उद्योग विभाग में कर्मचारियों के होंगे ऑनलाइन स्थानांतरण

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अब अपनी पसंद के अनुसार पा सकेंगे नियुक्ति व स्थानांतरण 

ड्राफ्ट ऑनलाइन स्थानांतरण नीति तैयार, कर्मियों से मांगे सुझाव 

चण्डीगढ :  हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग ने अपनी ड्राफ्ट ऑनलाइन स्थानांतरण नीति तैयार की है और विभाग के तहत आने वाले सभी संस्थानों के प्रधानों से 10 फरवरी, 2017 तक टिप्पणियां आमंत्रित करने के लिए इसे अपनी वैबसाइट www.itiharyana.gov.in पर अपलोड किया है ताकि इस नीति में अच्छे एवं व्यावहारिक सुझावों को शामिल किया जा सके। 

विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि टिप्पणियां एवं सुझाव केवल ईमेल आईडी – [email protected]  पर ही भेजे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीति का उद्देश्य प्रशिक्षुओं के हितों का विशेष ध्यान रखते हुए उपलब्ध स्टाफ को उचित रूप से तैनात करना है ताकि क्षेत्रों तथा संस्थानों में कर्मचारियों की एक समान नियुक्ति की जा सके।  इससे उपलब्ध स्टाफ की तैनाती अनुकूलतम तरीके से हो सकेगी और उनका संतुष्टि स्तर भी बढ़ेगा। 

किन पदों पर होगी लागू ?

यह स्थानांतरण नीति शैक्षणिक सत्र 2017-18 से सभी आईटीआईज़, आईटीआईज़ (महिला) में टीचिंग काडर के साथ-साथ प्रधानाचार्यों, समूह अनुदेशकों, अधीक्षकों, उप-अधीक्षकों, स्टोर कीपर, सहायकों, लेखाकार एवं लिपिकों समेत लिपिकीय काडर पदों पर लागू होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सेवा या विभाग या दोनों के आवश्यकतानुसार सभी कर्मचारियों को राज्य में कहीं भी कितनी भी अवधि के लिए स्थानांतरित एवं नियुक्त किया जा सकता है। 

अपनी पसंद के अनुसार पायें नियुक्तियां 

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में ऑनलाइन स्थानांतरण नीति के तहत 25 या इससे अधिक स्वीकृत पदों वाले ट्रेड काडर को कवर किया जाएगा। सभी स्थानांतरण एवं नियुक्तियां कर्मचारी द्वारा दी गई उसकी पसंद के आधार पर ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से की जाएंगी। कर्मचारी के आग्रह पर या उसकी पसंद के स्थल पर स्थानांतरण किए जाने पर टीए/डीए नहीं दिया जाएगा। स्थानांतरण विशेषकर शैक्षणिक सत्र के समाप्त होने अर्थात जुलाई मास में किया जाएगा। केवल असाधारण परिस्थितियों में ही शैक्षणिक सत्र के बीच में स्थानांतरण किया जाएगा। स्थल पर कर्मचारी की सामान्य अवधि तीन वर्ष की होगी। शत प्रतिशत परिणाम आने पर उसे अधिकतम पांच वर्ष तक एक स्थान पर रहने की अनुमति होगी। बहरहाल, तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के उपरांत कर्मचारी रिक्ति के विरूद्घ या आपसी स्थानांतरण आधार पर स्थानांतरण के लिए पात्र होगा। आगामी एक वर्ष के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों पर स्थानांतरण के लिए विचार नहीं किया जाएगा बशर्ते कि किसी प्रकार की प्रशासनिक आवश्यकता न हो या उन्होंने स्वयं आग्रह न किया हो। 

पति एवं पत्नी दोनों को एक ही स्टेशन

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के कर्मचारी सहित दम्पत्ति कर्मचारी के स्थानांतरण के मामले में जहां तक संभव होगा पति एवं पत्नी दोनों को एक ही स्टेशन पर या निकटवर्ती स्टेशन पर नियुक्त करने पर विचार किया जाएगा। कर्मचारी दम्पत्तियों की समान श्रेणी में टाई होने की स्थिति में पुरूष कर्मचारियों के बदले महिला कर्मचारी को अधिमान दिया जाएगा।  ट्रेड या क्राफ्ट अनुदेशकों के स्थानांतरण उनकी शैक्षणिक योग्यता को मद्देनजर करते हुए किए जाएंगे। ट्रेड इकाइयों की एनसीवीटी के साथ सम्बद्घता की सुविधा के लिए डीजीटी, भारत सरकार, सम्बद्घता निर्देश के आधार पर डिग्री या डिप्लोमाधारक अनुदेशकों और आईटीआई जमा सीटीआई/टीटीसी अनुदेशकों में 50:50 के अनुपात में किया जाएगा।

अनुकंपा आधार पर स्थानांतरण

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक आधार पर राज्य सरकार के पूर्व आदेशों से कर्मचारी को किसी भी समय स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अनुकंपा आधार पर स्थानांतरण के मामले में कर्मचारियों को अधिमानत: के आधार पर उसी जिले में या नियुक्ति के वांछित स्थल के 30 किलोमीटर के दायरे में समायोजित करने का प्रयास किया जाएगा। 

आग्रह पर स्थानांतरण के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनके पसंदीदा स्टेशनों पर स्थानांतरित करने के आग्रह पर कुछ शर्तों के आधार पर केवल प्रशासनिक आवश्यकताओं और उम्मीदवारों के प्रशिक्षण के हितों को मद्देनजर रखते हुए ही कार्यवाही की जाएगी।  ऐसे आग्रह वर्ष में एक से 15 जून तक विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन किए जा सकते हैं। पांच पंसदीदा स्टेशन देना आवश्यक होगा। 

