सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का भागीदार राष्ट्र मिश्र

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बुधवार को होगा आरम्भ, सी एम् करेंगे उदघाटन 

चंडीगढ़/फरीदाबाद  :  31वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला-2017 का शुभारंभ हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल पहली फरवरी, 2017 को प्रात: 11.30 बजे हरियाणा के पर्यटन, सत्कार तथा शिक्षा मंत्री  रामबिलास शर्मा, झारखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अमर कुमार बौरी तथा भारत में मिश्र के राजदूत  हातेम तगेल्डिन की उपस्थिति में करेंगे।
हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष  वी.एस.कुंडू ने आज सूरजकुंड मेला मैदान, फरीदाबाद स्थित चौपाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल, हरियाणा के उद्योग मंत्री  विपुल गोयल, पर्यटन एवं सत्कार विभाग की मुख्य संसदीय सचिव  सीमा त्रिखा, हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष  जगदीश चौपड़ा, बल्लभगढ़ के विधायक  मूल चंद शर्मा तथा अनेक अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेेंगे।
श्री कुंडू ने बताया कि हर वर्ष लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के साथ-साथ इस मेले ने भारत की कला एवं शिल्प परम्पराओं की विरासत को पुनर्जीवित करने में मदद की है। इस वर्ष पर्यटकों एवं प्रतिभागियों की सुविधा के लिए अनेक नई पहल की गई हैं। मेले के लिए ‘बुक माई शो’ के माध्यम से ऑनलाइन टिकट ली जा सकती हैं। दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर भी मेले की टिकटें उपलब्ध करवाई गई हैं। विभिन्न स्थानों से सूरजकुंड के लिए विशेष बसें उपलब्ध हैं। आस-पास के क्षेत्रों से मेला स्थल तक नि:शुल्क फेरी सेवा तथा कई जन सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। श्री कुंडू ने बताया कि वे प्राचीन स्मारक सूर्यकुंड, जिससे सूरजकुंड की उत्पत्ति हुई है, को सुंदर और स्वच्छ बनाए रखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के समक्ष इस मुद्दे को तत्परता से उठाएंगे।
हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक तथा सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक  समीर पाल सरो ने बताया कि इस वर्ष मेले के प्रति विदेशी भागीदारों में एक नया जोश है, जिनमें भागीदार राष्ट्र मिश्र के प्रतिभागी भी शामिल हैं। मेले में श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, थाईलैंड, किर्गिस्तान, लेबनॉन और ट्यूनीशिया के भागीदारों में भी एक नया उत्साह है।

 

