मामला हाईकोर्ट पहुंचा
चंडीगढ़ । हरियाणा के पूर्व मख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक और मामले में जल्दी ही घिर सकते है. यह मामला उनके शासनकाल में 2014 में अधिकारियों को एचसीएस के रूप में पदोन्नति देने सम्बंधी मामला है. उक्त मामला भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि अदालत में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके लिए बनाई गई अधिकारियों की सूची से बाहर के अफसरों को एसचीएस बना दिया गया। बताया जाता है कि इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर इस पर जवाब माँगा है.
गौरतलब है कि याचिका में 2014 में हरियाणा में तीन एचसीएस को नामांकित करने के मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. याचिका करता ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हुड्डा सरकार ने नियमों को ताक पर रख कर इन अधिकारीयों को एचसीएस बना दिया था.
याचिका दायर करने वाले का नाम भजन लाल है जो हिसार का रहने वाला है। याचिका में कहा गया है कि तत्कालीन हरियाणा सरकार ने साल 2014 में अपने अधिकारियों से एचसीएस में पदोन्नति के लिए आवेदन मांगे थे। याचिकाकर्ता ने भी इसके लिए विभाग के माध्यम से आवेदन किया था। मेरिट सूची में उसका नाम सबसे ऊपर था।
याचिका में स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित नियमों के तहत कुल पदों की संख्या के दोगुना नाम एचपीएससी को भेजना जाना था . एचसीएस के कुल तीन पद थे और इसके लिए छह अधिकारियों के नाम की सूची तैयार की गई। जब नियुक्ति का परिणाम जारी किया गया तो उसे हैरानी हुई कि तीनों पदों पर ऐसे अफसरों को पदोन्नति दे दी गई जिनके नाम सूची में थे ही नहीं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि जिन तीन लोगों को नियुक्ति दी गई वे सभी पूर्व मुख्यमंत्री भपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी थे। उनमें से एक विजेंद्र हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री के गांव सांघी का रहनेवाले थे जबकि एक अन्य उनके ओएसडी का नजदीकी था। ऐसे ही तीसरा अधिकारी भी पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा का नजदीकी था।उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सरकार ने विजेंद्र हुड्डा, सुरेंद्र कुमार व आशुतोष को एचसीएस बनाया था।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि इन तीनों की नियुक्ति नियमों का उल्लंघन कर की गई है. इसमें मेरिट की अनदेखी की गई है।याचिकाकर्ता यह भी ध्यान दिलाया है कि एचसीएस बनाए गए विजेंद्र हुड्डा की तो डिग्री भी फर्जी निकली थी। उसने विजिलेंस को शिकायत भी की, लेकिन इस सम्बन्ध में अब तक जांच पूरी नहीं की गई है।
याचिकाकर्ता ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने और इन तीनों को एचसीएस के पद से हटाने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने सीबीआई, विजिलेंस के निदेशक व अन्य को प्रतिवादी बनाया हैं। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार समेत सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।