भारतीय शहीदाने सभा ने पाकिस्तान और आंतकवादी घटनाओं कि कडी निंदा की

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यूनुस अलवी

मेवात:
  भारत-पाकिस्तान कि बोर्डर हो या फिर देश के अंदर होने वाले आंतकी हमलों कि जमियत उलमा-ए-हिंद, अखिल भारतीय शहीदाने सभा और समाजसेवियों ने पाकिस्तान और आंतकवादी घटनाओं कि कडी निंदा की है।
 
     जमियत उलमा-ए-हिंद नोर्थ जोन के अध्यक्ष मोलाना याहया करीमी ने आतंकवादियों कि घटनाओं कि कडी निंदा करते हुऐ कहा कि इसलाम धर्म में जब छांयादार पेड काटना तक हराम है तो किसी आदमी का बेवजह सिर काटने को कैसे जायज करार दिया जा सकता है। देश या विदेश के किसी भी मुस्लिम पर अगर ये साबित हो होता है कि वह आतंकवादी है या देश का गद्दार है और वह मारा जाता है तो उनकी तंजीम का आहवान है कि ऐसे गद्दारों को नमाज-ए-जनाजा ना पढाई जाऐ। उन्होने कहा लोगों में दहशत फैलाने के लिये बेकसूर लोगों के सिर कलम करने वाले किसी भी तरह जिहादी नहीं हो सकते और ऐसी फसादी तंजीम जो अपने आपको जेहादी करार देते हैं असलियत में वे इसलाम के गद्दार और दुश्मन हैं। ये जिहादी नहीं बल्कि फसादी है। उन्होने कहा कि जिहाद उसको कहते हैं जहां दीन को बचाने के लिये कोई लडाई लडी जाऐ। आज शिक्षा, रोजगार और आतंकवादियों के खिलाफ लडने कि जरूरत है। उन्होने कहा कि हदीसों में ऐसे उदाहरण मिलते हैं जब हजरत मुहम्मद साहब ने अपनी जिंदगी में शांति, दयालुता, क्षमा व न्याय को तर्जी दी है। अपने आप को जिहादी कहने वाले फसादी हूजुर कि सुननतों से कौसो दूर हैं। इसलाम धर्म त्याग, बलिदान, आपसी भाईचारा सिखाता है ना कि नफरत।
   अखिल भारतीय शहीदाने सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरफूदीन मेवाती का कहना है कि पाकिस्तान और आतंकवादियों कि हरकत से देश के भाईचारा को नुकसान हो रहा है। आतंकवादी घटनाऐं मेवात और देश के हिंदु-मुस्लिमों में खाई पैदा करने का काम कर रही हैं। देश के प्रधानमंत्री को चाहिये कि पाकिस्तान को मूंहतोड जवाब दे।

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