31वें सूरजकुंड शिल्प मेला, 2017 की मुख्य विशेषताएं

1 डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप मेला प्रवेश टिकट ‘बुक माई शो’ पर ऑनलाइन बुक करवाई जा सकती हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए द्वारों पर ऑफलाइन टिकट बिक्री की भी सुविधा है जिसमेें कम से कम समय लगता है। मेला मैदान में ऑफलाइन टिकट काऊंटर भी बढ़ाए गए हैं ताकि लोगों को लम्बी कतारों में खड़ा न रहना पड़े।
2 शत-प्रतिशत कैशलैस ट्रांजेक्शन सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक बैंकर देना बैंक को 100 पीओएस मशीनें, दो एटीएम के साथ एक डेडिकेटिड बैंक ब्रांच तथा 6 मोबाइल एटीएम वैन उपलब्ध करवाने को कहा गया है ताकि मेले में आने वाले पर्यटकों और भागीदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। भागीदारों और पर्यटकों के लिए कैशलैस ट्रांजेक्शन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से कैशलैस वॉलेट पार्टनर के रूप में मोबिक्विक की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
3 पर्यटकों की व्यस्त समय के दौरान भी कनैक्विटी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत संचार निगम के माध्यम से ‘सुरजकूंड मेला-2017 ’ वाई-फाई सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
4 हरियाणा सरकार के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों की छात्राओं को कार्य दिवसों के दौरान मेले में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा।
5 सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को उनके भागीदारी भेजने के लिए आमंत्रित करके बड़े पैमाने पर लुप्तप्राय: या विरासत शिल्प को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया गया है।
6 निगमित सामाजिक दायित्व पहल के रूप में सूरजकुंड मेला प्राधिकरण द्वारा विभिन्न रूप से सक्षम लोगों, दिव्यांगों, वरिष्ठï नागरिकों और सेवारत सैनिकों तथा युद्घ विधवाओं और उनके आश्रितों को प्रवेश टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है।
7 युवा भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, वैध पहचान पत्र दिखाने पर कॉलेज विद्यार्थियों को कार्य दिवसोंं में प्रवेश टिकटों पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
8 चूंकि एक भारत, स्वच्छ भारत पहल के तहत तेलंगाना की संस्कृति से जुडऩे के लिए हरियाणा को तेलंगाना से जोड़ा गया है, 12 फरवरी को तेलंगाना दिवस के रूप में मनाया जाएगा। तेलंगाना द्वारा उसकी परम्पराओं, कला और संस्कृति का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
9 फरीदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों तथा आसपास के मैट्रो स्टेशनों से पूरे मेला पखवाड़े के दौरान पर्यटकों के लिए नि:शुल्क फेरी सेवा का विस्तार किया गया है।
10 पूरे परिवार के मनोरंजन के लिए झूलों एवं राइड्स के साथ एक विशेष मनोरंजन क्षेत्र बनाया गया है।
11 स्कूली बच्चों के लिए पेटिंग, पंतगबाजी, फेस पेटिंग, लोक नृत्य, फोटाग्राफी जैसी अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी।
12 सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने के लिए मेला मैदान में नाइट विज़न कैमरों के साथ लगभग 200 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये गये हैं।

मेला परिसर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये हैं, जिनमें महिला गार्ड्स भी शामिल हैं।
13 वरिष्ठï नागरिकों तथा विभिन्न रूप से सक्षम लोगों या दिव्यांगों की सुविधा के लिए, आग्रह पर गोल्फ कार्ट तथा बैट्री चालित रिक्शा उपलब्ध हैं।
14 पुलिस, नगर निगम, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा सर्वोदय अस्पताल, फरीदाबाद के सहयोग से सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर अत्याधुनिक चिकित्सा, अग्निशमन तथा आपदा प्रबंधन सुविधाओं के साथ आपदा प्रबंधन योजना/निकासी योजना बनाई गई है।

 
15 बैंक, डिस्पेंसरी, मेला पुलिस कंट्रोल रूम तथा सीसीटीवी कंट्रोल रूम बीच में स्थित हैं ताकि पर्यटक और भागीदार इन अनिवार्य सेवाओं तक आसानी से पहुंच सकें।
16 मेला परिसर में अतिरिक्त जन सुविधाएं जैसे कि स्थाई शौचालय, पांच मोबाइल टॉयलेट वैन तथा पर्यावरण अनुकूल ई-शौचालय स्थापित किये गये हैं।
17 पर्यटकों और भागीदारों को मेला परिसर में प्लास्टिक/पोलिथीन बैग के उपयोग पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
नवगठित राज्य झारखंड इस वर्ष के सूरजकुंड अंतर्राष्टï्रीय शिल्प मेला का ‘थीम राज्य’, है जोकि प्रभावी ढंग से अपनी अनूठी संस्कृति एवं समृद्ध विरासत को प्रदर्शित कर रहा है। झारखंड ने मेले में मुख्य चौपाल के निकट मलूटी मंदिर द्वार का एक स्थाई ढांचा बनाया है। यह मंदिर वहां के सन्थाल परगना क्षेत्र में स्थित है। इसके अलावा, झारखंड के राज्य चिन्हों को प्रदर्शित करने वाले पांच और अस्थाई द्वार बनाए गए हैं। झारखंड से लगभग 300 कलाकार छाऊ, खैरा, करसा, पायका जैसी प्रसिद्ध लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।

