गेटेड सोसायटी सर्वेक्षणों में प्रतिक्रिया क्यों नहीं देती : विचार मंथन का आयोजन 20 सितंबर को नई दिल्ली में

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नई दिल्ली :  केंद्र सरकार का सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई), राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) राष्ट्रव्यापी नमूना सर्वेक्षणों के माध्यम से मूल्यवान सामाजिक-आर्थिक आंकड़े एकत्र करने में सबसे आगे रहा है। हालांकि, एनएसएसओ को सर्वेक्षणों में असहयोग, विशेष रूप से उच्च आय समूहों, गोपित समुदायों (गेटेड समुदायों) और गगनचुंबी आवास समितियों में निवास करने वाले लोगों की ओर से जानकारी देने से इनकार करने से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आबादी के इस विशिष्ट खंड द्वारा प्रतिक्रिया न देने की वास्तविकताओं को समझना और उनपर ध्यान देना उन प्रतिनिधि आंकड़ों को प्राप्त करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जो सामाजिक रुझानों और जरूरतों को सटीक तरीके से दर्शाते हैं।

इन चिंताओं पर विचार करने के लिए, एनएसएसओ 20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली स्थित ली मेरिडियन में एक विचार-मंथन सत्र का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य प्रतिक्रिया न देने से संबंधित मुद्दों को समझना और उनसे निपटना है। यह सत्र नीति निर्माताओं, शहरी अर्थशास्त्रियों, सर्वेक्षण एजेंसियों, रियल एस्टेट क्षेत्र के नियामक निकायों एवं सेवा प्रदाता एजेंसियां, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और गोपित समुदाय (गेटेड सोसायटी) के प्रतिनिधि सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा। कुल 25 से अधिक संगठनों/आवास समितियों (हाउसिंग सोसायटियों) के लगभग 130 प्रतिभागी इस सत्र में भाग लेंगे। इसके अलावा, देश के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर महानगरों से 50 से अधिक आवास समितियों (हाउसिंग सोसायटियों) के प्रतिनिधि एनएसएसओ के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल होंगे।

इस विचार-मंथन सत्र में प्रतिक्रिया न देने से संबंधित हालिया रुझानों, आंकड़ों की गुणवत्ता पर उनके प्रभावों और उच्च आय समूहों के बीच सर्वेक्षण में भागीदारी बढ़ाने हेतु प्रौद्योगिकी और अनुकूलित रणनीतियों का लाभ उठाने से जुड़ी चर्चाएं शामिल होंगी। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों पर भी प्रकाश डालेगा और आंकड़ों के संग्रहण को सुविधाजनक बनाने में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की भूमिका का विश्लेषण करेगा। भागीदारी को बेहतर बनाने और अधिक प्रतिनिधि आंकड़ों क संग्रह सुनिश्चित करने हेतु रचनात्मक उपाय तलाशने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम की शुरुआत एमओएसपीआई के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग के उद्घाटन भाषण से होगी। इसके बाद, श्री आनंद कुमारअध्यक्षरेरादिल्ली एवं श्री शिव दास मीणाअध्यक्षरेरातमिलनाडु एक विशेष संबोधन के साथ इस सत्र की शोभा बढ़ायेंगे। विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों, राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्र की सर्वेक्षण एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और बिल्डर एसोसिएशन आदि के विशेषज्ञ प्रतिक्रिया देने से इनकार करने की परिघटनाओं में कमी लाने के लिए संभावित रणनीतियों पर अंतर्दृष्टि साझा करेंगे। आरडब्ल्यूए द्वारा विचार साझा करने और खुली चर्चा के लिए भी एक सत्र निर्धारित है, जो गहन चर्चा में योगदान देगा।

इस पहल के माध्यम से, एमओएसपीआई का लक्ष्य सहयोग बढ़ाना, विश्वास बनाना और आंकड़ों की सटीकता एवं व्यापकता को बेहतर करना है। यह सत्र एनएसएसओ की आंकड़ों की गोपनीयता से संबंधित कार्यप्रणालियों और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए सर्वेक्षण में भागीदारी के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देगा। उच्च आय समूहों और गोपित समुदायों (गेटेड समुदायों) के साथ सीधे जुड़कर, एमओएसपीआई प्रतिक्रिया दरों को बढ़ावा देने और सर्वेक्षण की विश्वसनीयता को मजबूत करने का प्रयास करेगा।

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