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मेवात के अधिक्तर शहरों और र्इंट भट्टों पर नहीं हैं शौचालय
यूनुस अलवी
मेवात: नूंह जिला को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिये मेवात जिला प्रशासन ने दिन-रात एक कर रखे हैं। करीब 6 महिने पहले मेवात के डीसी मणिराम शर्मा ने मेवात को 31 मार्च 2017 तक खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ)बनाने की घोषणा कि थी जब 31 मार्च तक मेवात ओडीएफ नहीं बन सका तो 31 मई इसकी आखरी तारीख तैय कि गई है। भले ही रविवार को डीसी का एक महिने का अतिरिक्त समय भी पूरा हो गया है लेकिन अभी तक मेवात के अधिक्तर ईंट भट्टों के अलावा बडकचली चौक जैसे कई जगहों पर कोई शौचालय ना होना ओडीएफ में एक रोडा बने हुऐ हैं। सार्वजिनक जगहों पर शौचालय बनाने के लिये जिला प्रशासन कोई दिलचश्पी नहीं दिखा रहा है।
मोहम्मद उस्मान पंचायत मेम्बर गूजर नंगला के पंचायत मेम्बर मोहम्म्द उसमान, फिरोजपुर झिरका ब्लोक समिति के वार्ड नंबर दस से सदस्य आसिफ, नोमान, मुबीन, आस मोहम्मद, मिशरूफा ने मेवात उपायुक्त मणिराम शर्मा को प्रेस को जारी विज्ञपति में कहा कि मेवात को ओडीएफ बनाने के लिये केवल एक महिना शेष बचा है लेकिन मेवात के अधिक्तर सार्वजनिक जगह शौचमुक्त नहीं हो सकी है। पुन्हाना, नूंह, फिरोजपुर झिरका, तावडू आदि कस्बों के अड्डों पर एक-एक ही शौचालय है। यहां पर दुकानदारों कि संख्या कई हजारों में जबकी कई हजार लोग प्रतिदिन राहगीर यहां से गुजरते हैं। उनका कहना है कि नगीना मेवात को वो चौहराया है जहां पर करीब 10 हजार से ज्यदा लोगों कि आवाजाही होती है यहां पर एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं हैं। मेवात के अधिक्तर र्इंट भट्टों पर शौचालयों को कोई प्रबंध नहीं है आज भी भट्टों पर काम करने वाले मजदूर लोगों के खेतों में शौच के लिये जाते हैं। उनका कहना है कि प्रशासन मे करोडों रूपये आऐ हुऐ हैं लेकिन वे शौचालयों पर खर्च करने कि बजाऐ उनको बचाकर मुख्यमंत्री को ये दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होने बिना पैसा खर्च किये ही मेवात को ओडीएफ बना दिया। जब तक मेवात के र्इंट भट्टे और सार्वजनिक जगह ओडीएफ नहीं बन जाते तब तक मेवात जिला ओडीएफ नहीं बन सकता। डीसी को इस ओर पहल करनी होगी।
समाजसेवी खालिद मढी का कहना है कि बडकली चौक पर सार्वजनिक शौचालय ना होने कि वजह से दुकानदार और राहगीरों को भारी परेशानी होती है। उनका कहना है कि बडकली चौक पर जिस जगह पर पहले पुलिस चौकी हुआ करती थी वह खाली पडी हुई है। अगर मेवात के डीसी और संबंधित अधिकारी उनको इजाजत दें तो वह अपने खर्चे से पुरानी पुलिस चौकी कि जगह से शौचालय और पीने के पानी का इंतजाम कर सकते हैं। इससे राहगीरों और दुकानदारों को काफी फायदा हो सकेगा। उनका कहना है कि पुलिस चौकी वाली जगह खाली पडी हुई है जिसमें दो कमरे भी बने हुऐ हुऐं वह फिलहाल किसी काम में प्रयोग नहीं की जा रही है।