 
दर्शकों के मूड को तरो-ताजा करने के लिए मिश्र, तंजानिया, जिम्बावे, सेशल्स, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान से आए अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों द्वारा शानदार प्रदर्शन किया जाएगा। मेला मैदान के ओपन एयर थियेटर चौपाल में उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र तथा अन्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के लोक कलाकारों द्वारा दिन के समय विभिन्न नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें हरियाणवी नृत्य, पंजाब पुलिस समूह द्वारा भंगड़ा व गिद्धा, मध्य प्रदेश के कलाकारों द्वारा बधाई, उत्तर प्रदेश से आए कलाकारों द्वारा बृज की होली व मयूर नृत्य, गुजरात के कलाकारों द्वारा राठवा, उत्तराखंड कलाकारों द्वारा चपेनी और झारखंड का पायका इत्यादि शामिल हैं।
मेला पखवाड़े के दौरान शाम के समय प्रस्तुत किये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों को पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर देंगे। इन कार्यक्रमों के दौरान दर्शक प्रख्यात कवियों द्वारा गुदगुदा देने वाले हास्य कवि सम्मेलन, अयान खान व अरमान खान द्वारा सरोद वादन, झारखंड के स्पंदनशील नृत्य, भागीदार देशों द्वारा इंटरनेशनल मैडले, नूरा सिस्टर्स द्वारा सुफियाना कलाम, पदम श्री रंजना गोहर द्वारा भारतीय शास्त्रीय प्रस्तुति, पंजाबी गायक मुहम्मद इरशाद के गायन, महाबीर गुड्डू व हरविंद्र राणा द्वारा हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सव से जुड़े कार्यक्रमों और विद्या शाह की प्रस्तुति के अलावा तेलंगाना के नृत्य एवं गायन शो का भी आनंद ले सकेंगे। ये कार्यक्रम रोजाना शाम छ: बजे के बाद चौपाल में आयोजित होंगे।
मेला मैदान 40.5 एकड़ क्षेत्र पर फैला है और इसमें शिल्पकारों के लिए बनी लगभग 1010 वर्क हट्स तथा बहु व्यंजन फूड कोर्ट बनाया गया है, जिसमें 36 फूड स्टाल लगाए गए हैं। यह फूड कोर्ट पर्यटकों में बेहद लोकप्रिय है। इस वर्ष पर्यटक मेले में बने फूड कोर्ट में भारतीय स्ट्रीट फूड एवं अन्य राज्यों के लजीज व्यंजनों का आन्नद ले सकेंगे जिनमें थीम स्टेट झारखंड और भागीदार राष्ट्र मिश्र, हरियाणा और पंजाब के ज़ायकों, वैभवशाली मुगलई, दक्षिण के सूक्ष्म सुगंधित व्यंजन तथा चीन के ओरिएंटल जायके शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, होटल प्रबंधन संस्थान फरीदाबाद और पानीपत द्वारा भी हरियाणा के विभिन्न स्थानीय व्यंजन प्रस्तुत किये जायेंगे।
हरियाणा और झारखंड राज्यों से एक-एक परिवार मेला मैदान में विशेष रूप से बनाए गए ‘अपना घर’ में निवास करेंगे और अपने-अपने राज्यों की ठेठ जीवनशैली को प्रदर्शित करेंगे। हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सवों के लिए हरियाणा के ‘अपना घर’ में मुक्केबाजी और कुश्ती जैसे राज्य के अति लोकप्रिय खेलों को भी प्रदर्शित किया गया है। महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए ‘अपना घर’ में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को भी प्रदर्शित किया गया है, जिसमें महिलाओं को मुक्केबाज, दूध दुहने वाली और गृहिणी की भूमिकाओं में दिखाया गया है।
सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन ने मेला मैदान को आकर्षक एवं जीवन्त रूप देने के लिए जैड एक्सिस डिजाइन कंसंलटेंट्स, नोएडा के पेशेवर सलाहकार मोयनीश गर्गा की सेवाएं ली हैं। फूलों और तितलियों, भव्य सूर्य और सूरजमुखी के फूलों, मेघाच्छादित आसमान व वर्षा तथा वृक्षों से समूचा मेला क्षेत्र स्पंदनशील और सजीव हो उठा है। प्रत्येक जोन वृक्षों और वर्कहट्स पर हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सव को दर्शाने वाले डिजाइनर झंडों की शक्ल में एक कलर कोड भी दिया गया है।
दोनों चौपालों (एमफीथियेटर्स) को मास्क तथा सजावटी सीलिंग के साथ पिलरों से फॉक थियेटर का लुक दिया गया है। फूड कोर्ट में विभिन्न मौसमी फलों के कट-आउट लगाए गए हैं। डिजाइन के लिए एक जैसी परम्परागत सामग्री जैसेकि द्वारों व पोल लाइटों के लिए बम्बू, दीयों और स्टैंडिंग लाइट्स के लिए गन्ने व धातु की टोकरियों, झंडों व पंतगों तथा अन्य प्रोप्स फेब्रिक का प्रयोग किया गया है।
सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन पहली बार वर्ष 1987 में भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्घि एवं विविधताओं को प्रदर्शित करने के लिए किया गया था। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण एवं हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से केन्द्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालयों और हरियाणा सरकार के सहयोग से आयोजित यह उत्सव सौंदर्यबोध की दृष्टिï से सृजित माहौल में भारत के शिल्प, संस्कृति एवं व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए अंतर्राष्टï्रीय पर्यटन कलैण्डर में एक विशेष महत्व एवं शोहरत रखता है।
सूरजकुंड शिल्प मेले के इतिहास में एक नया कीर्तिमान उस समय स्थापित हुआ जब वर्ष 2013 में इसे अंतर्राष्टï्रीय मेले का दर्जा मिला। इस वर्ष मेले में यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया से 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। जिम्बावे, तन्जानिया, ट्यूनीशिया, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका पहली बार मेले में भाग ले रहे हैं।
सूरजकुंड का इतिहास
सूरजकुंड के नाम की उत्पत्ति एक तोमर नेता, राजा सूरज पाल द्वारा 10 वीं सदी में यहां निर्मित एक प्राचीन रंगभूमि सूर्यकुंड से हुई है। यह एक अनूठा स्मारक है क्योंकि इसका निर्माण सूर्य देवता की आराधना करने के लिए किया गया था और यह यूनानी रंगभूमि से मेल खाता है। यह मेला वास्तव में भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्घि और विविधता का एक जीता-जागता स्वरूप है।
प्राचीन सूर्यकुंं ड की भव्य विरासत को उजागर करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मेले के दौरान इस स्मारक को आगंतुकों के लिए खुला रखा जायेगा तथा स्वच्छ भारत अभियान के भाग के रूप में इसकी बेहतरीन विरासत को बढ़ावा देने के लिए इसे साफ व स्वच्छ रखा जाएगा।

