राजनीतिक खींचतान के बीच फंसा फरीदाबाद नगर निगम मेयर का चुनाव !

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दावेदारों की धडकने तेज, पार्षदों का शपथ ग्रहण भी स्थगित 

चर्चा में हैं तीन नाम  

जयशंकर सुमन, प्रधान संवाददाता 

फरीदाबाद  : फरीदाबाद नगर निगम मेयर का चुनाव आज भी नहीं हुआ। मेयर पद के दावेदारों की धडकने और तेज हो गई है। गुडगांव मंडल आयुक्त के सदन की पहली बैठक में न पहुंचने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया। इस कारण नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह का कार्यक्रम भी अब कुछ दिनों के लिये टाल दिया गया।

जिले का प्रथम नागरिक यानि मेयर कौन बनेगा किसको सौभाग्य प्राप्त होगा लाल बत्ती, सुबह से ही शहर की निगाहें नगर निगम सभागार की ओर ही टिकी हुई थी लेकिन जैसे ही 11 बजे, सूचना आई कि गुडगांव मंडल आयुक्त डी सुरेश की अचानक तबीयत खराब हो गई है। इस कारण वह नगर निगम सदन की पहली बैठक में नहीं पहुंच पाएंगे। गुडगांव मंडल आयुक्त के न पहुंचने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया। अब कुछ दिन बाद मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा।

सदन की पहली बैठक  टलने के बाद सीपीएस सीमा त्रिखा ने शिष्टाचार के तौर पर सभी पार्षदों को अपने घर चाय का निमंत्रण दिया। जहां केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा सहित 30 पार्षद पहुंचे।

विश्वसनीय सूत्रों की माने तो मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के प्रस्तावित नामों पर अभी तक पार्षदों में पूर्ण रूप से समन्वय नहीं बन सका है। इस कारण आज इस बैठक को स्थगित करना पड़ा। सीपीएस सीमा त्रिखा के घर पर हुई आज एक गुप्त बैठक में एक बार फिर इन तीनों प्रस्तावित नामों पर चर्चा की गई। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि बैठक में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह तीनों प्रस्तावित नामों पर किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार नहीं है। यदि जरूरत पड़ी तो सभी पार्षद एकजुट होकर चुनाव की मांग करेंगे और अपने तीनों प्रस्तावित नामों पर एकजुट होकर मुहर लगाएंगे।

हालांकि इस गुप्त बैठक में उद्योग मंत्री समर्थित पार्षद नदारद रहे। इसके साथ ही विश्वसनीय सूत्रों का यह भी कहना है कि 10 दिन के अंदर-अंदर यानि 12 फरवरी तक निगम को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर मिल जाएगा क्योंकि आलाकमान ने इस संबंध में आदेश दिया है कि इस मामले को 12 फरवरी तक निपटा लिया जाए।
लगता है मेयर पद चयन में मंत्री विपुल गोयल का दाव पेंच नही चल रही है या फिर उनकी चुप्पी कोई गुल न खिला दे । स्पस्ट तौर पर विपुल गोयल मेयर पद अपने दिलवाने फिलहाल पिछडते नजर आ रहे है

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