नई दिल्ली : विश्व पर्यावरण दिवस 2022 के अवसर पर रविवार को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा ऑनलाइन क्विज गंगा क्वेस्ट 2022 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया। इस बार इस ऑनलाइन क्विज में हिस्सा लेने वालों की संख्या पहले की तुलना काफी ज्यादा रही। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई भागीदारी के कारण वैश्विक पटल पर भी गंगा क्वेस्ट 2022 की सशक्त पहचान बनी है। गंगा क्वेस्ट के चौथे संस्करण में भारत के 683 जिलों से प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। गंगा क्वेस्ट 2022 के श्रेणी-वार विजेता श्रेणी- I में माविया श्रीवास्तव पहले, बंदना कौर को दूसरे और मोनिका स्वामी तीसरे स्थान पर रहीं. वहीँ आठवीं कक्षा तक की श्रेणी में अनिरुद्ध नायर पहले, रेणु सैनी दूसरे और प्रतीक आदर्श तीसरे स्थान पर रहे. जबकि, कक्षा 9-12 तक के ग्रुप में संजय होलानी पहले, खुशी माहेश्वरी दूसरे और शुभम मंत्री तीसरे पायदान पर रहे।
गंगा क्वेस्ट के साथ ही आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर थाईलैंड में आईसीसीआर द्वारा नमामि गंगे पर एक वेबिनार का भी आयोजन किया गया था। इस मौके पर एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने अपनी बात रखी. उन्होंने नमामि गंगे कार्यक्रम पर बात करते हुए कहा कि गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने के लक्ष्य को पाने में हम काफी हद तक सफल रहे हैं, जिसका प्रमाण कुंभ मेला 2019 था. इस दौरान 20 करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा नदी में स्नान किया था। उन्होंने ‘अर्थ गंगा’ के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य लोगों को इकॉनमी के माध्यम से नदी से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि अर्थ गंगा के तहत छह कार्यक्षेत्रों पर काम किया जा रहा है – जिसमें शून्य बजट प्राकृतिक खेती, आजीविका सृजन के अवसर, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन, मुद्रीकरण और कीचड़ और अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, सार्वजनिक भागीदारी और संस्थागत व्यवस्था शामिल है। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को भारत और गंगा नदी की महान परंपरा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।
एक वीडियो संदेश के माध्यम से गंगा क्वेस्ट 2022 के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा “मैं गंगा क्वेस्ट 2022 के सभी बच्चों और अन्य प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देता हूं।” उन्होंने बताया कि गंगा क्वेस्ट 2019 में शुरू किया गया था और तब से यह पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। जिसका उद्देश्य गंगा कायाकल्प से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाना है। क्विज में इस बार एक लाख सत्तर हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि 7 लाख से अधिक लोगों ने इसमें पंजीकरण कराया था। कार्यकारी निदेशक (तकनीकी), श्री डी.पी. मथुरिया ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि लोग स्वच्छ गंगा मिशन के दूत हैं और इसी तरह नमामि गंगे के संदेश को आगे बढ़ाएं।
गंगा क्वेस्ट 2022 में इस बार सबसे ज्यादा भागीदारी झारखंड से रही. इसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमशः दिल्ली और उत्तर प्रदेश रहे। सभी गंगा बेसिन राज्यों ने जिला गंगा परिषद, एनवाईकेएस गंगा दूत, गंगा मित्र, गंगा प्रहरी, गंगा विचार मंच, शैक्षणिक संस्थानों जैसे जमीनी स्वयंसेवकों के बेहतरीन प्रयासों के कारण उच्च भागीदारी दिखाई।
ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी विश्व स्वास्थ्य दिवस, 7 अप्रैल को शुरू हुई थी, जिसका समापन 29 मई 2022 को हुआ। ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी के पहले दौर में सभी 4 विषयों को कवर करने वाले ऑडियो-विजुअल प्रश्न थे, जबकि दूसरे दौर में, प्रतिभागियों को केवल एक का चयन करने के लिए कहा गया था। चार विषय जहां से प्रश्नों का चयन किया गया था, उन चार विषयों में आजादी का अमृत महोत्सव और अर्थ गंगा, भौतिक भूगोल और प्रसिद्ध स्थान / व्यक्तित्व, करंट अफेयर्स और शासन और वनस्पति और जीव और प्रदूषण / जल उपचार तकनीक शामिल हैं। लाइव क्विज का संचालन पेशेवर क्विज मास्टर श्री अजय पूनिया ने किया। प्रत्येक श्रेणी के शीर्ष 3 विजेताओं को लैपटॉप, और टैबलेट/किंडल से सम्मानित किया जाएगा; लाइव क्विज के सभी 168 क्वालिफायर को 2,500 रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा।
गंगा क्वेस्ट 2022 का उद्देश्य लोगों के भीतर ज्ञान को बढ़ाना और बच्चों और युवाओं को गंगा नदी के प्रति संवेदनशील बनाना है. इसकी विशेषताएं – भौतिक भूगोल, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व, वनस्पति और जीव; इसका शासन – समसामयिक मामले और पूर्व प्रयास; प्रसिद्ध स्थान और व्यक्तित्व; सामाजिक-आर्थिक और आजीविका; प्रदूषण और जल उपचार प्रौद्योगिकी है। गंगा क्वेस्ट 2022 को नमामि गंगे की एक पहल ‘CLAP 4 गंगा’ पर होस्ट किया गया था।
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए, एनएमसीजी और गैर सरकारी संगठनों के एक समूह ने दिल्ली में यमुना नदी के घाटों पर स्वच्छता और जागरूकता अभियान चलाया। 28 मई 2022 को एनएमसीजी द्वारा स्वच्छ यमुना अभियान शुरू किया गया जिसमें स्कूल/कॉलेजों के छात्रों, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम आदि के अधिकारियों ने भाग लिया था। यमुना नदी के किनारे 7 घाटों पर श्रमदान गतिविधियों का आयोजन किया गया था।