हाट्सएप निजता नीति मामले की विस्तृत जांच शुरू करने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस संदेश एप से सोशल नेट वोर्किंग प्लेटफॉर्म फेसबुक के साथ उपयोगकर्ताओं का डेटा साझा करने पर सवाल भी किये, जबकि 2016 से पहले ऐसा नहीं किया जा रहा था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस बात पर गौर करेगी क्या अदालत इस मुद्दे से निपटने में एक नियामक तंत्र की अनुपस्थिति में दिशानिर्देश तय करने में ‘असहाय’ है.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हम इस बात पर गौर करेंगे कि इसके (निजता नीति के) कारण संविधान के अनुच्छेद 19 (01) जी के तहत किसी व्यक्ति के अधिकार प्रभावित होते हैं या नहीं. वे यह नहीं कह सकते कि उपयोगकर्ता इस पर सहमत हुए हैं.’