एसवाईएल पर हरियाणा विधान सभा में मनोहर लाल ने विपक्ष को दिया जवाब

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कहा 12 वर्षों से प्रैजिडेंशियल रैफरैंस के लिए अटका रहा मामला 

हरियाणा के लिए अलग उच्च न्यायालय गठित करने का प्रस्ताव पारित  

चण्डीगढ़, 4 मई :  हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा के सभी दल एक हैं और हम सभी एक साथ मिलकर इस विषय को आगे बढ़ा रहे हैं, क्योंकि यह मुद्दा प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सभी दलों को एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाने के लिए एकजुट होना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा में बुलाए गये विशेष सत्र के दौरान एसवाईएल के मद्दे पर सदन में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र जीएसटी बिल और अन्य विधायी कार्यों के लिए आयोजित किया गया था। उन्होंने आज के सत्र में एसवाईएल के सम्बन्ध में कहा कि एसवाईएल के बारे में उन्होंने व विपक्ष ने प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को पत्र लिखे हैं और प्रधानमंत्री को विपक्ष के नेता ने भी पत्र लिखे हैं।

उन्होंने कहा कि इस मामले पर वे राष्ट्रपति से मिले भी हैं और इसमें राष्ट्रपति की एक अलग भूमिका है, क्योंकि यह मुद्दा 12 वर्षों से प्रैजिडेंशियल रैफरैंस के लिए अटका हुआ था। उन्होंने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर वे प्रधानमंत्री से भी मिले हैं और प्रधानमंत्री से मिलने के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर गृह मंत्री से मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने हम सबकी बात सुनी और उन्हें हमने एक मैमोरंडम भी दिया था, जिस पर उन्होंने विचार करने का आश्वासन दिया।

उन्होंने सदन में कहा कि जब कभी भी इस पर कार्यवाही होगी तो इसके बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री से मिलकर आए थे, लेकिन नीति आयोग की बैठक से पहले उन्होंने भी प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा और नीति आयोग की बैठक से पहले सायं दो घण्टे का समय दिया गया। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को एसवाईएल के सम्बन्ध में एक पत्र भी लिखकर दिया, जिसे सार्वजनिक किया गया है।
उन्होंने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर उन्हें सदन के नेता के नाते, मुख्यमंत्री के नाते या प्रदेश के नेता के नाते, जो भी कहा जा सकता है या जिन्हें भी अवसर मिलता है – हम सभी मिलकर इस मुद्दे को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सभी दलों के नेता इस मुद्दे पर एकजुट हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शायरी अंदाज में कहा कि हम सब ने यह ठानी है, लाना यहां पानी है, शक-शुभा ये सब बातें बेमानी हैं।
उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़ मेें यदि हरियाणा और पंजाब के उच्च न्यायालय बनते हैं तो चण्डीगढ़ के अधिकार क्षेत्र की बात आती है, जिस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य लोगों से भी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि इस बातचीत के दौरान दो सुझाव निकलकर आए थे। पहले सुझाव में चण्डीगढ़ से सम्बन्धित एक अलग पीठ स्थापित करने की बात हुई है, जिसमें चण्डीगढ़ के लोग अपने मामलों की पैरवी कर सकते हैं। इसी प्रकार, दूसरे सुझाव में पंजाब और हरियाणा राज्यों के अलग उच्च न्यायालय बनने के बाद चण्डीगढ़ के लोगों को यह छूट दी जाए कि वे अपने मामले दोनों राज्यों में किसी एक उच्च न्यायालय में पैरवी कर सकते हैं अर्थात उन्हें यह छूट होगी कि वे पंजाब उच्च न्यायालय या हरियाणा उच्च न्यायालय में अपने मामलों की पैरवी अपनी सुविधा अनुसार कर सकते हैं।

 

उन्होंने कहा कि यह केवल दो सुझाव उस समय आए थे, लेकिन हम सबको इस सम्बन्ध में चण्डीगढ़ के लोगों के लिए कोई रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अलग उच्च न्यायालय की बात को बार-बार उठाते रहना चाहिए, क्योकि यह विषय कभी न कभी सिरे चढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने हिसार एयरपोर्ट की भी चर्चा की, क्योंकि हरियाणा में कोई भी एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन हरियाणा के लोगों के लिए चण्डीगढ़ और दिल्ली का ही एयरपोर्ट है, जबकि कई बार दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली के लोगों को पहुंचने में ज्यादा समय लगता है, जबकि गुरुगाम के लोग दिल्ली के एयरपोर्ट पर जल्दी पहुंच जाते हैं, जिससे गुरुग्राम का विकास भी हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में आज जीएसटी बिल पास हुआ है, जो एक ऐतिहासिक कदम है।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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