बच्चों के साथ वर्ल्ड महिला बॉक्सिंग चैंपियन मैरीकॉम ने किया डांस

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ड्यूड एंड डॉल्स प्ले स्कूल में स्पोर्ट्स डे पर बच्चों को किया सम्मानित 

फरीदाबाद :  सेक्टर-81 स्थित ड्यूड एंड डॉल्स प्ले स्कूल के स्पोर्ट्स डे पर बतौरमुख्य अतिथि  वर्ल्ड महिला बॉक्सिंग चैंपियन मैरीकॉम पहुँची  और वाईस चैयरमैन रितेश रावल ने मेरीकॉम का फूलो का गुलदस्ता देकर स्वगत किया ,और रावल एजुकेशनल के चैयरमैन सी बी रावल ,प्रो चैयरमैन अनिल रावल ,ड्यूड एंड डॉल्स प्ले स्कूल  की प्रिंसिपल श्री मति अंजू उपस्थित थी I ड्यूड एंड डॉल्स प्ले स्कूल के स्पोर्ट्स डे पर मेरीकॉम ने बच्चॊ के डांस भी किया और बच्चॊ को खेल के लिये जागरूक किया , वाईस चैयरमैन रितेश रावल ने और   मेरीकॉम ने विजेताओ को प्राइज देकर सम्मानित किया रावल एजुकेशनल के चैयरमैन सी बी रावल ,प्रो चैयरमैन अनिल रावल  ने बॉक्सिंग चैंपियन मेरीकॉम का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया I 

युवतियों के लिए प्रेरणा बनीं वर्ल्ड महिला बॉक्सिंग चैंपियन मैरीकॉम को सब जानते हैं। लेकिन यह बात अभी तक किसी को नहीं मालूम है कि वह अपने बंक्सिंगग पंच को ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए इस समय दिन में ितहरी एक्सरसाइज कर रही हैं। उन्होंने घरेलू कार्यों के साथ दिन का अपना फिजिकल फिटनेस शेड्यूल भी बना रखा है। जबकि बॉक्सिंग को दिन में वह दो बार अभ्यास एवं एक्सरसाइज के तहत अलग से समय देती है। फिलहाल अभी उनका लक्ष्य कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में देश को गोल्ड दिलाने का है। संन्यास लेने के बाद वह प्रोफेशनल बॉक्सिंग में करियर बनाने का प्लॉन अभी बना रही हैं। ये बातें उन्होंने फरीदाबाद सेक्टर-81 स्थित ड्यूड एंड डॉल्स प्ले स्कूल के स्पोर्ट्स डे पर बतौर मुख्यातििथ पहुंचने पर पत्रकारों से खास बातचीत के दौरान शेयर कीं।

इस प्रकार करती हैं एक्सरसाइज मैरीकॉम बताती हैं कि उनका फोकस केवल खेल ही नहीं है। वह एक गृहणी भी हैं। परिवार को पूरा समय देना उनका एक अलग उद्देश्य है। खाना बनाना, बच्चों काे स्कूल छोड़ना और लेकर आना, मार्केट सामान लेने जाना सहित वह दिन में काफी घरेलू कार्य करती हैं। इस वजह से उन्हें बॉक्सिंग अभ्यास के लिए समय कम मिल रहा था। उनकी स्टेमिना और पंच कमजोर हो रहे थे। फिर इसका उन्होंने हल निकाला। पूरी दिनचर्या के कार्यों के साथ फिटनेस एक्सरसाइज का शेड्यूल उन्होंने तैयार किया। साथ ही इसी में बॉक्सिंग के अभ्यास एवं एक्सरसाइज का अलग से दो बार का शेड्यूल भी बनाया है। इस प्रकार वह 15 से 16 घंटे रोज बॉक्सिंग को अब दे रही हैं। साथ ही बच्चों के साथ खेलना और दूसरे घरेलू कार्य भी वह पहले की तरह ही कर रही हैं।

ऐसा है शेड्यूल मैरीकॉम का कहना है कि वह सुबह 4 बजे उठती हैं और रात 10 बजे सोती हैं। सुबह उठने के बाद उनका बॉक्सिंग अभ्यास का शेड्यूल रहता है। इसके बाद सुबह का नाश्ता, बच्चों काे स्कूल छोड़ने और दूसरे घरेेलू कार्य साफ सफाई आदि वह शुरू करती हैं। लेकिन नाश्ता बनाते समय बीच-बीच में स्ट्रेचिंग, बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते समय रनिंग और दूसरे घरेलू कार्य करते वक्त फिजिकल एक्सरसाइज पर उनका फोकस एक अलग शेड्यूल के अनुसार रहता है। जिससे स्टेमिना अधिक बेहतर किया जा सके। शरीर को अधिक मजबूत बनाया जा सके। ऐसा करने से उनके पंच में ताकत बढ़ी है। फिर वह शाम 5 बजे बॉक्सिंग का दोबारा अभ्यास करती हैं। बॉक्सिंग के अलावा फुटबॉल खेलना उनका एक अलग शौक बना है। बच्चों के साथ खेलने के दौरान वह इसे फिटनेस के तौर पर अपना रही हैं।

लड़कियों के लिए करेंगी कार्य मैरीकॉम का कहना है कि हार्डवर्क, धैर्य और त्याग बॉक्सिंग के लिए काफी अहम होता है। कोई भी यह करेगा तो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। वह लड़कियों को बॉक्सिंग में आगे बढ़ाने के लिए एक अकादमी खोलने का प्लॉन बना रही हैं। यह उनका एक अलग सपना है। इसके लिए फंड जुटाने की कोशिश की जा रही है। इसमें अपने क्षेत्र के साथ नेशनल में खेलने वाली लड़कियाें को भी वह एंट्री देंगी। उनका कहना है कि उनके तीन लड़कें हैं। लेकिन एक लड़की होती तो ज्यादा खुशी होती।

बेईमानी से होता है नुकसान मैरीकॉम का कहना है कि बॉक्सिंग में फेयर खेल नहीं होता। इस वजह से ही इस खेल को बड़े मौकों पर नुकसान झेलना पड़ता है। ओलंपिक के लिए बनी टॉस्क फोर्स पर उन्होंने कहा कि इससे अच्छा भी हो सकता है। और बुरा भी। लेकिन अगर कमेटी में सभी खेलों के एक-एक सदस्य लिए जाते तो ज्यादा बेहतर होता। इसमें केवल शूटिंग के ही खिलाड़ी कमेटी में शामिल किए गए हैं। उन्हें दूसरे खेलों के बारे में ज्ञान नहीं है। सरकार ने इस बार बजट बढ़ाया है। यह काफी अच्छी बात है। लेकिन इसका सही यूटिलाइज होना जरूरी है। तभी इस बजट को बढ़ाने का फायदा है। उन्होंने कहा वह राज्यसभा सदस्य बनी हैं। लेकिन राजनीित के लिए नहीं। बल्कि खेल की भलाई के लिए। उनका मकसद केवल देश के लिए खेलना है। वहीं खिलाड़ियों की बीमार होने पर मदद न मिलने के मामले में उनका मानना है कि इसके लिए सरकार को मदद मांगने से पहले स्वयं इनोसेटिव लेना चाहिए। इससे खिलाड़ी भी देश के लिए हर प्रकार से समर्पित होकर मेहनत करेंगे।

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