नई दिल्ली : वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने आज कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान भारत के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स एंड सप्लाई चेन सम्मेलन में उद्योग जगत के हितधारकों को संबोधित करते हुए श्री सोम प्रकाश ने कहा कि भारत दुनिया में निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है। श्री सोम प्रकाश ने कहा कि सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कार्ययोजना तैयार की हैं ताकि देश में व्यवसायों को फलने-फूलने में मदद मिल सके। उनमें से एक है पीएम गति शक्ति मास्टरप्लान और इसका कार्यान्वयन, जो हमें लॉजिस्टिक दक्षता में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
एक अवसंरचना मास्टर प्लान छह वर्षों में उलझे हुए साइलो को तोड़कर एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से बदलाव लाएगा। पीएम गति शक्ति मास्टरप्लान को इस वर्ष के बजट में 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। मंत्री महोदय ने कहा कि सात इंजनों – सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, जन परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक्स द्वारा संचालित – पीएम गति शक्ति एक विचार है जिसका समय आ गया है।
राज्य मंत्री ने गति शक्ति के लिए एक विशेष मंच बनाने में अग्रणी होने के लिए पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसके योगदान विश्व स्तर पर अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के साथ उद्देश्यों को संरेखित करने में लंबा सफर तय करेगा।
इस योजना को सफल बनाने में मदद करने के लिए, मंत्री महोदय ने सभी उद्योग हितधारकों से इस दिशा में सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया ताकि इसके महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त हो सकें।
भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग में विशेष सचिव – लॉजिस्टिक्स, अमृत लाल मीणा ने कहा कि इस दिशा में, मुख्य रूप से परिवहन और ईंधन की परिवहन लागत और लॉजिस्टिक दक्षता लाने के लिए इन्वेंट्री लागत पर बहुत काम किया जा रहा है। योजना के कार्यान्वयन में समय और लागत की अधिकता चिंता के प्रमुख कारक हैं। इन्हें शून्य स्तर पर लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान में, राज्य सरकारों के सभी विभिन्न मंत्रालयों की 600 परतों को बेहतर समन्वय और शीघ्र समाधान के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकीकृत किया गया है। श्री अमृत लाल मीणा ने कहा कि अनावश्यक भीड़भाड़ को समाप्त करने के लिए परिवहन के संबंध में कमियों की पहचान की जाती है और प्राथमिकता के आधार पर उन्हें दूर किया जाता है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने उल्लेख किया कि भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र एक बड़े विकास के स्तर पर है। घरेलू रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार, भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के मध्यम अवधि में 8-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यह 7.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) में सुधार है जिस पर पिछले पांच वर्षों के दौरान उद्योग का विकास हुआ। इसके अलावा, सरकार का ध्यान लॉजिस्टिक्स की लागत को मौजूदा 14.4 प्रतिशत से कम करने पर है। श्री मुल्तानी ने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह निर्यात को बढ़ावा देगा, रोजगार पैदा करेगा और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख स्थान प्रदान करेगा।