नेपाल भाग गयी थी बच्चे बेचने की आरोपी भाजपा नेता जूही चौधरी

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सन्यासी बन कर पुलिस ने किया गिरफ्तार 

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बच्चों की खरीदफरोख्त से जुड़े मामले में भारतीय जनता पार्टी नेता जूही चौधरी अंततः मंगलवार रात पुलिस की गिरफ्त में आ गई. खबर है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को ड्रामा करना पड़ा. वह पुलिस से बचने के लिए

दार्जीलिंग में भारत-नेपाल सीमा से सिर्फ 10 मिनट की दूरी पर बसे खरीबाड़ी ब्लॉक के एक घर में छिपी थी. सीआईडी को इसकी भनक लगी और फिर इसकी गिरफ्तारी का स्वांग रचा गया.

मिडिया की ख़बरों के अनुसार 10 दिन पहले पुलिस द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद जूही चौधरी नेपाल भाग गई थी लेकिन फिर लौट आई और इसकी जानकारी सीआई डी को मिल गयी. मामले का खुलासा होने के बाद से ही वह फरार थीं. इस बार पुलिस को उनके ठिकाने का पका सुराग मिल गया   और वे बेहद सावधानी बरतने की कोशिश की गयी. पुलिस ने इस कदर जाल बिछाया कि वह चौकन्नी हो सकी .

 

खबर है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने टीम का गठन कर कुछ सदस्यों को भगवा कपडे पहना कर  संन्यासियों के भेस में उस घर में भेजा और भिक्षा मांगने के बहाने उस घर की अच्छी तरह रेकी की.. जब यह पक्का हो गया कि जूही चौधरी उसी पते पर मौजूद हैं तभी बाकी पुलिस वाले भी आ धमके और उस घर में दबिश दे दी .

 

पुलिस दावा कर रही है कि  राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच बड़े राजनैतिक विवाद का कारण बन चुके बच्चों की तस्करी के इस रैकेट में भाजपा नेता जूही चौधरी की सक्रिय भूमिका रही है. सूत्रों का दावा है कि यह रेकेट उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी में चल रहा था.

 

पुलिस का कहना है कि जूही चौधरी गिरफ्तारी से बचने के लिए एनजीओ चलाने वाली चंदना चक्रवर्ती तथा सहयोगी सोनाली मोंडल के साथ नेपाल भाग गई थीं. अब गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे अगले 12 दिन के लिए सीआईडी की हिरासत में रिमांड पर भेज दिया है.

 

उल्लेखनीय है कि इस मामले में सीआईडी की जांच तब शुरू हुई थी, जब पिछले साल उत्तरी 24 परगना जिले के बदुरिया में बिस्कुट के डिब्बों में रखकर भेजे जाते बच्चे बरामद हुए थे.

 

सूत्रों का कहना है कि चंदना चक्रवर्ती ने कथित रूप से सीआईडी को बताया है कि भाजपा की जलपाईगुड़ी महिला शाखा की प्रमुख जूही चौधरी ने उन्हें बालगृह चलाने की मंज़ूरी दिलाने में मदद की थी, जहां से कम से कम 17 बच्चों को बेचे जाने का आरोप है. सीआईडी ने जूही चौधरी पर बच्चों की तस्करी करने का आरोप लगाया है, और उनका मानना है कि देश-विदेश में बच्चों को बेचे जाने के इस रैकेट में जूही भी चंदना के साथ मिली हुई थीं.

 

जाँच में नित नए खुलासे हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस सूत्रों का दावा है कि जूही चौधरी ने राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली के ज़रिये वरिष्ठ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय से संपर्क साधा था, ताकि केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता मिल सके. साथ ही  चंदना चक्रवर्ती द्वारा चलाए जाने वाले बालगृह ‘आश्रय’ का लाइसेंस भी रीन्यू कराने की कोशिश की गयी थी.

 

सीआईडी अब यह खंगालने में जुटी है रूपा गांगुली को जूही चौधरी की गतिविधियों के बारे में जानकारी थी या नहीं.  साथ यह भी पता लगाया जा रहा है कि जूही ने बालगृह को मंज़ूरी दिलवाने के लिए भी उनसे मदद मांगी थी या नहीं.

 

इधर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने सी आई डी जांच पर ही सवाल खड़े कर दिया हैं. उन्होंने कहा है कि जांच राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर हो रही है. रूपा गांगुली का कहना है कि टीवी कैमरों के सामने खड़े होकर एक आरोपी के बयान पर प्रतिक्रिया देने की कोई ज़रूरत नहीं है.

 

सीआईडी के सूत्र का कहना है कि भाजपा नेता जूही चौधरी से पूछताछ में इसका खुलासा हो सकता है  कि इस अमानवीय रैकेट में कौन-कौन शामिल थे.  आशंका इस बात की प्रबल हो चली है कि जूही से संपर्क रखने वाले सभी राजनेताओं को जाँच के दायरे में लिया जा सकता है. अब इस जाँच की तपिश में कई भाजपा नेता झुलस सकते हैं.

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