सूरजकुंड मेले में छा गयी साढ़े तीन साल की मरिया

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धर्मेन्द्र यादव 

फरीदाबाद : कहते है कि प्रतीभा किसी की मोहताज नहीं होती, वह अपने आप सामने आ ही जाती है। ऐसी है दिल्ली की साढ़े तीन साल की मरिया। जो अपने माता-पिता के साथ सूरजकुण्ड मेले में घूमने आई हुई थी। लेकिन यहां उसने न केवल चौपाल पर गाना गाया, बल्कि नाटक में भी हिस्सेदारी की। दो साल की आयु से ही मरिया को गाना गाने का शौक है और अब तक उसे 40 गाने याद है। सामन्य ज्ञान में भी उसका कोई मुकाबला नहीं है। माता-पिता भी उसे उसके शौक के अनुसार प्रोत्साहन दे रहे है।

 

तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है ओ मां, गीत गाकर सूरजकुंड मेले में सभी का मन मोह रही यह साढे तीन साल की मरिया अपने माता-पिता के साथ आई तो थी मेला घूमने के लिए, लेकिन यहां की गतिविधियों से स्वयं को दूर नहीं रख पाई और चौपाल की स्टेज पर चढ़ गई और पूरा गाना सुनाया। मरिया के पिता तनवीर का कहना है कि उसे दो साल की आयु से ही गाने का शौक है और एक बार मरिया जिस चीज को देख लेती है, उसे भूलती नहीं है। उसका सामन्य ज्ञान भी बहुत अच्छा है और पढ़ाई में भी अव्वल आती है।

 

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