नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय खबरों के अनुसार भारत ने यूक्रेन संकट मामले में रूस को एक बार फिर निराश किया है. खबर है कि भारत ने यू एन ओ में पुतिन की गुप्त मतदान वाली मांग को खारिज कर दिया. संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध कब्जे को लेकर रूस के खिलाफ एक मसौदा प्रस्ताव लाया गया. इस प्रस्ताव में रूस की निंदा करने के लिए खुले मतदान की मांग की गई. पुतिन चाहते थे कि इस प्रस्ताव पर गुप्त मतदान हो. लेकिन पुतिन की इस मांग को खारिज करते हुए भारत ने यूएन में प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाल दिया .
भारत सहित संयुक्त राष्ट्र के 107 सदस्य देशों द्वारा वोट के पक्ष में मतदान किया गया . इस प्रस्ताव के माध्यम से गुप्त मतदान के लिए मास्को की मांग को नकार दिया गया. केवल 13 देशों ने गुप्त मतदान की मांग करने के रूस की मांग के पक्ष में मतदान किया. दूसरी तरफ 39 देशों ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. रूस और चीन ने भी वोट नहीं किया.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत सहित 104 देशों द्वारा इस तरह के पुनर्विचार के खिलाफ मतदान करने के बाद प्रस्ताव पर पुनर्विचार नहीं करने का फैसला किया. यू एन ओ में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता “एक अपमानजनक धोखाधड़ी का गवाह बन गई है. उन्होंने कहा कि इसमें दुर्भाग्य से महासभा के अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वसीली नेबेंजिया ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व हेरफेर है जो आम सभा और समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के अधिकार को कम करता है. बेशक, ऐसी परिस्थितियों में हमने वोट में हिस्सा नहीं लेने का विकल्प चुना.