उलेमा और प्रमुख लोगों ने जमकर की तारीफ
यूनुस अलवी
मेवात: पूर्व मंत्री मरहूम अजमत खां कि बर्सी को हर जहां वर्ष धूम-धाम से मनाने वाले उनके पुत्रों ने मंगलवार को उनकी 23वीं बर्सी आम और गरीब लोगों को पेट भर खाना खिलाकर मनाई। इस मौके पर मरहूम पूर्व मंत्री चौधरी अजमत खां के बेटे विधायक रहीश खान, पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहम्मद, इलयास सरपंच सहित सातों बेटे मौजूद रहे। उन्होने खुद खडा होकर गरीब और आम लोगों को खाना खिलाया। मरहूम अजमत खां कि बर्सी को सादगी तरीके से और लोगो को खाना खिलाकर मनाये जाने पर उलेमा और प्रमुख लोगों ने जमकर तारीफ की है।
बरसी के मौके पर जहां मदरसे के नन्हें-नन्हें बच्चों द्वारा कुरान सरीफ की तिलावत करके मरहूम अजमत खान के लिए दुआ मांग मांगी गई वहीं दूसरी ओर हल्के के लोगों के लिए दावत का आयोजन किया गया। जिसमे पंच-सरपंच सहित हजारों लोगों ने पहुंच कर अजमत खान को श्रदांजली देकर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर पुलिस कप्तान कुलदीप सिंह यादव व जिलाध्यक्ष सरेंद्र प्रताप आर्य, मौलवी यायाहा, मौलवी नसीर व व्यापार मंडल के प्रधान संजीव सिकरैया व मित्रसैन आहूजा ने शिरकत की।
जमियते उलेमा हिंद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंदीगढ के सदर मोलाना याहया ने कहा कि लोग अपने बुजुर्गो कि बर्सी या जन्म दिवस को अकसर लोग जनसभा करके मनाते हैं। जिसमें काफी फिजूल खर्ची होती है। इससे मरने वाले को कोई सवाब नहीं मिलता है। उन्होने कहा कि इसबार चौधरी अजमत खां के पुत्रों ने गरीब और अमीर लोगों को एक साथ खाना खिलाकर पुण्य का काम किया है। इस अवसर पर सुरेंद्र प्रताप आर्य ने कहा कि पूर्व मंत्री मरहूम चौधरी अजमत खान आज भले ही इस दुनिया में नहीं हो लेकिन उनके द्वारा समाज हित में किए गए कल्याणकारी कार्यों के चलते आज भी लाखों लोगों के दिल में बसे हुए हैं। उन्होंने अपने मंत्री पद के कार्याकाल में न केवल हजारों बेरोजगारों को रोजगार दिया बल्कि जिले के विकास में अहम भूमिका निभाई थी। जिससे आज भी वो जिले के लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। इस अवसर पर इरशाद ब्लाक समीति चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन समसुद्ीन, मौलाना जुहरूद्ीन, संजय सिंगला सरपंच पिनगवां, बीडीपीओ अमित चौधरी, संतराम नायब तहसीलदार, राकेश कंसल सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
गौरतलब है कि मरहूम चौधरी अजमत खां का जन्म 23 जनवरी 1935 को गांव नीमखेडा में एक किसान के घर हुआ था। उनके अंदर शुरू से ही समाजसेवी करने की ललक थी। इसी वजह से वह 1960 से 1977 तक लगातार गांव नीमखेडा के सरपंच रहे। सबसे पहले उन्होने 1987 में हल्का फिरोजपुर झिरका से चुनाव लडा और देवीलाल कि सरकार में पशुपालन मंत्री बने।
गांव डोंडल, नीमखेडा, बडेड गोकलपुर, एेंचवाडी काफी गांवो में बाढ आ गई जिसमें लोगों की जी-जान से मदद की । बाढ प्रभावित गांवो का कर्ज मांफ करवाने में अहमं भूमिका निभाई।
उन्होने अपने मंत्रित्व काल में करीब 1500 मेवात के बेरोजगार नोजवानों को नौकरी दिलवाई। जिनमें से सैंकडो अपनढ युवाओं को पशुपालन विभाग में बतौर बूलेटेंट कि नोकरी। उन्होने अग्रेजो के समय से अधूरे बीमा रोड को बनवाया। फिरोजपुर झिरका में जुडिशियल कंपलेक्स खुलवाया। मेवात के पांच दर्जन से अधिक गांवों में पशु चिक्तिसा डिस्पेंस्री खुलवाई। उन्होने काफी लिंक रोड व नए स्कूल ख्ुालवाए।
आखिरकार 17 जनवरी 1994 को गुडगांव में एक मरीज कि बिमार का हाल-चाल पूछने गये वहीं उनका दिल का दौरा पडने से देहांत हो गया।
मरहूम अजमत खां कि विरासत का उनके पुत्र आजाद मोहम्मद और रहीश खान बाखूबी निभा रहे हैं। अहमत खां के बडे पुत्र मोहम्मद आजाद प्रेदश सरकार में एक बार मंत्री और एक बार डिप्टी स्पीकर रहे चुके हैं जबकी उनके दूसरे पुत्र रहीश खा फिलहाल पुन्हाना से निर्दलीय विधायक हैं। जिन्होने भाजपा सरकार को अपना समर्थन दे रखा है।