सूरजकुण्ड शिल्प मेला के विस्तार के लिए विशेष योजना : मनोहर लाल

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जयशंकर सुमन, प्रधान संवाददाता 
 
सूरजकुण्ड शिल्प मेला के विस्तार के लिए विशेष योजना : मनोहर लाल 2

सूरजकुण्ड में विश्व प्रसिद्ध  अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला शुरू 

 
सूरजकुण्ड/ फरीदाबाद :  हरियाणा के सूरजकुण्ड में लगने वाले विश्व  प्रसिद्ध सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला की लोकप्रियता को देखते हुए हरियाणा सरकार सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के विस्तार के लिए विशेष योजना तैयार करने जा रही हैं। यह जानकारी आज सूरजकुण्ड में हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने हरियाणा स्वर्ण जयंती 31वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय षिल्प मेला के उदघाटन अवसर पर देश -विदेश  व अन्य प्रदेशों से आए हुए अतिथियों सहित लोगों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए एक भारत-श्रेष्ठ भारत के तहत हरियाणा का भागीदारी प्रदेश तेलंगाना है और आगामी वर्ष होने वाले सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला का भागीदारी प्रदेश  तेलंगाना होगा। 
 
मुुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को बसंत पंचमी और सर छोटूराम जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की पुण्य तिथि भी है और इस अवसर पर हम सब यहां इस मेला में इकटठे हुए हैं और यह मेला आपस की दुरियां कम करने का एक सांझा मंच प्रदान करता हैं। उन्होंने कहा कि देश -विदेश व अन्य प्रदेषों के लोग यहां आते हैं और दुरियों  को कम करने का यह एक अच्छा मंच साबित हो रहा है, जिसके लिए उन्होंने आए सभी लोगों को स्वागत किया। 
सूरजकुण्ड शिल्प मेला के विस्तार के लिए विशेष योजना : मनोहर लाल 3
थीम राज्य झारखण्ड के दस्तकारों, कारीगरों, बुनकरों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड राज्य एक विषेष प्रदेष हैं। उन्होंने कहा कि झारखण्ड प्रदेष को प्रकृति का आषीर्वाद मिला हुआ है और वहां काफी क्षेत्र पहाडी  व खनीज संपदाओं से भरपूर हैं। इस वर्ष वे झारखण्ड का दौरा अवष्य करेंगें। 
 
सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय षिल्प मेला में 23 देषों से आए हुए सभी कलाकारों को अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन देषों से आए हुए कलाकारों के माध्यम से देष के विभिन्न प्रदेषों के कलाकारों को कला का आदान-प्रदान होगा और एक दूसरे को सीखने व समझने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय षिल्प मेले में 17 लाख लोगों ने भ्रमण किया था और इस बार मेले की लोकप्रियता को देखते हुए 3 एकड अतिरिक्त भूमि में मेला विस्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार मेला में एक हजार से अधिक स्टालों को लगाया गया है जोकि पहले 850 संख्या होती थी। 
 
उन्होंने कहा कि सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय षिल्प मेला एक अदृभुत संगम हैं जहां विभिन्न देषों व प्रदेषों के कलाकार इकटठे होते हैं। उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति और संगीत के बिना व्यक्ति वैसे है जैसे कोई जानवर बिना पूंछ और सींग का हो अर्थात व्यक्ति के जीवन में कला, संस्कृति और संगीत का बहुत ही महत्व है और इस दिषा में सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय षिल्प मेला एक कडी का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी संघर्ष समाज को तोडने का काम करता है और कला, संस्कृति और संगीत समाज को जोडने का काम करती हैं। 
 
उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आह्वान करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार इस वर्ष को स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मना रही है और आप सभी इस वर्ष के दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके इस यात्रा को आगे बढाए। उन्होंने कहा किं कला और संस्कृति को बढावा देने के मदेनजर प्रदेष सरकार द्वारा गीता जंयती का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया गया और माटी कला बोर्ड का गठन तथा फिल्म नीति बनाई जा रही है।
 
उन्होने  कहा कि इसी प्रकार,  175 करोड रूपए की लागत से 48 स्थानों को कृष्णा सर्किट के तौर पर विकसित किया जा रहा है, तो वहीं अभी हाल ही में रोहतक में राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें देषभर से 5 हजार युवकों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सरस्वती नदी का बहुत महत्व है और सरस्वती नदी की निर्मल धारा हरियाणा प्रदेष से ही बहा करती थी और प्रदेष सरकार ने सैटेलाईट द्वारा दर्षाए गए मार्ग पर नदी को पुनः बहाने के लिए सरस्वती बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में गाय के महत्व को देखते हुए प्रदेष सरकार द्वारा गौ रक्षा के लिए विषेष कानून बनाया गया। 
 
