आंदोलन को होगा शांतिपूर्वक
प्रदेश सरकार नहीं है जाट समुदाय की मांगों के प्रति गंभीर : यशपाल मलिक
सरकार आंदोलन को बनाना चाहती है यशपाल मलिक बनाम प्रदेश सरकार
गुडग़ांव, (अशोक): प्रदेश सरकार जाट समुदाय के आरक्षण के प्रति गंभीर नहीं है। जाट समुदाय की आरक्षण की मांग उचित है, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। यदि प्रदेश सरकार चाहती तो समुदाय की मांग को समय रहते मान लेती और जाट समुदाय को आंदोलन करने की जरुरत ही न पड़ती। प्रदेश सरकार समुदाय के तथाकथित पूर्व नेताओं को लेकर समुदाय को भ्रम में डालना चाहती है, लेकिन जागरुक समुदाय ऐसा नहीं होने देगा।
प्रदेश सरकार समुदाय के आंदोलन को यशपाल मलिक बनाम प्रदेश सरकार बनाना चाहती है, लेकिन ऐसा हरगिज नहीं होगा। रविवार से शुरु होने जा रहा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्वक होगा। जाट समुदाय उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों का पूरी तरह से विरोध करेगा। इन राज्यों में समुदाय की टीमें विरोध करने के लिए भेज दी गई हैं। उक्त आरोप अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रधान यशपाल मलिक ने शनिवार को सिविल लाईन क्षेत्र स्थित एक बैंकट हॉल में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर लगाए।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश सरकार ने ही आंदोलन को भडक़ाने का काम किया था। जो हिंसात्मक घटना घटित हुई थी वे सब प्रदेश सरकार की ही देन थी। उन्होंने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब सरकार कह रही है कि समुदाय की मांगों को 15 दिन में पूरा कर दिया जाएगा यह सब एक छलावा है। प्रदेश का जाट समुदाय अब इन छलावों में आने वाला नहीं है। आज रविवार से शुरु होने जा रहा समुदाय का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्वक होगा और यह आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक उनकी 7 मांगें पूरी नहीं हो जाती। इन मांगों में आरक्षण का मुद्दा अहम है।
गत वर्ष हुए आंदोलन के दौरान मारे गए समुदाय के सभी 30 लोगों को समुचित मुआवजा दिया जाए और उनके आश्रितों को नौकरी भी दी जाए, आंदोलन में घायल व असक्षम हो गए लोगों को समुचित मुआवजा दिया जाए, सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ कार्यवाही की जाए, सरकार ने जो मुकदमें लोगों पर दर्ज किए हुए हैं वे वापिस लिए जाएं, जेल में बंद आरोपियों को रिहा किया जाए, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय प्रदेश में आरक्षण मांग रहा है, कोई भीख नहीं मांग रहा। सांसद राजकुमार सैनी ने गत वर्ष आंदोलन के दौरान भडक़ाऊ भाषण देकर और ओबीसी बिग्रेड द्वारा कराई गई घिनौनी कार्यवाही ने आग में घी डालने का कार्य किया है, उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की जाए।
उन्होंने प्रदेश के वित्तमंत्री अभिमन्यू सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका वह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है जो उन्होंने गत दिवस दिया है कि चंदाखोर ही आंदोलन कर रहे हैं। संघर्ष समिति के प्रधान ने बताया कि यूपी, पंजाब व उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवारों का पूरी तरह से विरोध किया जाएगा। इसके लिए टीमों का गठन भी कर दिया गया है। आज रविवार को दिल्ली में भी हरियाणा में शुरु हो रहे जाट समुदाय के समर्थन में धरना प्रदर्शनों का आयोजन भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जाट समुदाय की वार्ता हुई थी, जिसमें उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में लंबित पड़े समुदाय की आरक्षण की मांग का समाधान कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी यूपी में अपनी चुनाव सभा में सांसद राजकुमार सैनी को भी ले जाएं, वहां पता चल जाएगा कि समुदाय को गालियां देने का क्या हश्र होता है। पत्रकारवार्ता में आरक्षण संघर्ष समिति के सुरेश चौधरी, रणजीत सहरावत व महेंद्र सिंह मलिक भी मौजूद थे।