निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए  मतदान तैयारियों की समीक्षा की, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किया मंथन

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– 11 जिलों के मंडल आयुक्तों, आईजी पुलिस रेंज, डिप्टी कमिश्नर एवं डीईओ, पुलिस आयुक्तों और एसपी, नगर निगम आयुक्त, जनरल ऑब्जर्वर, पुलिस ऑब्जर्वर व एकस्पेंडिचर ऑब्जर्वर के साथ की बैठक

गुरुग्राम, 23 सितंबर । हरियाणा राज्य के 12 से 13 अगस्त, 2024 दौरे के दौरान चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को जारी किए गए आयोग के निर्देशों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए आज भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने हरियाणा विधानसभा -2024 के चल रहे आम चुनाव की तैयारियों के संबंध में 11 जिलों के मंडल आयुक्तों, आईजी पुलिस रेंज, डिप्टी कमिश्नर एवं डीईओ, पुलिस आयुक्तों और एसपी, नगर निगम आयुक्त, जनरल ऑब्जर्वर, पुलिस ऑब्जर्वर व एकस्पेंडिचर ऑब्जर्वर के साथ बैठक की।

टीम में उप-चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार, सचिव के पी सिंह, प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार और प्रधान सचिव एसबी जोशी शामिल थे। बैठक हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल और स्टेट पुलिस नोडल ऑफिसर सौरभ सिंह की उपस्थिति में हुई।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ प्रशासनिक, कानून व्यवस्था तथा चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी। आयोग ने कानून और व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाए रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दिया था। उन्होंने निर्देश दिए कि मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाया जाए। इसके अलावा, मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल वातावरण के साथ-साथ पोलिंग बूथों पर न्यूनतम सुनिश्चित सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए थे। डीईओ को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ होने और विभिन्न चुनाव संबंधी गतिविधियों से संबंधित शिकायतों का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए थे।

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आज की बैठक में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार ने मतदाता सूचियों के अंकन, एएसडी (अनुपस्थित, स्थानांतरित, डुप्लिकेट या मृत) सूचियों को तैयार करने की समय-योजना, वोटर स्लिप के वितरण, मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) वितरण और मतदाता सूचियों से संबंधित किसी भी बड़ी शिकायत के समाधान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लंबित ईपीआईसी कार्डों की छपाई प्रिंटर से कराई जाए और 30 सितंबर तक ईपीआईसी कार्ड वितरित किए जाएं। इस कार्य का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ को लगाया जा सकता है। अंकित सूचियां निर्देशों के अनुसार तैयार की जानी चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों को सौंपी जाने वाली मतदाता सूचियों की प्रतियों का मिलान अंकित मतदाता सूचियों से होना चाहिए।

उन्होंने जिला उपायुक्तों-सह-डीईओ और एसपी को व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। आयोग ने इस बात पर भी बल दिया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलओ द्वारा मतदाता सुविधा बूथ स्थापित किए जाने चाहिए। लाइनों में खड़े मतदाताओं की सुविधा के लिए बैठने की उचित व्यवस्था और रेस्ट एरिया की व्यवस्था होनी चाहिए।

टीम ने सभी मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग की आवश्यकता बताई। बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, उच्च गुणवता के कैमरों का उपयोग किया जाना चाहिए और कैमरों को इस तरह से स्थापित किया जाना चाहिए कि वे प्रभावी निगरानी के लिए मतदान केंद्रों को ठीक से कवर करे और संवेदनशील केंद्रों पर अधिक कैमरों को स्थापित किया जाना चाहिए।

इसी प्रकार से उन्होंने कहा कि मतदान की गोपनीयता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। विभिन्न जिलों के डीईओ ने चुनाव आयोग को विशेष मॉडल मतदान केंद्रों की स्थापना के बारे में जानकारी दी। इनमें पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित ‘गुलाबी बूथ’, युवा कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित बूथ और दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) कर्मचारियों द्वारा देखरेख वाले बूथ शामिल हैं। टीम ने पोलिंग पार्टियों के प्रस्थान व आगमन के स्थानों की तैयारियों का जायजा लिया। सभी अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद दिशा निर्देश दिए कि पोलिंग पार्टियों के ठहरने व खाने की व्यवस्था ठीक से सुनिश्चित करें। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं का भी उचित प्रबंध हो।

पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। टीम ने केंद्रीय बलों की तैनाती और अन्य सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। हालांकि, पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय करके सीमावर्ती क्षेत्रों की बेहतर निगरानी के लिए तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों से लगती सीमाओं पर पुलिस मैनुअल अनुसार इंटर स्टेट मिरर चेकपोस्ट स्थापित किए जाएं।

जब्ती बढ़ाने के लिए भी उन्होंने निर्देश दिए कि उपरोक्त की जब्ती को बढ़ाया जाए। इस रणनीति को फिर से तैयार करने, विभिन्न फ्लाइंग स्क्वाड निगरानी टीमों और स्थैतिक निगरानी टीमों के कामकाज की निगरानी करने पर बल दिया। फरीदाबाद, गुरुग्राम व सोनीपत जिलों को इस बारे विशेष प्रयत्न करने के निर्देश दिए।
पुलिस अधिकारियों ने निगरानी बढ़ाने और जब्ती बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया।

आयोग ने साथ ही चेताया कि इन कर्तव्यों का पालन करते समय लोगों को असुविधा न हो। टीम ने मतगणना केंद्रों, डाक मतपत्रों, मतदान कर्मचारियों के प्रशिक्षण से संबंधित तैयारियों की भी समीक्षा की। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उपरोक्त मुद्दों पर जानकारी दी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री पंकज अग्रवाल ने बताया कि घर से मतदान के लिए, दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए मतदान एजेंट की उपस्थिति में आरओ द्वारा प्रावधान किए जाएंगे और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए, दिव्यांग मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की परिवहन सुविधा जैसी अन्य आवश्यकताएं जहां भी आवश्यक हों, विभाग द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

टीम ने आगे दोहराया कि इन चुनावों में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर और राज्य स्तर पर अधिकतम प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में पोलिंग स्टेशन, थीम पोलिंग स्टेशन, मतदान केंद्र में पंक्ति प्रबंधन, मतगणना व्यवस्था, के बारे में भी जानकारी ली। इसी प्रकार उन्होंने मतदाता परसेंटेज बढ़ाने के लिए भी हर जिले के योजना के बारे में जानकारी ली।

बैठक के अंत में उन्होंने बल दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में शामिल जिलों में फरीदाबाद, नूह, पलवल, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, रोहतक और सोनीपत शामिल हैं।

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