मुख्यमंत्री ने हरियाणा एक-हरियाणवी एक की परिकल्पना को दर्षाते हुए कहा कि प्रदेष सरकार लोगों को जोडने का काम कर रही हैं और यह मेला भी लोगों को आपस में जोडने का कार्य कर रहा है, इसलिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाए जिसमें लोगों को मिलजुल कर आगे बढने का संदेष भी मिलें। उन्होंने आए हुए सभी कलाकारों, बुनकरों, षिल्पियों इत्यादि का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेष सरकार द्वारा मेला में पूरे प्रबंध किए गए हैं परंतु यदि फिर भी किसी भी प्रकार की कठिनाई आती है तो वे मेला प्राधिकरण के अधिकारियों को अपना सुझाव दे सकते हैं। 
 
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हरियाणा स्वर्ण जयंती 31वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय षिल्प मेला के उदघाटन की घोषणा भी की और आजादी के प्रतीक तीन रंगों के गुब्बारों को भी हवा में छोडा। 

 

मेला में कैश स को बढावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने की खरीददारी

 
मेला परिसर में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मोबिकवीक एप्प व पीओएस प्रणाली के माध्यम से नेपाल देष के स्टाल से एक शाल और श्रीलंका देष के स्टाल से हाथ से तैयार की गई प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी और स्वंय की निर्मित तस्वीर भी खरीदी। मुख्यमंत्री ने मेला परिसर में भागीदार देश मिस्र के स्टाल पर भी गए जहां उनका मिस्र के राजदूत हातेम तागेलदिन ने स्वागत किया और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने मेला परिसर में मेला में शामिल हुए दक्षिण अफ्रीका देष के स्टाल और हरियाणा के अपना घर का भी भ्रमण किया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा जेल विभाग द्वारा लगाए गए स्टाल का भी रिब्बन काटकर शुरूआत की।  
 
इससे पूर्व, हरियाणा के पर्यटन मंत्री  रामबिलास शर्मा ने मेला में आए हुए सभी अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का हरियाणा की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा इस बार तीसरे मेले का आयोजन किया जा रहा है ओर इस बार मेला परिसर का विस्तार भी किया गया ताकि लोगों के साथ-साथ कलाकारों, बुनकरों, षिल्पियों व अन्य को कोई दिक्कत न हों। उन्होंने कहा कि मिस्र ने इस बार मेले में भागीदार देष के रूप में शिरकत की हैं।
 
इस मौके पर थीम राज्य झारखण्ड के पर्यटन मंत्री श्री अमर कुमार बौरी ने कहा कि उनके राज्य का उदय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुआ। उन्होंने कहा कि झारखण्ड को मिनरल के स्टेट के रूप में जाना जाता है परंतु वहां इस संपदा के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी काफी संभावनाएं हैं क्योंकि उनके राज्य की संस्कृति और कला का प्रचार नहीं हो पाता हैं। लेकिन इस मेला ने उनके राज्य को थीम राज्य के रूप में शामिल करके एक नया मंच प्रदान किया है, जिसके लिए उन्होंने हरियाणा सरकार का धन्यवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों सहित गणमान्य व्यक्तियों को झारखण्ड का निमंत्रण भी दिया। 
 
इस अवसर पर भागीदार देष मिस्र के राजदूत हातेम तागेलदिन  ने कहा कि यह मेला विभिन्न संस्कृतियों और कलाओं को आपस में आदान-प्रदान करने का एक सांझा मौका प्रदान कर रहा है, जिससे कारीगरों सहित अन्य षिल्पियों को कुषलता लाने में सहायता मिलेगी। 
 
इस मौके पर हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी एस कुण्डू ने भी संबोधित किया। 
उदघाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री, मं़त्री, मुख्य संसदीय सचिव, विधायक, चेयरमैन, विभिन्न देषों के राजदूत व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह व शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। 
 
इस मौके पर हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरवीर सिंह, उद्योग मंत्री  विपुल गोयल, हरियाणा के जनस्वास्थ्य एवं अभियात्रिकी मंत्री डा बनवारी लाल, मुख्य संसदीय सचिव  सीमा त्रिखा, विधायक टेकचंद शर्मा, हरियाणा पर्यटन विकास निगकम विभाग के चेयरमैन श्री जगदीष चोपडा, हरियाणा प्रदेष भाजपा महामंत्री संदीष जोषी, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनिता शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता यषवीर डागर, राजेष डागर, नारायण शर्मा, जिला परिषद के अध्यक्ष विनोद चौधरी, नवदीप चावला, मेला के मुख्य प्रषासक एवं हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेषक व उपायुक्त श्री समीरपाल सरो, पुलिस आयुक्त डा हनीफ कुरैषी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

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