आँगनबाड़ी सेविका बहाली मे रिश्वतखोरी एवं अनियमितता बरतने का आरोप….

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त्रुटि को सुधारने की बजाय गुपचुप तरीके से कर दी बहाली

बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने अपने आवास पर ही पूरी कर दी प्रक्रिया 

 नीरज कुमार

मोतिहारी ( बिहार ) :  बंजरिया प्रखंड के अजगरी पंचायत मे वार्ड सं. 2 मे स्वीकार बहाली में वहां की पर्यवेक्षिका व सीडीपीओ की मिली भगत से जम कर अनियमितता की जा रही है। नियमों को ताक पर रख कर जनसंख्या में जातिगत कटाव- बढ़ाओ का खेल खेला जा रहा है। यहां तक की अपने लोगों को बुला कर आम सभा में प्रयुक्त होने वाले रजिस्टर पर भी हस्ताक्षर का खेल खेला जा रहा है। साथ ही पर्येवेक्षिका, व स्थापित से बहाली कराने का आश्वासन देकर दलाल विभिन्न उम्मीदवारों से मिल कर पैसों की बात भी कर रहे हैं। लेकिन इस सब की जानकारी के बावजूद स्ट्रीट की चुप्पी व जांच चलने की बात कहना संदेह पैदा कर रहा है।

 

यहां,बता दे कि सरकार के बनाए नियम के अनुसार प्रत्येक पोषक क्षेत्र मे सर्वाधिक जनसंख्या वाले वर्ग से ही सेवा की की बहाली की जानी है। इस क्षेत्र मे सबसे ज्यादा समान्य वर्ग के लोग रहते है । लेकिन डेनमार्क पदस्थापना के लिए पदस्थापित पर्यवेक्षिका ने दिए गए सर्वे रिपोर्ट में गलत तरीके से सांख्यिकी बदलाव स्वयं से कर के इस वार्ड को पिछडा वर्ग बहुल घोषित कर दिया।

 

इसकी जाँच कर वार्ड का नए सिरे से सर्वे कराने का आवेदन ग्रामीणो द्धारा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी रंजना कुमारी को दिया गया था। लेकिन जाँच कर इस त्रुटि को सुधारने की बजाय चुपचाप बहाली की प्रक्रिया को अपने आवास से संपन्न कर दिया। इस मनमानी में किसी अन्य अभ्यर्थी को सूचित तक नहीं किया गया। हां सबूत के लिए वार्ड में जाकर गुपचुप तरीके से अपने दलालों के फोटो सेसन करा लिया गया। जब तक आम लोगों को मालूम हो तब तक सभी लोग वहां से चुपचाप निकल गए। जिसके कारण ग्रामीणो मे गहरा आक्रोश है। जो किसी बड़ी घटना का कारण भी बन सकता है।

इस आशय की जानकारी देते हुए अजगरी निवासी चंद्रभूषण पांडेय ने आरोप लगाया कि इस सारे मामले मे पैसे का भारी लेनदेन हुआ है। पांडेय ने बताया कि आखिर क्यों जब विज्ञापन सामान्य वर्ग के लिए निकला, जनसंख्या की बहुलता समान्य वर्ग की है। ऐसे में कैसे पर्येवेक्षिका व सीडीपीओ ने इस वार्ड को पिछडा वर्ग बहुल घोषित कर दिया। वैसे भी इस वार्ड में करीब 70% जनसंख्या सामान्य बाकी 30% अति पिछड़ा है। ऐसे में इसका पिछड़ा वर्ग बहुल वार्ड घोषित करना ही दाल में काला होने की चुगली कर रहा है। बरती जा रही इस सारी गड़बड़ी के खिलाफ एक आवेदन डीएम को भी दिया जा रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीडीपीओ रंजना कुमारी ने बताया की जाँच चल रही है। बहरहाल ग्रामीण इस पूरे प्रकरण में आर-पार के मूड में है।

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