सूरजकुंड कैसे पहुंचें ?

मेला पखवाड़े के दौरान आईएसबीटी दिल्ली, शिवाजी स्टेडियम गुरुग्राम और फरीदाबाद से सूरजकुंड आने-जाने के लिए विशेष बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
विशेष मेला एक्सप्रैस बसें हरियाणा के दूर-दराज के क्षेत्रों को सूरजकुंड से जोडऩे का काम करेंगी। इसके अतिरिक्त, बल्लबगढ़ से तुगलकाबाद मैट्रो स्टेशन वाया सूरजकुंड और तुगलकाबाद मैट्रो स्टेशन से बल्लबगढ़ वाया सूरजकुंड, बदरपुर मैट्रो स्टेशन से सूरजकुंड तथा वापसी के लिए 30 मिनट के अंतराल पर बस सेवा उपलब्ध होगी।
केन्द्रीय सचिवालय से बदरपुर वाया सरिता विहार एवं मोहन एस्टेट के लिए मैट्रो सेवाएं भी उपलब्ध हैं। बदरपुर फरीदाबाद और दिल्ली शहर की अंतर्राज्यीय सीमा के निकट स्थित है।

मेला एक से 15 फरवरी, 2017 तक रोजाना प्रात: 10.30 से सांय 8.30 तक खुला रहेगा।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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