यूनुस अलवी
मेवात : मेवात जिला के गांव तुण्डलाका में गत 18 दिसम्बर को मेवात ज़िला प्रशासन द्वारा पंचायत की जमीन को खाली कराने की नाम पर तोड़े 85 मकानों के परिवारों के पीड़ित लोगो को रसूली-कँवर खान ट्रस्ट की ओर से रविवार को करीब 100 गर्म कम्बल बांटे गये। इस मौके पर पीड़ित परिवारों ने ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुऐ कहा कि कोई तो है जो उनके दुख को देखता है, वर्ना इस बार पुन्हाना विधान सभा का 19 लोगो ने चुनाव लड़ा था लेकिन उनमे से एक भी उनका हाल चाल पूछने तक नहीं आया।
पीडित लुकमान और अबदुल रशीद का कहना है कि मेवात प्रशासन ने उनके साथ ना इंसाफी की है। मकानों को तोडने से एक दिन पहले तीन दर्जन लोग मेवात के डीसी मणिराम शर्मा से नूंह में उनके कार्यालय पर मिले थे जहां डीसी ने आश्वासन दिया था कि किसी भी आदमी के पक्के मकान नहीं तोडे जाऐगें। पीडित लोगों का कहना है कि उन्होने प्रशासन को हल्फाना दिये थे कि शर्दी के बाद वे अपने मकानों को खुद हटा लेंगें लेकिन डीसी ने उनके साथ विश्वाधात किया और उनको केवल 20 मिनिट का समय दिया गया और उनके करीब 40 साल पुराने मकानों को थोडी देर में ही ठहा दिया गया। वहीं पीडित लोगों का कहना है कि यहां पर करीब 80 परिवार ठंठ के मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
वहीं रसूली-कवंर खां ट्रस्ट के अध्यक्ष महमूद खां और उपाध्यक्ष सनोवर खान का कहना है कि उनको जब पता चला कि ठंठ के मौसम में 80 परिवार खुले में रहने को मजबूर हैं। उन्होने लोगों को थोडा से सहारा देने कि कोशिष की है। उनका कहना है कि प्रशासन ने 80 परिवारों के घरों से पंचायत कि जमीन का खाली नहीं कराया बल्कि उनको उजाड दिया है। आज गरीब लोग अपने घरों के सामने खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो रहें हैं। उनका कहना है कि जब प्रशासन ने उनको हटाया ही था तो कम से कम प्रशासन का इतना तो फर्ज बनता था की उनको सिर ढांपने के लिये जगह मुहईया कराते।