एक वर्ष में कितने बार स्थानातरण  

उन्होंने कहा कि सामान्य स्थानांतरण वर्ष में केवल एक बार किए जाएंगे। बहरहाल, प्रशासनिक आवश्यकता, पति या पत्नी के आकस्मिक निधन, पति या पत्नी के क्रोनिक रोग या स्थायी दिव्यांगता, राज्य सरकार के विभागों या संगठनों के कर्मचारी की पति या पत्नी के स्थानांतरण तथा महिला, विधवा, विधुर, दिव्यांग, गंभीर बीमारी जैसी विशेष श्रेणियों के अलावा अनुकंपा आधार पर वर्ष में किसी भी समय स्थानांतरण किया जा सकता है।

कब जारी होगी डीम्ड रिक्तियों की अधिसूचना ?

उन्होंने कहा कि वास्तविक रिक्तियों तथा डीम्ड रिक्तियों की अधिसूचना एक से 31 मई तक जारी की जाएगी। यदि पति एवं पत्नी दोनों औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग में कार्य कर रहे हैं तो उनका पांच वर्ष के बाद स्थानांतरण किया जाएगा। यूटी प्रशासन या अन्य राज्यों या राज्य सरकार के दूसरे विभाग जहां वे प्रतिनियुक्ति पर थे, से अपने विभाग में वापिस आने वाले कर्मचारियों को भी नीति के अनुसार संस्थान के लिए अपना विकल्प देने को कहा जाएगा। दिव्यांगों को छोडक़र अन्य कर्मचारियों के लिए एक स्थल पर कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष का कार्यकाल होगा। स्वीकृत पदों के पुन: वितरण के आधार पर जो कर्मचारी सरप्लस पाए जाएंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाएगा चाहे उस संस्थान में उनका तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा न ही हुआ हो। अपनी पसंद के संस्थान में स्थानांतरण या नियुक्ति को अपना अधिकार या दावा नहीं मानेंगे। एक बार लिए गए विकल्प को अंतिम माना जाएगा  और केवल नीति के प्रावधानों के तहत ही बदला जा सकेगा। आपसी स्थानांतरण के आग्रह भी ऑनलाइन देने होंगे। बहरहाल, यदि दोनों आवेदक एक दूसरे से 10 किलोमीटर की दूरी के स्टेशनों या एक ही कैम्पस में नियुक्त हैं तो ऐस आग्रह पर विचार नहीं किया जाएगा। 

पोर्टल पर देनी होगी जानकारी 

उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी अपनी साख के संबंध में पोर्टल पर  डाटा के नियमित अद्यतन एवं सटीकता के लिए जिम्मेदार होंगे।  यदि कर्मचारी कोई गल्ती नोटिस करता है तो सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रासंगिक प्रमाण प्रस्तुत करने उपरांत उचित प्रक्रिया को अपनाकर उन्हें सही करवाया जा सकता है। जब और जैसे ही स्थिति बदलती है कर्मचारी प्रोफाइल का अद्यतन करने के लिए जिम्मेदार होगा। लॉगिन करने पर सभी संबंधित कर्मचारी उन द्वारा पोर्टल पर पहले दिए गए सभी विकल्प भी देख सकेंगे। नई नियुक्ति और पदोन्नति के मामले में कर्मचारी को राज्य भर में कहीं भी रिक्ति के विरूद्घ नियुक्ति किया जा सकता है। बहरहाल, आबंटन अपनी पसंद के आधार पर और उनके द्वारा प्राप्त स्कोर के अनुसार किया जाएगा। स्थानांतरण ऑनलाइन आवेदन साफ्टवेयर के माध्यम से ही किया जाएगा। बहरहाल, पांच प्रतिशत मामलों की दस्ती तौर पर जांच की जाएगी। 

 

कितने दिनों में होगा क्रियान्वयन ? 

उन्होंने कहा कि सभी स्थानांतरण आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर क्रियान्वित किए जाएंगे। पीडि़त कर्मचारी नए नियुक्ति स्थल पर कार्यभार संभालने के उपरांत आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर सक्षम प्राधिकारी को प्रतिवेदन दे सकता है। उसके प्रतिवेदन पर नीति के अनुसार विचार किया जाएगा और  उस पर की गई कार्यवाही बारे 15 दिनों के अंदर सूचित किया जाएगा। यदि कर्मचारी आरम्भिक नियुक्ति के समय नूंह जिला का निवासी है या बाद में ऐसी रिक्ति, जिसके लिए किसी कर्मचारी ने विकल्प न दिया हो, के विरूद्घ नूंह जिला का विकल्प लेता है तो उसे वहां नियुक्ति के दौरान मूल वेतन जमा डीए पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत अदा किया जाएगा। सभी कर्मचारियों को सिविल सेवाएं आचरण नियम तथा स्थानान्तरण दिशानिर्देश का अनुसरण करना होगा। कर्मचारी बाहर से सिफारिश नहीं करवाएंगे। यदि ऐसी कोई सिफारिश किसी भी स्रोत से प्राप्त होती है, तो ऐसा माना जाएगा यह अनुदेशक द्वारा की गई है। ऐसे अनुदेशकों या ग्रुप अनुदेशकों के आग्रह पर विचार नहीं किया जाएगा। इस सम्बन्ध में किसी भी विचलन को गम्भीरता से लिया जाएगा तथा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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